दर्पण न्यूज़ सर्विस
तेल अवीव, 29 मार्चः ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स पर देश में भारी विरोध का सामना कर रहे इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अमेरिकी राष्ट्रपति की इस मामले पर सलाह नागवार गुजरी। जो बाइडेन ने इजराइल के हालात पर चिंता जाहिर की थी। इसे नेतन्याहू ने घरेलू मामलों में दखलंदाजी माना और बाइडेन को इजराइल के घरेलू मामलों से दूर रहने की सलाह दी।
इजराइली प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा- हम नहीं चाहते कि कोई बाहरी ताकत हमारे घरेलू मामलों में दखल दे। इजराइली सरकार और जनता अच्छे से जानती है कि इन मामलों से कैसे निपटा जाता है।
बाइडेन की सलाह
मंगलवार को जो बाइडेन ने मीडिया से बातचीत में कहा था- इजराइल की हालात को लेकर मुझे बहुत फिक्र है। वहां डेमोक्रेसी सही तरीके से चलनी चाहिए। उम्मीद है नेतन्याहू हालात को समझेंगे और जो जरूरी होगा वो समझौता करेंगे। हम वहां के हालात पर नजर रख रहे हैं।
बाइडेन ने आगे कहा था- दूसरे लोगों की तरह मैं भी इजराइल का बहुत बड़ा सपोर्टर हूं। इसलिए वहां जो कुछ हो रहा है, उसको लेकर फिक्रमंद हूं। हम वहां दखलंदाजी नहीं करना चाहते। अमेरिका का रुख पहले भी यही था और अब भी यही है।
राजधानी तेल अवीव के हाईवे पर लोगों ने ज्यूडिशियल बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया।
और नेतन्याहू का जवाब
- बाइडेन के बयान पर बुधवार को मीडिया ने इजराइली प्राइम मिनिस्टर से सवाल किए। इस पर उन्होंने कहा- इजराइल संप्रभु यानी सॉवरेन देश है। वो अपने फैसले खुद करता है और ये देश के हित में होते हैं। इस मामले में किसी दूसरे को देश को हम दखलंदाजी का अधिकार नहीं देते।
- नेतन्याहू ने आगे कहा- बाइडेन को मैं 40 साल से जानता हूं। वो इजराइल के बारे में हमेशा सही सोचते आए हैं। हम अपने लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देंगे। ज्यूडिशियल रिफॉर्म्स पर जो दो-तीन दिक्कतें थीं, हमने उन बातों को बिल से हटा दिया था। अब संसद में इस बात बातचीत होगी।
- ल के खिलाफ बयान देने पर नेतन्याहू ने 26 मार्च को अपने रक्षा मंत्री योआव गैलैंट को बर्खास्त कर दिया था। योआव ने एक दिन पहले टीवी इंटरव्यू में कहा था कि देश के न्यायालय को कमजोर करने के लिए लाए गए बिल से मिलिट्री में भी फूट पड़ रही है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। सरकार को इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए।
सोमवार को एयरपोर्ट वर्कर्स की हड़ताल के चलते तेल अवीव एयरपोर्ट से फ्लाइट्स का टेक ऑफ रोक दिया गया था।
टीचर्स-डॉक्टर्स समेत प्रदर्शन कर रहा था पूरा देश
इससे पहले 26-27 मार्च को इजराइल में ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के खिलाफ प्रदर्शन और तेज हो गए थे। टीचर्स और डॉक्टर्स भी अपना काम छोड़कर प्रदर्शनों में शामिल हो गए थे। लोगों ने नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया था। वहीं, तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोगों ने नेतन्याहू सरकार के खिलाफ हड़ताल कर दी थी। इसकी वजह से फ्लाइट्स के टेकऑफ पर रोक लगा दी गई थी।
26-27 मार्च को प्रोटेस्ट में देशभर के टीचर्स, डॉक्टर्स और एयरपोर्ट कर्मी भी शामिल हो गए।
3 प्वाइंट्स में जानें क्या है ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल...
- जनवरी में इजराइल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक प्रस्ताव जारी किया। इसके पास होने पर इजराइली संसद को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पलटने का अधिकार मिल जाएगा। इसे ‘ओवरराइड’ बिल नाम दिया गया। अगर ये बिल पास हो जाता है तो संसद में जिसके पास भी बहुमत होगा, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट सकेगा। लोगों का मानना है कि इससे देश का लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट कमजोर होगा।
- BBC के मुताबिक नए बिल से निवार्चित सरकारें जजों की नियुक्ति में दखल दे सकती हैं। जिसे सही और निष्पक्ष फैसले लेनी की ज्यूडिशियरी की पावर कम हो जाएगी।
- नेतन्याहू का नया बिल लागू होने से किसी कानून को रद्द करने के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट की ताकत सीमित हो जाएगी।