सिटी दर्पण न्यूज़, चंडीगढ़, 7 मईः चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार की अपील पर कई लोग महामारी में मदद के लिए आगे आए, लेकिन अब प्रशासन ने शर्त लगा दी है कि मिनी कोविड सेंटर बनाने वालों को ही स्वास्थ्यकर्मी व ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी होगी। इस कारण प्रशासन के पास आए आवेदनों का कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि हम अन्य व्यवस्था तो कर लेंगे, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी और ऑक्सीजन की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग को ही करनी होगी।
बता दें कि बीते दिनों प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के सलाहकार मनोज परिदा ने लोगों से अपील की थी कि शहर में कोरोना महामारी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यहां के लोगों, सामाजिक संस्थाओं व व्यापारी संगठनों को मदद के लिए आगे आना चाहिए। अपनी सहभागिता करते हुए मिनी कोविड सेंटरों की स्थापना करनी चाहिए। इसके बाद लोगों ने भी प्रशासन को आवेदन देना शुरू कर दिया।
स्वास्थ्यकर्मी और ऑक्सीजन की व्यवस्था पर लोगों ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग आर्मी की ओर से बनाए जाने वाले अस्पताल में ऑक्सीजन दे सकता है तो हमें क्यों नहीं। हम भी कोरोना महामारी में मदद के लिए ही अस्थायी अस्पतालों का निर्माण कर रहे हैं। ऑक्सीजन व स्वास्थ्य कर्मचारी सामाजिक संगठन व आम आदमी कहां से लाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग को ही सहयोग करना होगा।
दो जगह मिनी कोविड सेंटर बनाने का दिया है प्रस्ताव
विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया स्थित शिव मानस मंदिर व सेक्टर- 37 स्थित परशुराम भवन में 50-50 बेड का कोविड सेंटर बनाने के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन व स्वास्थ्यकर्मियों की व्यवस्था करो। यह हमारे स्तर पर तत्काल संभव नहीं है। इसलिए अब तक प्रस्ताव पर विचार नहीं हुआ।
कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर हम कर लेंगे, स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी मदद करनी होगी : रोहित
स्वरमनी फाउंडेशन के संस्थापक रोहित कुमार ने बताया कि उन्होंने 50 बेड का अस्पताल बनाने की अपील की है। उन्होंने प्रस्ताव में लिखा है कि खाने-पीने से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाएं हम कर लेंगे। इसके अलावा कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर की भी व्यवस्था कर लेंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को मदद तो करनी ही होगी। ऑक्सीजन की मांग बढ़ेगी तो हमें समस्या होगी। साथ ही हमारे पास स्वास्थ्यकर्मी नहीं है। इसलिए इतनी मदद की प्रशासन से उम्मीद करते हैं।
कोरोना वायरस की वजह से शहर के अस्पतालों में भी डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है। इस वजह से संस्थानों से आग्रह किया गया है कि वह खुद मिनी कोविड केयर सेंटर के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था करें। हालांकि सेंटरों में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, जो वहां जाकर मरीजों को देखते हैं।
- यशपाल गर्ग, इंचार्ज, मिनी कोविड केयर सेंटर