- पाकिस्तान में गणेश मंदिर पर हुए हमले पर इमरान खान ने चुप्पी तोड़ी, बोले- सरकार कराएगी मरम्मत
पाकिस्तान के पंजाब सूबे में गणेश मंदिर पर कट्टरपंथियों के हमले को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान ने 24 घंटे बाद चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने ट्वीट कर गणेश मंदिर पर कल हुए हमले की कड़ी निंदा की है। इतना ही नहीं, इमरान खान ने यह भी वादा किया है कि उनकी सरकार इस मंदिर का जीर्णोद्धार भी करवाएगी। इससे पहले भी इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक मंदिर निर्माण का वादा किया था, लेकिन कट्टरपंथियों के विरोध के कारण उन्होंने अपने वादे को तोड़ दिया था।
इमरान खान ने क्या कहा?
इमरान खान ने ट्वीट कर लिखा कि रहीम यार खान के भोंग में गणेश मंदिर पर कल हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैंने पहले ही आईजी पंजाब को सभी दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और पुलिस की किसी भी लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। सरकार मंदिर का जीर्णोद्धार भी करेगी।
पाक सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर लिया संज्ञान
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सूबे के मुख्य सचिव और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) को 24 घंटे के अंदर पेश होने का हुक्म सुनाया है। अब पाकिस्तान से सबसे असरदार सूबे के दोनों बड़े अधिकारी कल यानी 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की इस्लामाबाद बेंच के सामने पेश होंगे। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने गुरुवार को पंजाब के रहीम यार खान जिले के भोंग गांव में एक हिंदू मंदिर पर एक आरोपित भीड़ द्वारा हमले का संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस को इस हमले की जानकारी पाकिस्तानी सांसद और पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक डॉ रमेश कुमार वांकवानी ने दी।
जाब के मुख्य सचिव और आईजीपी को किया तलब
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर कहा है कि मुख्य न्यायाधीश ने इस दुखद घटना पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने इस्लामाबाद में 6 अगस्त (कल) को अदालत के समक्ष मामला तय किया और पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को एक रिपोर्ट के साथ सुनवाई के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया। बयान में कहा गया है कि हिंदू पक्ष से डॉ रमेश कुमार वंकवानी को भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।
तो इस कारण कट्टरपंथियों ने किया हमला?
दावा किया जा रहा है कि हिंदू मंदिर पर यह हमला 9 साल के एक हिंदू लड़के को जमानत मिलने के विरोध में किया गया था। इस लड़के पर आरोप था कि उसने कथित तौर पर स्थानीय मदरसे में पेशाब किया था। जिसके बाद सैकड़ो कट्टरपंथियों ने भोंग में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की और सुक्कुर-मुल्तान मोटरवे (एम-5) को जाम कर दिया। डिस्ट्रिक कमिश्नर डॉ खुरम शहजाद और जिला पुलिस अधिकारी असद सरफराज के शहर का दौरा करने के बाद देर शाम को स्थिति को देखते हुए पूरे इलाके में रेंजर्स को तैनात कर दिया था।
25 जुलाई को आरोपी के खिलाफ दर्ज हुआ था केस
रिपोर्ट के अनुसार, 25 जुलाई को दारुल उलूम अरब तालीमुल कुरान के एक मौलवी हाफिज मुहम्मद इब्राहिम की शिकायत पर भोंग पुलिस ने आरोपी नाबालिग लड़के के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अपनी एफआईआर में पुलिस ने आरोपी लड़के के खिलाफ धारा 295-ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया था।
कट्टरपंथियों ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया
पाकिस्तानी न्यूजपेपर डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कुछ हिंदू बुजुर्गों ने मदरसा प्रशासन से माफी मांगते हुए कहा कि संदिग्ध नाबालिग था और मानसिक रूप से विक्षिप्त था। लेकिन जब कुछ दिन पहले एक निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी तो बुधवार को कस्बे में कुछ लोगों ने जनता को भड़काया और विरोध में वहां की सभी दुकानें बंद करा दीं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कट्टरपंथियों की भीड़ रॉड और पत्थरों से मंदिर पर धावा बोलते दिखाई दे रहे हैं।
- विधान सभा चुनाव 2022: CM योगी के अयोध्या दौरे से हिंदुत्व कार्ड की तैयारी में बीजेपी!
