Friday, May 09, 2025
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

संपादकीय

आखिर ऐसा क्या है शरिया कानून में, जिसकी वजह से खौफज़दां हैं अफ़गान की महिलाएं?- भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक

September 02, 2021 08:01 PM

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के तुरंत बाद सबसे पहली घोषणा तालिबान ने की है कि वे इस्लाम की शरिया कानूनी प्रणाली की सख़्त व्याख्या के अनुसार अफगानिस्तान पर शासन करेंगे। इसके साथ ही देश में अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना की उपस्थिति को करीब दो दशक बाद खत्म कर दिया गया । एक प्रेस वार्ता में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि मीडिया और महिलाओं के अधिकारों जैसे मसलों से इस्लामी कानून के ढांचे के तहत निपटा जाएगा। हालांकि तालिबान ने अभी तक यह नहीं बताया कि व्यवहार में इसके क्या मायने होंगे। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई जिन्हें पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के चलते तालिबान ने 15 साल की उम्र में गोली मार दी थी, उन्होंने चेतावनी दी है कि शरिया कानून की तालिबान की व्याख्या अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए घातक हो सकती है। मलाला ने बताया, मुझे अफगानिस्तान में महिला अधिकार कार्यकतार्ओं सहित कुछ कार्यकतार्ओं से बात करने का अवसर मिला. उन्हें अपने आगे के जीवन को लेकर भरोसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, उनमें से कई लोग 1996-2001 के बीच देश में में जो हुआ था, उसे याद कर रहे हैं और वे अपनी सुरक्षा, अपने अधिकारों और स्कूल जाने के अधिकार को लेकर बहुत चिंतित हैं। पहले जब तालिबान सत्ता में थे, तब महिलाओं को काम करने या शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। आठ साल की उम्र से लड़कियों को बुर्का पहनना पड़ता था। यही नहीं, महिलाओं को बाहर जाने की अनुमति तभी थी, जब उनके साथ कोई पुरुष संबंधी होते थे।  इन नियमों की अवहेलना करने पर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाते थे। आइये समझते हैं कि शरिया क्या है? शरिया कानून इस्लाम की कानूनी व्यवस्था है, इसे इस्लाम की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक कुरआन और इस्लामी विद्वानों के फैसलों यानी फतवों, इन दोनों को मिलाकर तैयार किया गया है। शरिया का शाब्दिक अर्थ- पानी का एक स्पष्ट और व्यवस्थित रास्ता। शरिया कानून जीवन जीने का रास्ता बताता है। सभी मुसलमानों से इसका पालन करने की उम्मीद की जाती है, इसमें प्रार्थना, उपवास और गरीबों को दान करने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य मुसलमानों को यह समझने में मदद करना है कि उन्हें अपने जीवन के हर पहलू को खुदा की इच्छा के अनुसार कैसे जीना है। शरिया कानून अपराधों को दो सामान्य श्रेणियों में विभाजित करता है- 'हद' और 'तजीर'। शरिया किसी मुसलमान के दैनिक जीवन के हर पहलू के बारे में व्यवस्था देता है। उदाहरण के लिए, काम के बाद अपने सहयोगियों द्वारा पब में बुलाए जाने पर सोच में डूबा कोई मुसलमान सलाह के लिए शरिया विद्वान के पास जा सकता है ताकि यह तय हो सके कि वह अपने धर्म के कानूनी ढांचे के भीतर व्यवहार करे।  
दैनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों, मसलन पारिवारिक कानून, वित्त और व्यवसाय के लिए मार्गदर्शन के लिए भी कोई मुसलमान शरिया कानून का रुख कर सकता है। यह भी सच है कि शरिया कानून अपराधों को दो सामान्य श्रेणियों में विभाजित करता है- पहला, 'हद', जो गंभीर अपराध हैं और इसके लिए अपराध तय किए गए हैं और दूसरा, 'तजीर' अपराध होता है, इसकी सजा न्याय करने वाले के विवेक पर छोड़ दी गई है। हद वाले अपराधों में चोरी शामिल है, इसके लिए अपराधी के हाथ काटकर दंड दिया जा सकता है, वहीं व्यभिचार करने पर पत्थर मारकर मौत की सजा दी जा सकती है। कुछ इस्लामी संगठनों का तर्क है कि 'हद' अपराधों के लिए दंड मांगने पर इसके नियमों में सुरक्षा के कई उपाय तय हैं, इसके लिए दंड तय करने से पहले काफी ठोस सबूत की जरूरत होती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने पत्थर मारकर मौत की सजा देने का विरोध किया है। उसका कहना है: यह दंड यातना या अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक सजा तय करता है. इसलिए यह साफ तौर पर प्रतिबंधित है। हालांकि सभी मुस्लिम देश हद अपराधों के लिए ऐसे दंड नहीं देते, सर्वेक्षणों की मानें तो ऐसे अपराधों के लिए कठोर दंड देने को लेकर मुसलमानों की राय बहुत बंटी हुई है। क्या धर्मांतरण के लिए फांसी दी जा सकती है? धर्म को छोड़ना, मुसलमानों के बीच एक बहुत ही विवाद का मसला है, विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश इस्लामी विद्वानों की राय है कि इसके लिए सजा मौत है। हालांकि मुस्लिम विचारकों का एक अल्पसंख्यक तबका (खासकर पश्चिमी देशों से जुड़े लोगों का) मानता है कि आधुनिक दुनिया की वास्तविकता का अर्थ यह है कि इसके लिए दंड अल्लाह पर छोड़ देना चाहिए, ऐसे लोगों की यह भी राय है कि धर्मत्याग से इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। कुरआन स्वयं घोषणा करता है कि धर्म में कोई बाध्यता नहीं होती। गर हम फैसलों की बात करें तो किसी भी कानूनी प्रणाली की तरह शरिया भी काफी जटिल है, इसका लागू होना पूरी तरह से जानकारों के गुण और उनकी शिक्षा पर निर्भर करता है। इस्लामी कानूनों के जज मार्गदर्शन और निर्णय जारी करते हैं। मार्गदर्शन को फतवा कहा जाता है, इसे औपचारिक कानूनी निर्णय माना जाता है।
शरिया कानून के पांच अलग-अलग स्कूल हैं, चार सुन्नी सिद्धांत हैं- हनबली, मलिकी, शफी और हनफी और एक शिया सिद्धांत है जिसे शिया जाफरी कहा जाता है। पांचों सिद्धांत, इस बात में एक-दूसरे से अलग हैं कि वे उन ग्रंथों की व्याख्या कैसे करते हैं जिनसे शरिया कानून निकला है।

