सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 04 अप्रैलः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ने पर कहा कि उनके लिए अमेठी और रायबरेली दोनों ही सीटें एकसमान हैं. अमेठी से 15 साल तक सांसद रहे राहुल ने कहा कि उनके लिए अमेठी और रायबरेली अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही उनका परिवार हैं. इससे पहले
राहुल ने रायबरेली सीट पर नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से महज घंटा भर पहले अपना पर्चा दाखिल किया.
कांग्रेस ने इससे पूर्व रायबरेली सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बने रहस्य से पर्दा हटाते हुए सुबह यहां से राहुल गांधी को मैदान में उतारने की घोषणा की थी. रायबरेली पिछले दो दशक से उनकी मां सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है. नामांकन पत्र दाखिल करते समय राहुल के साथ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खडगे और प्रियंका गांधी वाड्रा तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान गांधी परिवार के साथ थे.
नामांकन को बताया भावुक पल
राहुल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक संदेश में रायबरेली से नामांकन दाखिल करने को एक भावुक क्षण बताया और कहा कि अमेठी तथा रायबरेली उनके लिए अलग-अलग नहीं है. दोनों ही उनके परिवार हैं. उन्होंने कहा, ‘रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था! मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है. अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे ख़ुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे.’
मुझे जनता का आशीर्वाद चाहिए
राहुल ने कहा, ‘अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं. मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं.’ राहुल गांधी 2019 में अमेठी सीट से चुनाव हार गये थे, लेकिन केरल की वायनाड सीट से जीते थे.
तीसरी पीढ़ी उतरी है मैदान में
राहुल गांधी इस बार उस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में उनकी मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और दादा फिरोज गांधी करते रहे हैं. भाजपा ने बृहस्पतिवार को दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया था. वह 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी से हार गए थे. केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी भी इस सीट से अपना नामांकन पत्र भर चुकी हैं. उन्होंने अपने खिलाफ गांधी परिवार के किसी सदस्य के नहीं उतरने पर चुटकी ली. कहा, ‘अमेठी में गांधी परिवार का मैदान में नहीं होना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस ने मतदान से पहले ही अमेठी में अपनी हार मान ली है.’