बीजेपी उत्तर विधान सभा चुनावों (UP Assembly Elections 2022) के लिए अभी से हिंदुत्व के मुद्दे को और धार देने में जुट गई है. इस काम के लिए बीजेपी के पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से बेहतर चेहरा नहीं दिख रहा. योगी की राम मंदिर और अयोध्या को लेकर सक्रियता बहुत कुछ कहती है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सियासत में आज का दिन काफी अहम था. यूपी में आज योगी VS अखिलेश (Yogi VS Akhilesh) की लड़ाई दिखाई पड़ी. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जहां लखनऊ की सड़कों पर साइकिल चला रहे थे तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अयोध्या में रामलला के दर्शन पूजन कर रहे थे.
राम मंदिर की नींव का 60% काम भी पूरा
दरअसल आज राम मंदिर (Ram Mandir) के भूमि पूजन के बाद पहली सालगिरह थी. 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी (PM Modi) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण कार्य की शुरूआत की थी. पिछले 1 साल में राम मंदिर के नींव का 60% काम भी पूरा हो चुका है और दिसंबर 2023 तक राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान हो जाएंगे. जहां जनता रामलला के मूल जन्म स्थान पर दर्शन कर पाएगी.
योगी ने साधु संतों से की मुलाकात
आज जब योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अयोध्या पहुंचे तो सबसे पहले श्रीराम जन्मभूमि गए, जहां दर्शन पूजन के साथ-साथ राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति की रिपोर्ट भी ली. योगी आदित्यनाथ ने साधु संतों से भी मुलाकात की. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों से संवाद भी किया.
अयोध्या से योगी का विशेष लगाव
योगी आदित्यनाथ जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से ही अयोध्या को लेकर उनका विशेष लगाव दिखता है. योगी आदित्यनाथ ने 2017 की दिवाली को अयोध्या में भव्य स्तर पर मनाया और यूपी सरकार हर साल दिवाली पर बड़ा आयोजन करती है. योगी आदित्यनाथ दीपोत्सव के जरिए प्रभु श्री राम की अयोध्या की याद दिलाने की कोशिश करते हैं. अयोध्या से योगी के लगाव की एक बड़ी कहानी भी है. योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ ने राम मंदिर की एक लंबी लड़ाई लड़ी थी. यही नहीं गोरखनाख मठ की 3 पीढ़ियों ने राम मंदिर की लड़ाई लड़ी थी. इसीलिए योगी आदित्यनाथ सीएम बनने के बाद कई बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं और विकास कार्यों को लेकर खुद निगरानी भी रखते हैं.
अयोध्या मॉडल को पेश करने की तैयारी में BJP
बीजेपी अयोध्या मॉडल को पूरे देश में एक बड़े उदाहरण के तौर पर भी पेश करने की तैयारी में है. एक तरफ जहां राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के विकास मॉडल का भी पूरा प्लान केन्द्र और यूपी सरकार ने तैयार किया है. अयोध्या का रेलवे स्टेशन राम मंदिर के मॉडल पर बन रहा है. अयोध्या में इसी साल के अंत तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का भी शिलान्यास हो सकता है. वहीं 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को केन्द्र सरकार ने नेशनल हाईवे घोषित कर दिया. लखनऊ-गोरखपुर हाईवे से सीधे 4 लेन सड़क श्रीराम जन्मभूमि तक बनाई जा रही है.
2024 में हिंदुत्व के मुद्दे को उठाएगी BJP
यूपी के चुनाव में अयोध्या के जरिए बीजेपी अपने हिंदुत्व के मुद्दे को तो उठाने की कोशिश जरूर करेगी, तो वहीं अयोध्या का विकास मॉडल भी योगी के चुनाव प्रचार का अहम हिस्सा रहने वाला है. यूपी चुनाव के लिए बीजेपी जो भी रणनीति तैयार कर रही है, अयोध्या उसके केन्द्र बिंदु में है. अयोध्या को लेकर इसीलिए योगी आदित्यनाथ लगातार सक्रिय हैं.
- शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में शुमार पीजीआई में कर्मचारियों की कमी, विज्ञापन के बावजूद नहीं मिल रहे उम्मीदवार
देश में शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में दूसरे नंबर पर काबिज पीजीआई कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। मौजूदा स्थिति में यहां विभिन्न वर्गों में 8576 पद स्वीकृत हैं और इनमें से 1601 पद खाली हैं। इन सबके बावजूद पीजीआई देश के कोने-कोने से आने वाले लाखों गंभीर मरीजों के इलाज में जुटा हुआ हे।
इस बारे में पीजीआई प्रशासन का कहना है कि मानकों की जटिलता के कारण तैनाती में देरी हो रही है। फिर भी अपने स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहा है। कर्मचारियों की तैनाती मे विलंब के कारण ही चीफ नर्सिंग ऑफिसर का काम उनसे नीचे के अधिकारी के जिम्मे सौंपा गया है। इसी तरह चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर का काम भी उनसे नीचे का अधिकारी देख रहे हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण ऐसे सैकड़ों उदाहरण पीजीआई में मौजूद हैं।
कम मानव संसाधन में भी उपलब्धियां बरकरार
चंडीगढ़ पीजीआई ने कोविड-19 के दौर में संक्रमित मरीजों के इलाज में सराहनीय प्रदर्शन करने के साथ ही शोध पत्र प्रकाशित करने के मामले में देश के चिकित्सा संस्थानों में दूसरा स्थान हासिल किया है। कोविड-19 के दौरान 176 शोध पत्र प्रकाशित कर शोध प्रकाशन की रैंकिंग में एम्स नई दिल्ली के बाद पीजीआई चंडीगढ़ ने अपनी जगह बनाई है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में शिक्षण और मेडिकल कॉलेजों की रैंकिंग में पीजीआई अपनी कैटेगरी में लगातार तीसरे साल 2020 में भी देश के दूसरे सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थान के रूप में चुना गया है। 2019 में भी पीजीआई मेडिकल के क्षेत्र में ओवरऑल कैटेगिरी में एम्स के बाद दूसरे नंबर पर रहा था। पीजीआई का मेडिकल के क्षेत्र में 118 इंस्टीट्यूट्स से मुकाबला था।
पीजीआई के स्वीकृत और रिक्त पद इस प्रकार हैं
श्रेणी स्वीकृत पद तैनाती खाली पद
ग्रुप ए संकाय 728 565 163
ग्रुप ए गैर संकाय 1535 1385 150
ग्रुप बी 3974 3549 425
ग्रुप सी 2339 1476 863
पीजीआई में रिक्त पदों पर तैनाती के मानक अलग-अलग हैं। सभी पद रिक्रूटमेंट से नहीं भरे जाते। कुछ पदों पर पदोन्नति से तैनाती होती है तो कुछ केंद्र के मानक के अनुसार भरे जाते हैं। कुछ पदों पर योग्यता के अनुरूप उम्मीदवार नहीं मिल पाते, इसलिए भी वे पद नहीं भरे जा पाते। ऐसी स्थिति में पीजीआई जरूरत के अनुसार रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्र से अनुमति लेता है। फिलहाल रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। -कुमार गौरव, डिप्टी डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन पीजीआई
- कर्ज के जाल में फंस रहे हैं कोविड का शिकार हुए परिवार, बीमा कंपनियां इस आधार पर रिजेक्ट कर दे रहीं क्लेम
आंकड़ों से पता चला है कि 10,603 करोड़ रुपये के 330,000 दावे अभी भी बकाया हैं। FY22 में 389 करोड़ रुपये के 49,452 कोविड दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज कर दिया गया है।
कर्ज के जाल में फंस रहे हैं कोविड का शिकार हुए परिवार, बीमा कंपनियां इस आधार पर रिजेक्ट कर दे रहीं क्लेम
कोविड (Coronavirus) का शिकार हुए परिवारों की मुश्किलें और बढ़ रही हैं। वजह है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) से मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण नहीं होने के चलते इंश्योरर (Insurance Companies) मुआवजा देने से मना कर रहे हैं। इससे कोविड के शिकार परिवारों के कर्ज के जाल में फंसने का संकट खड़ा हो गया है। बीमाकर्ता केवल कवरेज के दायरे में शामिल बीमारियों को निपटाने के लिए बाध्य होते हैं और कोविड-19 ऐसी अधिकांश सूचियों से गायब है। साल 2020 से पहले जिन्होंने गंभीर बीमारी (Critical Illness) को कवर करने वाली फिक्स्ड बेनिफिट हेल्थ पॉलिसीज को खरीदा था, उन्हें बड़ा झटका झेलना पड़ रहा है क्योंकि तब हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कोरोनावरस का कवरेज (Coverage of Coronavirus) नहीं था।
