सिटी दर्पण न्यूज़, चंडीगढ़, 3 मईः जीएमसीएच- 32 में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश की उसके डॉक्टर ही अवहेलना कर रहे हैं। बता दें कोविड-19 वार्ड में संक्रमण के खतरे को देखते हुए मरीजों के परिजनों के प्रवेश पर रोक का आदेश जारी किया गया था, लेकिन वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं डॉक्टर उस आदेश को दरकिनार कर अब भी परिजनों को वार्ड में बुला रहे हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा गार्ड द्वारा रोके जाने पर डॉक्टर इसके लिए लिखित आदेश भी खुद ही जारी कर रहे हैं। इस बाबत अस्पताल प्रशासन का कहना है कि संक्रमण से बचाने के लिए उनकी तैयारियां हर स्तर पर चाक चौबंद है जबकि उनकी नाक के नीचे उनके आदेश की धज्जियां उड़ाकर संक्रमण फैलाने का इंतजाम किया जा रहा है।
कूड़े के ढेर के पास सो रहे परिजन
अस्पताल में कोविड संक्रमण के दौर में भी सफाई की स्थिति बेहद बदतर है। अस्पताल में बनाए गए कोविड-वार्ड के बाहर रखे गए डस्टबिन कूड़े से लबालब भरे हुए हैं, लेकिन उनकी सफाई नहीं की जा रही। आलम यह है कि मरीजों के परिजन उस कूड़े के ढेर से कुछ दूरी पर ही सोते देखे जा सकते हैं। परिजनों का कहना है कि अगर बार-बार कूड़ा साफ करने में परेशानी हो रही है तो अस्पताल प्रशासन को ऐसे जगहों पर एक की बजाय दो डस्टबिन रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे प्रयोग किया गया ग्लव्स, मास्क और अन्य संक्रमण की चीजें ऐसे बाहर ना फैलें।
परिजनों को सता रही अपने मरीज की चिंता
दूसरी तरफ कोविड के अन्य वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों को उनकी चिंता सता रही है। इस समस्या को लेकर रविवार की शाम एक कोविड वार्ड के बाहर परिजनों ने हो-हल्ला भी बचाया। उनका आरोप था कि कोविड वार्ड में रात 12 बजे के बाद डॉक्टर और स्टाफ नजर नहीं आते हैं। ऐसे में अगर उनके मरीज को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। इस समस्या के समाधान के लिए वे अस्पताल प्रशासन से अपने मरीज की देखभाल के लिए वार्ड में जाने की अनुमति प्रदान करने की मांग कर रहे थे।
क्या कहते हैं अधिकारी
कोविड मानकों की अनदेखी पर अस्पताल प्रशासन बेहद सतर्क है। इसमें अस्पताल के कोने-कोने में सफाई व्यवस्था के साथ ही डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों द्वारा मानकों के पालन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। -डॉ. जसविंदर कौर, डायरेक्टर प्रिंसिपल