सिटी दर्पण ब्युरो, चंडीगढ़, 14 सितंबर: शहर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए यूटी प्रशासन जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने जा रहा है। इसके लिए मंगलवार को विभिन्न विभागों के सुझाव लेने के बाद चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन कर दिया। बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन के इस्तेमाल पर इंसेंटिव देने व चार्जिंग स्टेशन की लोकेशन पर भी चर्चा की गई।
बेकाबू होते पेट्रोल-डीजल के दाम के बीच लोग अपने बजट को संभालने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की रियायतें दी हैं। साथ ही सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाना देने के निर्देश दिए हैं।
इसी कड़ी में व शहर में प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाई जा रही है। तीन सदस्यीय कमेटी में नगर निगम आयुक्त आनिंदिता मित्रा, डीसी मनदीप सिंह बराड़ और चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देबेंद्र दलाई सदस्य होंगे। कमेटी का मुख्य कार्य इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क, रोड टैक्स, पार्किंग फीस में रियायत, इंसेंटिव देने आदि पर फैसला लेना होगा।
ये कमेटी नीति का मसौदा तैयार करेगी, जिस पर लोगों के सुझाव आमंत्रित किये जाएंगे। यूटी प्रशासक से मंजूरी के बाद इलेक्ट्रिक वाहन नीति को पांच साल के लिए लागू किया जाएगा और उसके बाद बदली हुई शर्तों के अनुसार संशोधित किया जाएगा। यूटी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में 40 ई-बसों को खरीदने के लिए टेंडर किया है। एक बस पिछले महीने चंडीगढ़ पहुंच गई थी और अगले महीने तक सभी 40 बसें चंडीगढ़ में चलती नजर आएंगी।