इस तरह की पॉलिसी ने मामलों को बनाया और बदतर
इनमें से कई पॉलिसी बैंक एजेंटों द्वारा मॉर्गेज लोन्स के लिए बंडल राइडर्स (Bundle Riders) के रूप में बेची गईं, जो मामलों को और बदतर बनाता है। मॉर्गेज लोन्स (Morgage Loans) के लिए बंडल राइडर्स के तहत अगर लोन लेने वाला बीमारी (Illness) या एक्सीडेंट (Accident) में मर जाता है तो कर्ज को माफ कर दिया जाता है। लेकिन, बीमाकर्ताओं द्वारा इस तरह की पॉलिसी में मुआवजा देने से इनकार का मतलब है परिवार का कर्ज के जाल में फंसना।
HDFC एर्गो का एक मामला आया सामने
निजी बीमाकर्ता एचडीएफसी एर्गो (HDFC Ergo) के एक मॉर्गेज बीमा पॉलिसीधारक की कोविड19 की दूसरी लहर के दौरान महामारी से मृत्यु हो गई थी। उसके परिवार को कंपनी ने एक लेटर में कहा है, “चूंकि उक्त बीमारी (कोविड-19 सेप्सिस), पॉलिसी के टर्म्स के तहत सूचीबद्ध गंभीर बीमारियों के अंतर्गत कवर नहीं है, इसलिए इसके एवज में दावे को खारिज किया जा रहा है।" एचडीएफसी एर्गो ने जिन नौ बीमारियों को गंभीर बीमारी के दावों के लिए लिस्ट किया हुआ है, उनमें कैंसर, गुर्दे की विफलता, प्रमुख अंग प्रत्यारोपण, स्केलेरोसिस, स्ट्रोक, हृदय वॉल्व रिप्लेसमेंट और पैरालैसिस, आदि शामिल हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एचडीएफसी एर्गो के प्रवक्ता ने ईटी की एक क्वेरी के जवाब में कहा, “होम लोन से जुड़ी एक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी केवल पॉलिसी में सूचीबद्ध गंभीर बीमारियों को कवर करती है। इसलिए कंपनी पॉलिसी के दायरे से परे दावों के लिए ट्रिगर या भुगतान नहीं करती है।” विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अधिकांश स्वास्थ्य बीमा कंपनियों के पास उनकी निश्चित-लाभ वाली पॉलिसीज के लिए गंभीर बीमारी के रूप में सूचीबद्ध 8-20 चिकित्सा स्थितियों की सूची है। भारत में बीमा कंपनियां कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बाद बढ़ते नुकसान अनुपात के बीच दावों की प्रक्रिया को सख्त बना रही हैं।
FY22 के पहले 4 महीनों में कितने कोविड क्लेम
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों में जुलाई के अंत तक 13,804 करोड़ रुपये के कुल 12.3 लाख कोविड दावे जनरल और हेल्थ इंश्योरर्स को फाइल किए गए थे। इसमें से 9,178 करोड़ रुपये के 940,000 दावों का निपटारा किया जा चुका है। FY21 में बीमा कंपनियों को 14,560 करोड़ रुपये के 98000 कोविड दावे मिले, जिनमें से उन्होंने 7,833 करोड़ रुपये के 840,000 दावों का निपटारा किया। आंकड़ों से पता चला है कि 10,603 करोड़ रुपये के 330,000 दावे अभी भी बकाया हैं। FY22 में 389 करोड़ रुपये के 49,452 कोविड दावों को विभिन्न आधारों पर खारिज कर दिया गया है।
- देश के कई राज्यों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट, जानें आप के इलाके में कैसा रहेगा मौसम
भारी बारिश की तगड़ी मार झेल रहे मध्ये प्रदेश को पांच दिनों तक कोई बड़ी राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग की ओर से जारी ताजा अपडेट के मुताबिक कम दबाव का एक क्षेत्र उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों पर बरकरार है। यही नहीं मानसूनी ट्रफ रेखा गंगानगर, नारनौल, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश के ऊपर निम्न दबाव के क्षेत्र के केंद्र से गुजरती हुई वाराणसी, गया, बांकुरा के साथ दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की उत्तरपूर्वी खाड़ी की ओर जा रही है। इसकी वजह से अगले पांच दिनों तक मध्य प्रदेश में व्यापक बारिश होने की संभावना है।
बिहार के कुछ इलाकों में भी झमाझम बारिश संभव
