सिटी दर्पण ब्युरो,कीव / नई दिल्ली, 27 मार्चः रूसी सेना के हमलों के बीच यूक्रेन सरकार की ओर से महत्वपूर्ण बयान आया है। बयान में कहा गया है कि रूस यूक्रेन को तोड़ना चाहता है और इलाकों पर कब्जा कर वहां पर अपनी पसंद की सरकार गठित करना चाहता है। ऐसे किसी प्रयास को विफल करने के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तल्ख अंदाज में पश्चिमी देशों से लड़ने के लिए लड़ाकू विमानों, टैंकों और मिसाइलों की मांग की है। जबकि रूसी सेना को रोकने के लिए यूक्रेन के खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानोव ने गुरिल्ला युद्ध छेड़ने के संकेत दिए हैं।
लुहांस्क क्षेत्र में रूस करा सकता है जनमत संग्रह
यूक्रेन की ओर से ये बयान पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क क्षेत्र में रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह की प्रक्रिया चलाए जाने के संकेत के बाद आए हैं। रूस ने इसी तरह की प्रक्रिया से 2014 में यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया को खुद में मिलाया था।
गुरिल्ला युद्ध लड़ने के संकेत
यूक्रेन के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोरिया प्रायद्वीप के बंटवारे की तरह रूस यूक्रेन के भी दो टुकड़े करना चाहता है। खुफिया प्रमुख ने लड़ाई में पिछड़ने की स्थिति में रूसी सेना से गुरिल्ला युद्ध लड़ने के संकेत दिए हैं। इस युद्ध में यूक्रेनी लड़ाके छोटी-छोटी टुकडि़यों में बंटकर रूसी सेना पर अचानक हमला बोलेंगे और उसे नुकसान पहुंचाकर भाग जाएंगे। इससे यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंच सकता है और रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है
रूस में शामिल हो सकता है लुहांस्क
पूर्वी यूक्रेन में स्थित लुहांस्क इलाका जल्द ही जनमत संग्रह के जरिये रूस में शामिल होने की राय जाहिर कर सकता है। इस इलाके के एक हिस्से पर रूस समर्थित विद्रोहियों का 2014 से कब्जा है, पिछले एक महीने के युद्ध में रूसी सेना के समर्थन से ये विद्रोही अब पूरे लुहांस्क पर काबिज हो गए हैं। यह विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनेस्क के पड़ोस का इलाका है। दोनों ही इलाकों को रूस ने 24 फरवरी को युद्ध छिड़ने से पहले यूक्रेन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था।
ज्यादा साहस दिखाते हुए यूक्रेन की मदद करे पश्चिम : जेलेंस्की
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देशों से और ज्यादा साहस दिखाने के लिए कहा है। जेलेंस्की ने रूसी सेना से लड़ने के लिए पश्चिमी देशों से लड़ाकू विमानों, टैंकों और मिसाइलों की मांग की है। कहा है कि नाटो अपने एक प्रतिशत विमान और एक प्रतिशत टैंक मदद के तौर पर यूक्रेन को दे, जो इन दिनों रूसी सेना का पूरी ताकत से मुकाबला कर रहा है।
पीछे हट रहे पश्चिमी देश
जेलेंस्की ने कहा, रूसी सेना अब यूक्रेन के तेल और खाद्यान्न भंडारों को निशाना बना रही है और यूक्रेन को तोड़ने का प्रयास कर रही है, इसलिए देश को ज्यादा मदद की जरूरत है। जेलेंस्की ने कहा, पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद से पीछे हट रहे हैं। वास्तव में वे रूस से डरते हैं। विदित हो कि शनिवार को रूसी सेना ने चार मिसाइल हमलों में पश्चिमी यूक्रेन के लवीव शहर के नजदीक स्थित तेल भंडार और सेना के रिपेयर प्लांट को नष्ट कर दिया था। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार यूक्रेन की सैन्य क्षमता कम करने के उद्देश्य से लवीव में क्रूज मिसाइलों से हमला किया गया था।
रूस में सत्ता परिवर्तन का प्रयास नहीं कर रहा अमेरिका
राष्ट्रपति जो बाइडन के रविवार को पोलैंड में दिए बयान पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सफाई दी है। कहा है कि अमेरिका रूस में सत्ता परिवर्तन के लिए प्रयास नहीं कर रहा। बाइडन ने कहा था कि भगवान ने चाहा, तो यह व्यक्ति (राष्ट्रपति पुतिन) सत्ता में नहीं रहेगा। बाइडन ने यह बात यूक्रेनी शरणार्थियों से मुलाकात के बाद कही थी। बाइडन के इस बयान पर रूस ने विरोध जताया है। कहा है कि अमेरिका को अधिकार नहीं है कि वह रूस की सत्ता को तय करने की इच्छा जताए।