Tokyo: ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत की हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. भारत को ब्रॉन्ज (कांस्य) मेडल मिल गया है. भारत ने काटे के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया है. भारत की हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक का कोई मेडल जीता है. सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के हाथों हार मिली थी, जबकि जर्मनी को ऑस्ट्रेलिया ने हराया था. 1980 के बाद भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक मेडल जीता है.
आखिरी बार 1980 में मॉस्को में मिला था गोल्ड
ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को आखिरी मेडल साल 1980 में मॉस्को में मिला था. तब टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई. साल 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भारतीय टीम पांचवें नंबर पर थी. लेकिन अब 41 साल बाद भारतीय टीम ने ओलंपिक मेडल हासिल कर लिया है.
काफी टक्कर का रहा मैच
ब्रॉन्ज मेडल के लिए भारत और जर्मनी के बीच आज का मैच काफी टक्कर का रहा. एक समय भारतीय टीम 1-3 से पीछे चल रही थी, लेकिन सात मिनट में चार गोल करते हुए इंडियन हॉकी टीम ने पासा ही पलट दिया. मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया और जर्मनी 1-0 से आगे हो गई.
जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में एंट्री की. सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया. यह एक फील्ड गोल था. आखिर में मैच 5-4 पर खत्म हुआ.
इनामों की वर्षा
— 2.5 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार राज्य के प्रत्येक हाकी खिलाड़ी को देगी। इसके अलावा उन्हें खेल विभाग में नौकरी और रियायती दर प्लाट दिए जाएंगे।
- 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मध्य प्रदेश सरकार विवेक सागर और नीलाकांता को देगी।
—1 करोड़ रुपये पंजाब सरकार अपने राज्य के खिलाडि़यों को देगी। कप्तान मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, हाíदक सिंह, शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और मनदीप सिंह पंजाब से हैं।