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि बाढ़ की तगड़ी मार झेल रहे मध्य् प्रदेश को अगले पांच दिनों तक मध्य प्रदेश में बारिश से निजात नहीं मिलने वाली है। यही नहीं अगले 24 घंटे के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि बाद में इसमें कमी आती जाएगी। यही नहीं पश्चिम बंगाल में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। अगले 24 घंटे में ओडिशा और झारखंड जबकि 07 से 09 अगस्त के दौरान बिहार के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
मध्यं प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में सागर, रीवा संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, उज्जैन, जबलपुर संभाग के जिलों में भी तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पश्चिम मध्यस प्रदेश पर बने सिस्टम के पहले राजस्थान की तरफ बढ़ने की संभावना थी लेकिन अब यह पूर्वी दिशा की तरफ बढ़ने लगा है। मौजूदा वक्त् में उत्तरी मध्य् प्रदेश के मध्य में एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। इससे पूरे मध्य प्रदेश में व्यापपक रूप से बारिश हो सकती है।
यूपी, पंजाब, हरियाणा में भी भारी बारिश संभव
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में यह भी कहा गया है कि पूर्वोत्तेर राज्यों में नौ अगस्ती तक कहीं-कहीं मूसलाधार के साथ व्यापक बारिश होने की संभावना है। इसमें 10 अगस्त से और इजाफा होने की संभावना है। यही नहीं अगले पांच दिनों के दौरान उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। इसी अवधि के दौरान इन क्षेत्रों में अलग-अलग भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। नौ अगस्तभ तक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में छिटपुट बारिश हो सकती है।
पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश संभव
मौसम विभाग ने कहा है कि पांच और छह अगस्त को पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। उत्तरी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर जहां बारिश की संभावना है 10 तारीख तक हल्की बारिश जारी रह सकती है। अगले चार से पांच दिनों के दौरान प्रायद्वीपीय भारत और इससे सटे पूर्वी मध्य भारत (ओडिशा को छोड़कर) महाराष्ट्र और गुजरात में हल्कीी बारिश की गतिविधियां जारी रह सकती हैं। वहीं मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली एजेंसी स्काौईमेट वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और झारखंड में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है।
- सरकार का बड़ा फैसला, ड्राइविंग लाइसेंस के बदले नियम, अब एनजीओ और निजी कंपनियां भी जारी कर सकेंगी डीएल
अब ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना बहुत आसान हो गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के मौजूदा नियमों में बदलाव करते हुए इसे आसान बना दिया है। नए नियम के अनुसार, निजी वाहन निर्माताओं, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, गैर-लाभकारी संगठनों (एनजीओ) या कानूनी निजी फर्मों सहित विभिन्न संस्थाओं को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमित दी गई है। फिर ये निर्धारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की नई सुविधा के साथ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।
मंत्रालय ने दो अगस्त, 2021 को जारी बयान में कहा, "वैध संस्थाएं जैसे कंपनियां, गैर सरकारी संगठन, निजी प्रतिष्ठान/ऑटोमोबाइल एसोसिएशन/वाहन निर्माता संघ/स्वायत्त निकाय/निजी वाहन निर्माता चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे।"
मंत्रालय द्वारा अधिसूचित की गई ये संस्थाएं क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मौजूदा सुविधा के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में सक्षम होंगी। वे मान्यता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
