सिटी दर्पण ब्युरो, नई दिल्ली, 14 सितंबर: कोरोना संक्रमण से अपने पेरेंट्स को खोने वाले बच्चों को मिलने वाले स्टाइपेंड में 2 हजार रुपए की वृद्धि हो सकती है। सरकार ऐसे बच्चों को 2 हजार की जगह 4 हजार रुपए की सहायता राशि दे सकती है। केंद्रीय कैबिनेट अगले कुछ हफ्तों में इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत ऐसे बच्चों को 2 हजार रुपए की सहायता राशि के साथ पढ़ाई-लिखाई और मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देने का ऐलान किया था। अब सहायता राशि में बढ़ोतरी का बड़ा फैसला किया जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने अनाथ बच्चों को मिलने वाले स्टाइपेंड को 4 हजार रुपए करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर अगले कुछ हफ्तों में कैबिनेट की मुहर लग सकती है।
अब तक 3250 आवेदन मिले
महिला और बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के लिए अब तक 467 जिलों से 3250 आवेदन मिले हैं। इसमें से विभिन्न राज्यों के जिला अधिकारियों ने 667 आवेदनों को अप्रूव कर दिया है। बाकी के ऐप्लिकेशन की स्क्रूटनी प्रोसेस में है।
29 मई को पीएम ने ये बड़े ऐलान किए..
- कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र तक मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) मिलेगा। वहीं 23 साल का होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी जाएगी।
- केंद्र सरकार की तरफ से इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इन बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मिलेगा, जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
- इन बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा। इस इंश्योरेंस की प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से भरी जाएगी।
- दस साल से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी सेंट्रल स्कूल या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा। जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में भर्ती कराया जाएगा। अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे भी नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में एडमिशन मिलेगा।
- अगर बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसकी फीस पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी और उसकी स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा।