सिटी दर्पण ब्युरो, जम्मू 28 अप्रैल 2021-कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के प्रिंसिपल सचिव नवीन कुमार चैधरी ने अपने कार्यालय आगामी खरीफ सीजन की तैयारी की समीक्षा हेतु बैठक की अध्यक्षता की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक के दौरान प्रिंसिपल सचिव ने गेहूं खरीद और सरकारी मंडियों के कामकाज के बारे में विवरण मांगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि किसानों को उनकी उपज के खिलाफ पांच दिनों के भीतर भुगतान प्राप्त हो, और बकाए के समय पर संवितरण हेतु जिम्मेदारी संभालने के लिए एसडीएओ को सौंपा। सभी भुगतान सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से किए जाने पर जोर दिया।
मक्की की फसल की बिक्री और खरीद को बढ़ावा देने के लिए प्रिंसिपल सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि कृषि विभाग राजौरी-पुंछ, रामबन-डोडा और जम्मू क्षेत्रों में प्रत्येक के लिए एक प्रयोगात्मक मक्की मंडी खोलेगा।
विभाग द्वारा बीज संवितरण की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए नवीन चैधरी ने इन खेतों के माध्यम से घरेलू बीज की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभागीय कृषि फार्मों के काम को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विभाग को वर्ष 2021-22 के दौरान खेतों का उत्पादन 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके अलावा, संयुक्त निदेशकों और निदेशकों को हर महीने एक कृषि फार्म की समीक्षा करने और उत्पादन बढ़ाने और नुकसान कम करने के लिए इन खेतों पर एक पूरा दिन हर तिमाही ’खर्च करने के लिए निर्देश दिया।
उर्वरक की खपत और केंद्रशासित प्रदेश की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए, प्रधान सचिव ने रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता में कटौती करने और जैविक उर्वरकों और वर्मीकम्पोस्ट जैसे स्थायी विकल्पों की ओर स्थानांतरित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। चुंकि रासायनिक उर्वरकों पर निर्भर रहने से जैविक खेती कभी नहीं पनप सकती अतिरिक्त रासायनिक उर्वरकों पर बढ़ती निर्भरता बनाने में आपदा होगी तथा जैविक उर्वरकों, वर्मीकम्पोस्ट और अन्य स्थायी विकल्पों के प्रचार के लिए दोनों निदेशकों से एक सुनियोजित रणनीति तैयार की जा सकती है।
फार्म मशीनीकरण के तहत, नवीन चैधरी ने कहा कि सब्सिडी केवल प्रमुख कृषि उपकरणों के लिए प्रदान की जानी है। उन्होंने निदेशकों को सब्सिडी-संरचना सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मसालों और नकदी फसलों के उत्पादन पर जोर दिया और हल्दी, मिर्च, एलोवेरा, लैवेंडर और अन्य औषधीय पौधों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि का आह्वान किया। उन्होंने विभाग को इस वर्ष कम से कम 50 पंचायतों को से ‘बंजर समाप्ति का निर्देश दिया।
बैठक में निदेशक कृषि जम्मू के.के. शर्मा ने भाग लिया, निदेशक कृषि कश्मीर मोहम्मद इकबाल चैधरी और संयुक्त निदेशक कृषि जम्मू और कश्मीर डिवीजनों से सम्बंधित अधिकारियों ने भी भाग लिया।