परिवहन मंत्रालय के दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि इसके लिए आवेदन करने वाली कानूनी इकाई यानी वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवी) नियम, 1989 के तहत निर्धारित भूमि पर आवश्यक बुनियादी ढांचा या सुविधाएं होनी चाहिए। उनके पास स्थापना के बाद से एक साफ रिकॉर्ड भी होना चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है, "आवेदक को राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में केंद्र चलाने के लिए पर्याप्त संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए अपनी वित्तीय क्षमता दिखानी होगी।"
मंत्रालय ने कहा है कि जब कोई संस्था ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र चलाने की अनुमति के लिए आवेदन करती है, तो नामित प्राधिकारी आवेदन मिलने के 60 दिनों के भीतर प्रक्रिया को पूरी करेगा। मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केंद्र को संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ)/जिला परिवहन कार्यालयों (डीटीओ) को सालाना परफॉर्मेंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।
सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक राज्य सरकारों को मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्रों और मान्यता प्रदान करने के तंत्र के प्रावधानों का व्यापक प्रचार करना होगा।
केंद्र सरकार ऐसे मान्यता प्राप्त ड्राइविंग केंद्रों को चलाने के लिए कोई आर्थिक मदद या अनुदान नहीं देगी। हालांकि, संस्थाएं कॉर्पोरेट क्षेत्र से या केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के तहत या कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत मदद मांग सकती हैं।
इसके अलावा, दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मान्यता प्राप्त केंद्रों को ऑनलाइन पोर्टल बनाना होगा जिसमें प्रशिक्षण कैलेंडर, ट्रेनिंक कोर्स स्ट्रक्चर (प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संरचना), प्रशिक्षण घंटे और कार्य दिवसों की जानकारी देनी होगी। इस ऑनलाइन पोर्टल में प्रशिक्षण / प्रशिक्षित लोगों की लिस्ट, प्रशिक्षकों की डिटेल्स, ट्रेनिंग के नतीजे, उपलब्ध सुविधाएं, छुट्टियों की सूची, ट्रेनिंग फीस, जैसी कई जानकारी भी होनी चाहिए।
- रूस ने अफगानिस्तान पर बुलाई बैठक में भारत को नहीं भेजा न्यौता, चीन-पाकिस्तान को आमंत्रित किया
अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालात को लेकर बुलाई गई एक बड़ी बैठक में रूस ने भारत को आमंत्रित नहीं किया है। इस बैठक में रूस के अलावा पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के शामिल होने की संभावना है। कतर में आयोजित होने वाली इस बैठक का नाम विस्तारिक ट्रोइका है। इससे पहले भी अफगानिस्तान को लेकर हुई बैठक में रूस ने भारत को नहीं बुलाया था। उस समय भी भारत-रूस संबंधों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए थे।
अफगानिस्तान पर 11 अगस्त को दोहा में होगी बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान को लेकर होने वाली विस्तारिक ट्रोइका बैठक 11 अगस्त को कतर की राजधानी दोहा में प्रस्तावित है। रूस ने अपनी इस कोशिशों के तहत इससे पहले 18 मार्च और 30 अप्रैल को भी बैठकें की थी। रूस अफगानिस्तान में शांति लाने और राष्ट्रीय सुलह की प्रक्रिया की शर्तें तय करने के लिए मॉस्को फॉर्मेट का भी आयोजन कर रहा है। तब भी रूस ने भारत को छोड़ बाकी देशों को इस बैठक में आमंत्रित किया था।
बैठक में भारत को शामिल करने की थी उम्मीद
भारत रूस संबंधों पर उठे सवालों के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने पिछले महीने ताशकंद में कहा कि उनका देश भारत और अन्य देशों के साथ काम करता रहेगा जो अफगानिस्तान में स्थिति पर असर डाल सकते हैं। इन टिप्पणियों के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भारत को आगामी विस्तारित ट्रोइका बैठक में शामिल किया जा सकता है। भारत ने अभी विस्तारित ट्रोइका बैठक पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
क्या भारत-रूस में सबकुछ ठीक नहीं?
