संदीप सिंह बावा, सिटी दर्पण
जीरकपुर,16 अक्टूबर: जीरकपुर के ढकोली इलाके में कृष्णा एन्क्लेव कॉलोनी के निवासियों को अपने घरों की छत बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। किसान और कॉलोनाइजर के बीच चल रहे विवाद के कारण कॉलोनी के करीब 100 परिवार डर-डर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं । कॉलोनीवासी अपनी समस्या के समाधान के लिए हर नेता से मिल रहे हैं और कानूनी विशेषज्ञों की सलाह भी ले रहे हैं। कॉलोनी वासियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज हलका विधायक कुलजीत सिंह रंधावा से भी मिल चुका है, लेकिन उन्हें अपनी समस्या का कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। किसान बलविंदर सिंह और मनिंदर सिंह की तरफ से बीते दिनों अदालत के आदेश अनुसार कृष्ण एनक्लेव ब्लॉग डी में पड़े खाली प्लाटों पर अपने मलकी के बोर्ड लगाने के बाद कॉलोनी वासियों की नींद उड़ चुकी है। मामले के बारे में जानकारी देते हुए राकेश कुमार, रजनी, हरिंदर, नितेश, निर्मल सिंह, गुरुमीत सिंह, पुष्पा, रीता रानी, रेनू, शालू शर्मा, सीमा श्रीवास्तव, हरजिंदर धनोआ आशी और अन्य निवासियों ने कहा कि कृष्णा एन्क्लेव कॉलोनी के डी ब्लॉक में पिछले 10 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं उन्होंने कहा कि अब लगभग 10 के साल बाद जमीन के मालिक मनिंदर सिंह और बलविंदर सिंह निवासी गांव गाज़ीपुर का आरोप है कि कॉलोनाइजर हरजीत मिटां ने उनसे जमीन ले ली और उन्हें भुगतान नहीं किया, जिसके कारण उन्होंने कब्जा करने के लिए माननीय अदालत की मदद लेकर अपने बोर्ड लगा दिए। उन्होंने कहा कि
जब उन्होंने कॉलोनाइजर से संपर्क किया जाता है तो कॉलोनाइजर हरजीत मिंता कहता है कि उसने सारे पैसे दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कॉलोनाइजर द्वारा किस को भुगतान कर दिया गया है तो कॉलोनाइजर किसान के सामने क्यों नहीं आ रहा।
आखिर क्या है मामला कृष्ण एनक्लेव कॉलोनी का
विश्वस्त सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार कॉलोनाइजर हरजीत सिंह मिंटा ने जब जमींदार से जमीन ली तो उसने जमींदार के इकरारनामे के अनुसार शर्तें पूरी नहीं की गई थी जिसके बाद जमींदार ने माननीय न्यायालय में केस दायर किया, जहां कॉलोनाइजर केस हार गया, कॉलोनाइजर ने हाई कोर्ट तक केस लड़ा, लेकिन माननीय हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। जिसके बाद जमींदार की तरफ से अदालत के आदेशों पर कॉलोनी के खाली प्लॉटों पर बोर्ड लगाकर कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके बाद कॉलोनी के ब्लॉक-डी में रहने वाले निवासियों की समस्या और भी बढ़ गई है. कॉलोनाइजर हरजीत सिंह मिंटा फिलहाल इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, कई बार संपर्क करने के बाद भी हरजीत सिंह मिंटा ने फोन नहीं उठाया, जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका।
हरजीत सिंह मिटाने राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई हो सकती है पास कॉलोनी
कृष्ण एनक्लेव कॉलोनी के कॉलोनाइजर हरजीत सिंह मिंटा शुरू से ही राजनीति से जुड़े हुए हैं पहले वह अकाली दल फिर कांग्रेस और अब वह आम आदमी पार्टी के पार्षद होने के कारण कॉलोनी वासियों को शक है कि शायद कॉलोनाइजर हरजीत सिंह मिंटा नहीं यह कॉलोनी राजनीतिक द्वार के चलते पास करवाई हो सकती है। जिस कारण उनकी तरफ से नगर परिषद के दफ्तर एवं राजस्व विभाग के दफ्तर से कॉलोनी की परवानगी संबंधी जानकारी प्राप्त की जा रही है। कॉलोनी वासियों को यह डर सा रहा है कि कॉलोनाइजर की तरफ से उनको अपनी पिछली कॉलोनी में उसके नाम से दिख रहे रास्तों की रजिस्ट्री ना करवा दी हो।
क्या कहना है नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रवनीत सिंह का
. मामले को लेकर जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रवनीत सिंह ने कहा कि आज सरकारी छुट्टी होने के कारण वह इस संबंध में फिलहाल कुछ नहीं कह सकते उन्होंने कहा कि कल सोमवार को रिकॉर्ड जांचने के बाद ही वह इस कॉलोनी की स्वीकृतियों और कॉलोनाइजर पर सरकार के बकाया के बारे में जानकारी दे सकते हैं।