सिटी दर्पण न्यूज़, चंडीगढ़,9 जूनः कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए तय दाम से ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत के बाद यूटी प्रशासन ने अब शहर के निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। बुधवार को सिटी दर्पण डॉट कॉम में ‘निजी अस्पतालों पर कार्रवाई से बच रहा प्रशासन’ शीर्षक से खबर के प्रकाशन के बाद प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया और ऐसे अस्पतालों पर शिकंजा कसने के लिए तीन कमेटियों का गठन कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा की इजाजत के बाद ही ये कमेटियां बनाई गई हैं।
यूटी प्रशासन ने मरीजों से अधिक वसूली को लेकर निजी अस्पतालों के खिलाफ आने वाली शिकायतों की जांच के लिए तीनों सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता में तीन कमेटी गठित की हैं। इलाके के अनुसार इन सभी कमेटियों में डीएसपी, एसएमओ और ड्रग इंस्पेवक्टर भी शामिल होंगे। कमेटी भविष्य में आने वाली शिकायतों की जांच तो करेगी ही, साथ ही प्रशासन के पास निजी अस्पतालों के खिलाफ आई पुरानी शिकायतों पर जांच की जाएगी। कोरोना के केसों को लेकर निजी अस्पतालों के खिलाफ पिछले कुछ समय में यूटी प्रशासन के पास काफी शिकायतें आई थीं। इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि निजी अस्पतालों में तय दाम से अधिक वसूली की शिकायतों की जांच और फिर उन पर कार्रवाई के लिए ही ये कमेटी गठित की गई हैं। कोरोना के केस बढ़ने के दौरान निजी अस्पतालों में तय शुल्क से ज्यादा पैसे देने वाले दो दर्जन से ज्यादा मरीजों के परिजनों ने भी लिखित शिकायत की थी। बावजूद इसके उन केसों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शिकायत करने वाले परिजनों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई ही नहीं करनी थी तो हमसे शिकायत क्यों मांगी। वहीं जानकारी के अनुसार अब कई अस्पताल उन परिजनों को मनाने व उनसे ऐंठे गए ज्यादा पैसे लौटाकर मामले को दबाने में जुटे हुए हैं। इस क्त्रस्म में दो परिजनों ने शिकायत वापस भी ले ली है। वहीं, प्रशासन के अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हैं।
ईडन अस्पताल दोषी, फिर भी कार्रवाई नहीं
जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन खपत के मामले में ईडन अस्पताल को दोषी पाया गया है। पीसीएस अधिकारी जगजीत सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी थी, तब ईडन अस्पताल जरूरत से कई गुना ज्यादा ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर रहा था। जांच के दौरान अस्पताल 1300 ऑक्सीजन सिलिंडर का हिसाब नहीं दे पाया। इसकी वजह से शहर में ऑक्सीजन सप्लाई के नोडल अधिकारी यशपाल गर्ग ने अस्पताल पर कार्रवाई की सिफारिश की है। यह आदेश 2 जून को जारी किए गए थे, अब तक इस मामले पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।