पिछले कई साल से भारत रूस संबंधों की मजबूती पर सवाल उठते रहे हैं। इसी साल की शुरूआत में दोनों देशों के बीच भारत-रूस शिखर सम्मेलन प्रस्तावित था। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण इसे रद्द कर दिया गया। इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद शामिल होने वाले थे। वर्ष 2000 के बाद यह पहला मौका है जब भारत और रूस के बीच शिखर सम्मेलन को टाला गया है। यह बैठक पिछले 20 सालों से लगातार आयोजित की जा रही थी।
रूसी विदेश मंत्री ने भारत के साथ रिश्तों पर यह कहा था
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के कारण रूस के साथ भारत की करीबी साझेदारी एवं विशेष संबंध कमजोर हो रहे हैं। रूस की सरकारी थिंक टैंक रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल के एक कार्यक्रम में लावरोव ने आरोप लगाया था कि अमेरिका के कारण भारत हमसे दूर होता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका का लक्ष्य भारत का रूस के साथ सैन्य और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में नई दिल्ली पर बहुत सख्त दबाव बनाने का है।
पुतिन ने भी भारत का जिक्र न कर चीन का लिया नाम
पिछले साल अक्टूबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब की 17 वीं वार्षिक बैठक में भी ऐसा ही किया था। पुतिन ने चीन, जर्मनी, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का उल्लेख किया, लेकिन भारत के बारे में कुछ नहीं कहा। रूस ने चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने का भी फैसला किया है।
दोनों देशों के बीच कई डील अटकीं
भारत और रूस के बीच डिफेंस सेक्टर में कई बड़ी डील अधर में लटकी हुईं हैं। ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि भारत अमेरिका के दबाव में एस-400 की खरीद के बाद रूस के साथ कोई नया रक्षा खरीद समझौता करने से बच रहा है। दोनों देशों के बीच एके-203 के उत्पादन को लेकर अभी तक औपचारिक सहमति नहीं बन पाई है। जबकि, इस रायफल के उत्पादन का कारखाना तैयार है। इसके अलावा कामोव KA-226 मैरीटाइम हेलिकॉप्टरों की कीमत पर भी मामला फंसा हुआ है।
- बांग्लाुदेश में मिली भगवान विष्णु की 1000 साल पुरानी मूर्ति, बेहद कीमती है ये प्रतिमा
बांग्लादेश (Bangladesh) में पुलिस ने एक शिक्षक के पास से भगवान विष्णु की काले पत्थर की एक मूर्ति बरामद की जो 1,000 साल से भी ज्यादा पुरानी मानी जा रही है. न्यूज पेपर ‘डेली स्टार’ की खबर के मुताबिक पुलिस ने क्यूमिला जिले के बोरो गोआली गांव से मूर्ति बरामद की.
डेढ़ महीने से छिपाए रहा बात
काले पत्थर की मूर्ति (Black Stone Sculpture) की ऊंचाई करीब 23 इंच और चौड़ाई 9.5 इंच है. इसका वजन करीब 12 किलोग्राम है. दाउदकंडी पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी नजरूल इस्लाम ने कहा, ‘अबू यूसुफ नाम के एक शिक्षक को डेढ़ महीने पहले मूर्ति मिली थी लेकिन उसने हमें सूचित नहीं किया. गुप्त सूचना पर, हमने सोमवार रात इसे उसके घर से बरामद किया.’
बहुत कीमती है यह मूर्ति
हालांकि, यूसुफ ने कहा, ‘मैंने लगभग 20-22 दिन पहले एक तालाब से मिट्टी खोदते समय इस मूर्ति को देखा था. हम पुलिस को सूचित नहीं कर सके क्योंकि हम काम में व्यस्त थे.’ चट्टोग्राम संभागीय पुरातत्व विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक अताउर रहमान ने कहा, ‘भगवान विष्णु की यह मूर्ति बहुत कीमती है. यह संभवतः 1,000 साल से अधिक पुरानी है. इसे उचित संरक्षण के लिए तुरंत मैनमाती संग्रहालय को सौंप दिया जाना चाहिए.’
- 'don't tell them', जब किले में अचानक गूंजने लगीं डरावनी आवाजें; सुनकर भाग गए लोग
लंदन: भूत-प्रेत की कहानियां तो आपने खूब सुनी होंगी, लेकिन क्या कभी आपने अपने आस-पास किसी नेगेटिव एनर्जी का एहसास किया है? जरा सोचिए, आप किसी पुराने किले में घूमने गए हों, वहां काफी अंधेरा हो और अचानक आपके कान में आवाज आए... 'उन्हें मत बताना...' उस समय आपकी हालत क्या होगी इसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है. दरअसल, कुछ लोगों ने दावा किया है कि ब्रिटेन के एक किले में उन्हें एक लड़की की डरावनी आवाज सुनाई दी. आइए जानते हैं इसके बारे में
किले में गूंजने लगी बच्ची की आवाज
ब्रिटेन के नॉर्थ वेल्स में कॉन्वी कैसल (Conwy Castle) है. जिसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरीटेज घोषित कर रखा है. स्थानीय लोगों का दावा है कि यहां पर एक साधु की आत्मा रहती है. अब लोगों को वहां कुछ दूसरे अनुभव भी हुए हैं. Mirror.co.uk की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों का दावा है कि कैसल के अंदर अब एक लड़की की भी आवाज सुनाई देने लगी है.
कान में बोली लड़की
कुछ लोगों का दावा है कि जब वो अंदर गए, तो उन्हें वहां पर निगेटिव एनर्जी फील होने लगी. इसके बाद उनको ऐसा लगा कि एक छोटी लड़की कुछ बोल रही है. जब ध्यान से आवाज को सुना गया, तो पता चला कि वो 'उन्हें ये मत बताना' कह रही थी.
शख्स ने रिकॉर्ड की भूतिया आवाज
एक शख्स ने इस आवाज को रिकॉर्ड करने का दावा भी किया. इसके बाद लोग वहां से भागकर बाहर आ गए.
लोगों को किले में न जाने की सलाह
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस किले से भूत-प्रेत की कहानियां सामने आ चुकी हैं. फिलहाल किले में लोगों को अकेले ना जाने की सलाह दी गई है.
किले के बारे में क्या कहते हैं लोग?
जानकारों की मानें तो किले का निर्माण 1283 से 1287 के बीच हुआ था. बाद में 16वीं सदी में किंग हेनरी 8 ने इसको जेल में तब्दील कर दिया. यहां पर कैदियों पर जुल्म किए गए और कइयों की मौत भी हुई. दावा है कि जिनकी मौत सजा काटते वक्त हुई थी, उनकी आत्माएं आज भी भटक रही हैं.
- सोशल मीडिया पर 17 लाख फॉलोवर्स, एक गलती पर मां ने डिलीट किया अकाउंट
सोशल मीडिया की एक स्टार को उस समय नुकसान हो गया जब उसकी मां ने उसका अकाउंट ही डिलीट कर दिया और यह सब तब हुआ जब उसके सभी अकाउंट पर 17 लाख से भी अधिक फॉलोअर्स हो चुके थे। मां ने लड़की का अकाउंट क्यों डिलीट किया, इसकी भी वजह बड़ी दिलचस्प सामने आई है। लड़की की मां उसकी एक बात से काफी नाराज रहती थीं।
दरअसल, यह घटना ब्राजील की एक सोशल मीडिया स्टार के साथ हुई है। 'डेली मेल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राजील में रहने वाली 14 साल की सोशल मीडिया इंफ्लूएंजर वैंलेटीना सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हैं। इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स मिलाकर उनके कुल 17 लाख से भी अधिक फॉलोअर्स चुके थे।
आए दिन वैलेंटीना अपने सभी अकाउंट पर तरह-तरह के पोस्ट किया करती थी, वो अपने दोस्तों के साथ फोटो भी अपलोड करती थीं, साथ ही वे छुट्टियां मनाने के दौरान खींची गई तस्वीरों को अपलोड करती रहती थीं। धीरे-धीरे वैलेंटीना की फैन फॉलोइंग बढ़ती ही गई। लेकिन इन सबके बीच वैलेंटीना की मां ये सब देखती रहती थीं।
एक दिन अचानक वैलेंटीना की मां ने उनका मोबाइल उठाया और उसके इंस्टाग्राम और टिकटॉक अकाउंट को डिलीट कर दिया। उनकी मां को यह पसंद नहीं था कि वैलेंटीना बहुत ही ज्यादा समय सोशल मीडिया पर गुजारती थीं। ज्यादा समय नष्ट होने की वजह से ही वैलेंटीना की मां उस पर नाराज चल रही थीं।
वैलेंटीना को जब इस बात का पता चला तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। वैलेंटीना की मां फर्नांडा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि जब आप 14 साल के होते हैं, तो अपनी लाइफ कैसे बिताना चाहते हैं, इसका अंदाजा काफी कम होता है। मुझे लगा कि उसका अकाउंट डिलीट कर दिया जाना चाहिए। इसलिए मैंने ये फैसला ले लिया।