Have something to say? Post your comment

और संपादकीय समाचार

Despite limited connectivity, India's journey to a growing comprehensive strategic partnership with the West is steadily growing: सीमित संपर्क के बावजूद पश्चिम के साथ भारत का लगातार बढ़ रहा व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक का सफर

Despite limited connectivity, India's journey to a growing comprehensive strategic partnership with the West is steadily growing: सीमित संपर्क के बावजूद पश्चिम के साथ भारत का लगातार बढ़ रहा व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक का सफर

World powers supported military action against terrorists- Operation Sindoor: आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई-ऑपरेशन सिंदूर का विश्व शक्तियों ने किया समर्थन, कहा आतंक और आतंकियों के लिए कहीं कोई जगह नहीं है, फिर भी संयम बरतने की जरूरत

World powers supported military action against terrorists- Operation Sindoor: आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई-ऑपरेशन सिंदूर का विश्व शक्तियों ने किया समर्थन, कहा आतंक और आतंकियों के लिए कहीं कोई जगह नहीं है, फिर भी संयम बरतने की जरूरत

Today's large-scale mock drill is a unique effort to strengthen internal security: आज की बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल न केवल आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने का अनूठा प्रयास बल्कि वैश्विक मंच पर मजबूत कूटनीतिक संदेश भी

Today's large-scale mock drill is a unique effort to strengthen internal security: आज की बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल न केवल आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने का अनूठा प्रयास बल्कि वैश्विक मंच पर मजबूत कूटनीतिक संदेश भी

5 crore pending cases, 76% innocents in jails!: 5 करोड़ लंबित मुकदमे, 76% बेगुनाह जेलों में !  भारतीय न्याय प्रणाली पुनर्जीवित होने की अब भी जोत रही है बाट

5 crore pending cases, 76% innocents in jails!: 5 करोड़ लंबित मुकदमे, 76% बेगुनाह जेलों में ! भारतीय न्याय प्रणाली पुनर्जीवित होने की अब भी जोत रही है बाट

India's 151st rank in the World Press Freedom Index-2025: वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स-2025 में भारत का 151वां स्थान लोकतंत्र के लिए दुःख की बात तो देश के लिए गंभीर चिंता का विषय

India's 151st rank in the World Press Freedom Index-2025: वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स-2025 में भारत का 151वां स्थान लोकतंत्र के लिए दुःख की बात तो देश के लिए गंभीर चिंता का विषय

Char Dham Yatra has started: चार धाम की यात्रा शुरु मगर  ध्यान रखें इसकी पुख्ता तैयारी, सुरक्षा और आध्यात्मिक अनुभव का

Char Dham Yatra has started: चार धाम की यात्रा शुरु मगर ध्यान रखें इसकी पुख्ता तैयारी, सुरक्षा और आध्यात्मिक अनुभव का

Reviving India's industrial capacity is the need of the hour: भारत की औद्योगिक क्षमता को पुनर्जीवित करना समय की मांग

Reviving India's industrial capacity is the need of the hour: भारत की औद्योगिक क्षमता को पुनर्जीवित करना समय की मांग

Decision to conduct caste census may be easy, but implementation is equally difficult: जातिगत जनगणना कराने का फैसला भले ही है मगर इस पर अमल करना उतना ही मुश्किल भी है

Decision to conduct caste census may be easy, but implementation is equally difficult: जातिगत जनगणना कराने का फैसला भले ही है मगर इस पर अमल करना उतना ही मुश्किल भी है

After the Pahalgam terror attack, Banke Bihari temple defeated hatred:

After the Pahalgam terror attack, Banke Bihari temple defeated hatred: "पहलगाम आतंकी हमले के बाद बांके बिहारी मंदिर ने नफरत को दी मात, मुस्लिम कारीगरों और कर्मचारियों के बहिष्कार की मांग ठुकराई"

Senior ED officials are under fire over fire incident in which the possibility of destruction of records of Mehul Choksi, Nirav Modi and politicians Chhagan Bhujbal and Anil Deshmukh in the fire at ED headquarters: ई डी के मुख्यालय की आग में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और राजनेता छगन भुजबल और अनिल देशमुख के मामलों के रिकार्ड नष्ट होने की आशंका से ई डी के वरिष्ठ अधिकारी सवालों के घेरे में

Senior ED officials are under fire over fire incident in which the possibility of destruction of records of Mehul Choksi, Nirav Modi and politicians Chhagan Bhujbal and Anil Deshmukh in the fire at ED headquarters: ई डी के मुख्यालय की आग में मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और राजनेता छगन भुजबल और अनिल देशमुख के मामलों के रिकार्ड नष्ट होने की आशंका से ई डी के वरिष्ठ अधिकारी सवालों के घेरे में

By using our site, you agree to our Terms & Conditions and Disclaimer     Dismiss