सिटी दर्पण ब्युरो, नई दिल्ली, 08 दिसंबर: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर हर दिन चिंता बढ़ाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। इस नए वैरिएंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने फिर चेताया है। स्वामीनाथन ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से बच्चों और अनवैक्सीनेटेड लोगों में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है। 24 नंवबर को साउथ अफ्रीका में सामने आए इस नए वैरिएंट की पहुंच भारत समेत दुनिया के 40 से ज्यादा देशों में हो चुकी है।
चलिए जानें कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बच्चों को खतरे को लेकर WHO ने दी है क्या चेतावनी? भारतीय बच्चों को है ओमिक्रॉन से कितना अधिक खतरा?
बच्चों पर ओमिक्रॉन को लेकर WHO ने चेताया
साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन के मामले बच्चों में भी बढ़ रहे हैं। CNBC-न्यूज-18 के मुताबिक, ओमिक्रॉन को लेकर WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन का खतरा बच्चों को अधिक है।
स्वामीनाथन का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि वहां इस स्ट्रेन से अधिक बच्चे संक्रमित हो रहे हैं।
पिछली सभी लहरों के दौरान पूरी दुनिया में ही कोरोना ने बच्चों पर बहुत प्रभाव नहीं डाला था, लेकिन साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन के मामले बच्चों में बढ़ने से चिंता बढ़ गई है।
5 साल से कम उम्र के बच्चों हो रहे ज्यादा संक्रमित
शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन आने के बाद से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में हॉस्पिटलाइजेशन की दर बढ़ी है। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट वसीला जसत ने कहा कि इस लहर में एक नया ट्रेंड पांच साल से कम उम्र के बच्चों के अस्पताल में एडमिट होने की दर में बढ़ोतरी है। NICD ने कहा कि वैसे तो सभी उम्र के बच्चों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन ये पांच साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है।
NICD ने साथ ही ये भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के एपिसेंटर शहर त्श्वाने (Tshwane) शहर में हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों बच्चों की कुल संख्या में से करीब 10 फीसदी दो साल से कम उम्र के हैं।
भारत में बच्चों को कितना है ओमिक्रॉन से खतरा?
- साउथ अफ्रीका में बच्चों के भी ओमिक्रॉन संक्रमित होने से भारत में भी इस वैरिएंट से बच्चों के इंफ्केटेड होने का खतरा बढ़ गया है। हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों की दो राय है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वैरिएंट जिस तरह अफ्रीका में बच्चों को प्रभावित कर रहा है वह भारत में नहीं करेगा।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG) के निदेशक डॉ सौमित्र दास का कहना है कि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन भारत के बच्चों और लोगों को उसी तरह प्रभावित करेगा जैसा वह अफ्रीका में कर रहा है।
- इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, के एनेस्थेसियोलॉजिस्ट, डॉ एच.के. महाजन का कहना है कि हमारी नैचुरल इम्यूनिटी हमें ओमिक्रॉन वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगी।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमिक्रॉन के भारत में बच्चों में असर को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और ऐसे में सरकार को इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए।
बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने की जरूरत?
ओमिक्रॉन के अफ्रीकी देशों में बच्चों में भी बढ़ते संक्रमण पर चिंता जताते हुए WHO ने कहा है कि बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किए जाने की जरूरत है, जो अभी काफी कम देशों में हो रही है।
WHO चीफ साइंटिस्ट, सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि बच्चों के लिए बहुत सारी वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं और बहुत कम देश बच्चों का वैक्सीनेशन कर रहे हैं। केस बढ़ने पर बच्चों और अनवैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमण का खतरा अधिक है। हम अभी भी बच्चों पर ओमिक्रॉन के प्रभाव के अंतिम डेटा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
भारत समेत दुनिया में बच्चों के वैक्सीन का क्या है हाल?
- बच्चों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की चर्चा पूरी दुनिया में लंबे समय से चल रही है। कई देश 2-17 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू भी कर चुके हैं, लेकिन भारत समेत दुनिया के कई देशों में बच्चों के वैक्सीनेशन की शुरुआत होना अभी बाकी है।
- भारत में सबसे पहले 12-17 साल के बच्चों में वैक्सीनेशन शुरू करने की तैयारी है, जिसे लेकर जल्द ही गाइडलाइन जारी होगी। देश में सबसे पहले 7 राज्यों-महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होगा।
- अभी दुनिया में 30 से अधिक देशों में ही बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ है। हालांकि अलग-अलग देशों में अलग उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
- जैसे-जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में 12 से अधिक, तो वहीं इटली, इजरायल जैसे देशों में 5 साल से अधिक, वहीं चीन, हॉन्ग कॉन्ग में 3 साल से अधिक तो क्यूबा और वेनेजुएला में 2 साल से अधिक उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
ओमिक्रॉन पर WHO ने और क्या चेतावनी दी है?
- WHO के मुताबिक, साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन के अब तक के मामलों को देखकर यह बात सामने आई है कि यह अनवैक्सीनेटेड लोगों में तेजी से फैल रहा है।
- WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट में डेल्टा की तुलना में रीइंफ्केशन (इंफेक्शन के 90 दिन बाद) होने का खतरा तीन गुना अधिक है।
हालांकि, ओमिक्रॉन कितना घातक वैरिएंट है, इसे लेकर स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर स्टडी जारी है और इसकी गंभीरता को पूरी तरह से समझने में दो-तीन हफ्ते और लगेंगे।