सहकारिता मंत्री की तरफ से मिल्कफैड के कामकाज की की गई विस्तार में समीक्षा
मिल्कफैड ने कोरोना महामारी के संकट के दौरान दूध उत्पादकों से बीते वर्ष की अपेक्षा 17 प्रतिशत अधिक दूध खरीदा
जालंधर, लुधियाना, मोहाली और पटियाला डेरियों में 254 करोड़ रुपए की लागत के प्रोजैक्ट निर्माण अधीन
वेरका डेयरी व्हाईटनर के छोटे पैकेट किये लांच
सिटी दर्पण ब्युरो, पंजाब, 16 जून: मिल्कफैड की तरफ से कोरोना महामारी के कठिन दौर में जहाँ दूध उत्पादकों का हाथ थामा वहीं राज्य में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए मार्केट में नये उत्पादों की शुरुआत की गई है। बस्सी पठाना में 138 करोड़ की लागत से स्थापित किया मेगा डेयरी प्रोजैक्ट मुकम्मल होने के अंतिम पड़ाव पर है और यह इसी साल अगस्त महीने में शुरू हो जायेगा जिससे राज्य में दूध उत्पादन के सहायक धंधे के साथ जुड़े किसानों खास कर छोटे किसानों और राज्य निवासियों के लिए वरदान साबित होगा।
यह बात सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ मिल्कफैड के मुख्यालय में मिल्कफैड के कामकाज की विस्तार में समीक्षा के उपरांत जारी प्रैस बयान में कही।
दूध उत्पादकों की सुविधा के लिए उठाये जा रहे कदमों का जिक्र करते हुये सहकारिता मंत्री ने कहा कि मंदी के इस दौर में भी मिल्कफैड की तरफ से मिल्क प्लाटों के आधुनिकीकरन और इनकी क्षमता बढ़ाने के लिए 254 करोड़ रुपए की लागत से जालंधर, लुधियाना, मोहाली और पटियाला डेरियों में विकास और विस्तार प्रोजैक्ट चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सहकारी अदारों की मजबूती से जहाँ लोगों को मानक और वाजिब कीमतों पर उत्पाद मिलते हैं वहीं किसानी को बड़ा फायदा होता है।
इस मौके पर स. रंधावा ने वेरका डेयरी व्हाईटनर के 5 ग्राम, 10 ग्राम और 20 ग्राम के पैकेट भी लांच किये गए। मिल्कफैड की तरफ से यह सभी पैकिंगें उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रख कर मार्केट में उतारी गई। उन्होंने बताया कि वेरका की तरफ से पंजाब के दूध उत्पादकें और उपभोक्ताओं की सेवा हेतु जालंधर मिल्क प्लांट में उच्च कोटी के डेयरी व्हाईटनर का उत्पादन शुरू किया गया जहाँ अति आधुनिक मशीनरी से पंजाब के पौष्टिक और शुद्ध दूध से तैयार किया जाता है। वेरका डेयरी व्हाईटनर लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है और इसका आसान प्रयोग घरों, होटलों और यात्रियों को बहुत सुविधा देगी। वेरका डेयरी व्हाईटनर का प्रयोग किसी भी जगह चाय, काफी, दूध बनाने के लिए सिर्फ पानी मिला कर किया जा सकता है। एक किलो वेरका डेयरी व्हाईटनर से 10 किलो तरल दूध बनाया जा सकता है। वेरका डेरी व्हाईटनर में 20 प्रतिशत फेट, 18 प्रतिशत चीनी और 22 प्रतिशत प्रोटीन है। इसके 5 ग्राम सैचे की कीमत 2 रुपए, 10 ग्राम की कीमत 4 रुपए और 20 ग्राम की कीमत 8 रुपए रखी गई है जोकि अपने बाकियों की अपेक्षा बहुत किफायती है। वेरका डेयरी व्हाईटनर की खास विशेषता इसकी उच्च घुलनशीलता है जोकि चाय, दूध, शेक आदि पीने वाले पदार्थ को संघन और गंभीर बनाता है और पीने वाले पदार्थों को दूध का असली स्वाद और खुशबू देता है।
मिल्कफैड के एम.डी. श्री कमलदीप सिंह संघा ने बताया कि वेरका डेयरी व्हाईटनर 200 ग्राम, 500 ग्राम, 1 किलो और 7.50 किलो की बिक्री की सफलता को देखते हुए और ग्राहकों की तरफ से 5 ग्राम, 10 ग्राम और 20 ग्राम पैकिंग की माँग को ध्यान में रखते हुए मिल्कफैड की तरफ से यह प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वेरका ने प्रसिद्ध हल्दी दूध और पीओ की अन्य किस्मों जैसे कि इलायची, बादाम, स्टरॉबैरी और बटर-स्कॉच आदि को पीपी बोतलों की सुविधा बंद पैकिंग में लांच किया गया है जिससे बोतल टूटने का खतरा न रहे। आज के समय में उपभोक्ताओं के सेहतमंद खुराक की तरफ बढ़ते रुझान को ध्यान में रखते हुए वेरका ने हाल में ही असली फरूट वाली स्टरॉबैरी, पींक अमरूद, लीची और मैंगो आईस क्रीम लांच की। यह सभी वेरका उत्पाद परचून दुकानों और वेरका बूथों पर उपलब्ध हैं।
सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार श्री विकास गर्ग ने आगे बताया कि मिल्कफैड के सभी मिल्क प्लाटों का आधुिनकीकरण करके मिल्क उत्पादों की गुणवता बढ़ाई जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की तरफ से दूध उत्पादकों और उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवाएं देनी यकीनी बनाईं जाएंगी। उन्होंने ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि मिल्कफैड अन्य नये दूध उत्पाद लांच करनेे के लिए वचनबद्ध है और इस काम के लिए मिल्कफैड की तरफ से अपनी तकनीकी क्षमता बढ़ाने के लिए जरुरी प्रयास किये जा रहे हैं।
पावर प्वाइंट पेशकारी के द्वारा सहकारिता मंत्री को जानकारी देते हुये एम.डी. श्री संघा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के संकटकालीन समय में देश का पूरा उद्योग और सेवा क्षेत्र आर्थिक मंदी से जूझ रहा था, उस समय पर भी मिल्कफैड पंजाब ने दूध उत्पादकों की सेवा हेतु साल 2020-21 में पिछले साल (2019-20) की अपेक्षा 17 प्रतिशत और ज्यादा दूध की खरीद की। इस कठिन दौर में दूध उत्पादकों के लिए दूध के रेट बरकरार रखने में शानदार भूमिका निभाई।