सिटी दर्पण ब्युरो, चंडीगढ़, 16 सितंबर: ट्राइसिटी में गुरुवार शाम झमाझम बारिश हुई। ढाई घंटे में 45.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे तापमान 9.2 डिग्री नीचे गिर गया। चंडीगढ़ में दोपहर तीन बजे शहर का तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस था, जो रात 8 बजे गिरकर 24 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आगामी तीन दिन तक हल्की बारिश का अनुमान है।
सुबह से तेज धूप के बाद शाम को मौसम में बदलाव दिखा। अचानक तेज बारिश से रास्ते में जा रहे लोगों के लिए बचना मुश्किल हो गया। कोई पेड़ के नीचे तो कोई छत की तलाश करने लगा। इस दौरान मौसम काफी सुहाना हो गया। दिनभर उमस से परेशान लोगों ने राहत महसूस की।
मौसम विभाग के अनुसार शहर का अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री ज्यादा रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 4.2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। अगले तीन दिनों तक अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले दो सप्ताह तक मानसून के सक्रिय रहने की उम्मीद है। पिछले कई साल में मानसून अक्तूबर तक भी सक्रिय रहा है। पिछले पांच दिनों में शहर में 65.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पंचकूला में झमाझम बारिश से सड़कें बनीं तालाब
पंचकूला में अचानक हुई बारिश से शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। सेक्टरों में जलभराव होने से घरों में भी पानी घुस गया। कई घंटों की लगातार बारिश से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। नालियां जाम होने की वजह से सड़कें तालाब बन गईं। रोड गलियां और सीवरेज लाइन की सफाई न होने से सेक्टरों में पानी जमा हो गया। अनेक जगह लोग अपने सामान को बचाने की जुगत में लगे थे। बरसात के मौसम में जलभराव होने पर नगर निगम के अधिकारी वादा करते हैं कि अगली बार जलभराव का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन छुटकारा नहीं मिल रहा है। हर बार बारिश होते ही शहर तालाब बनकर रह जाता है।
सबसे ज्यादा परेशानी शहर के निचले हिस्सों में रहने वालों को होती है। शहर का सारा पानी उसी तरह एकत्रित हो जाता है। गुरुवार शाम को हुई बारिश के चलते सेक्टर-7, सेक्टर-8, सेक्टर-9, सेक्टर-10, सेक्टर-11, सेक्टर-12, सेक्टर-14, सेक्टर-15, सेक्टर-16, सेक्टर-17, सेक्टर-18, सेक्टर-19, सेक्टर-20, औद्योगिक क्षेत्र-1, औद्योगिक क्षेत्र फेस-2, महेशपुर, राजीव-इंदिरा कॉलोनी के लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा।