ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 17 मई से 12 जून के समय के दौरान पाजिटिविटी दर एक समान अर्थात 4.4 फीसद तक रही
उद्योग और घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले कोविड के अधिक मामले सामने आए
सिटी दर्पण ब्युरो, पंजाब, 16 जून: हैल्थ केयर वर्करों, फ्रंटलाईन वर्करों, बुजुर्ग नागरिकों, विद्यार्थियों, विदेशी यात्रियों, रजिस्टर्ड कामगारों से लेकर गैर -रजिस्टर्ड कामगारों तक पंजाब सरकार हरेक नागरिक को टीकाकरण के दायरे के तहत लाने के लिए उचित कदम उठा रही है जिसके अंतर्गत टीकाकरण मुहिम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पूरे जोर-शोरों से चल रही है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि सरकारी पोर्टलों पर उपलब्ध आंकड़े कोविड टीकाकरण सम्बन्धित अब तक प्राप्त की गई सफलता की सार्थक तस्वीर को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन के लिए सार्वजनिक तौर पर दो किस्मों का टीका अर्थात कोवैक्सीन और कोवीशील्ड उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि अब तक पंजाब सरकार को भारत सरकार से 5,98,060 कोवैकसीन खुराकों का कोटा मिला है जबकि कोवैक्सीन के लिए राज्य का खरीद कोटा 1,50,850 के लगभग है। भारत सरकार से मिली कोवैक्सीन की लगभग 4,90,041 खुराकों का प्रयोग किया गया है और राज्य के खरीद कोटे में से लोगों को 66,032 खुराकें लगाई गई हैं। इसी तर्ज पर भारत सरकार की तरफ से कोवीशील्ड की 48,16,580 खुराकें मुहैया करवाई गई हैं और 4643786 का प्रयोग किया गया है।
स. सिद्धू ने आगे कहा कि पंजाब सरकार ने कोवीशील्ड की 5,86,000 खुराकों की खरीद की है जिसमें से 13.06.2021 तक 5,30,603 खुराकें सफलतापूर्वक लगा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोविड टीका अलग-अलग श्रेणियों जैसे हैल्थ केयर वर्करज, फ्रंटलाईन वर्करज, 18 -45 उम्र वर्ग के व्यक्तियों और 45 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को लगाया गया है और अब तक सभी श्रेणियों के कुल 58,15,339 लोगों को कोविड टीका लगाया जा चुका है। विदेशों में पढ़ रहे विद्यार्थियों, विदेशों में काम करते व्यक्तियों, दुकानदारों, आतिथ्य उद्योग के वर्कर, डिलीवरी एजेंटों आदि को शामिल करने के लिए 18 -44 उम्र वर्ग के टीकाकरण का विस्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण मुहिम वार्ड-बार और गाँव-बार चलाई जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 17 मई -12 जून के समय के दौरान पाजिटिविटी दर लगभग एकसमान अर्थात 4.4 फीसद तक रही है। इस रुझान से यह पता चलता है कि शहरी क्षेत्र जहाँ उद्योग हैं या ज्यादा आबादी घनत्व वाले जिले जैसे लुधियाना, अमृतसर, एस.ए.एस.नगर और बठिंडा में ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा कोविड के ज्यादा संख्या में मामले सामने आए हैं जबकि छोटे जिले जैसे रोपड़, मानसा और मुक्तसर के ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में कोविड के ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले हफ्ते सभी जिलों में 5 फीसदी से कम पाजिटिविटी दर पाई गई।
जनवरी से अप्रैल 2021 के आंकड़े दर्शाते हैं कि इस साल 21 से 40 साल तक की आबादी दूसरे उम्र वर्गों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावित हुई है।
स. सिद्धू ने स्पष्ट किया कि सी.एफ.आर. (मौत दर) दर इस समय के दौरान शहरी इलाकों की अपेक्षा पंजाब के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बढ़ रही है। यह रुझान मई 2021 के अर्ध के बाद उलट गया और शहरी क्षेत्रों में सी.एफ.आर. ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा बढ़ गई। उन्होंने कहा कि इसलिए सारी योग्य आबादी को टीका लगवाने की जरूरत है और राज्य में सी.एफ.आर. को घटाने के लिए आई.ई.सी./बी.सी.सी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना समय की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सिविल सर्जनों को टीकाकरण मुहिम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं और पंजाब सरकार ने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए टीकों की सप्लाई बढ़ाने के लिए भारत सरकार को पहले ही कह दिया है।