- महिला ने शुरू किया Breast Milk से ज्वेलरी बनाने का बिजनेस! करोड़ों में हो रही कमाई, जानिए तरीका
अब तक आपने कई बिजनेस के बारे में सुना होगा. लेकिन आज यहां हम आपको एक ऐसे बिजनेस के बारे में बता रहे हैं जिसमें मुनाफा तो है ही साथ ही ये बिजनेस भावनात्मक छाप भी छोड़ती है. दरअसल ये बिजनेस है मां के दूध से ज्वेलरी बनाने का. आप सभी जानते ही होंगे कि बच्चे की सेहत के लिए मां के दूध का सेवन बहुत जरूरी होता और ये बच्चे के लिए अमृत होता है. इस अमृत को सम्हालने और यादों में जिंदा रखने के लिए इससे गहने बनाए जा रहे हैं. शायद यह सुनने में अजीब लग रहा हो लेकिन, लंदन में 3 बच्चों की मां ने ऐसा कर दिखाया है. आइए जानते हैं विस्तार से.
लंदन स्थित मजैंटा फ्लॉवर नाम की एक कंपनी ब्रेस्ट मिल्क से ना सिर्फ ज्वेलरी बना रही है बल्कि इससे करोड़ों का प्रॉफिट भी कमा रही है. अब फैशन इंडस्ट्री में भी 'ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी' का ये कॉन्सेप्ट काफी पॉपुलर हो रहा है. भारत में ही यह बिजनेस शुरू हो गया है. इस बिजनेस की खासियत है कि इसमें फायदे के साथ ईमोशनल जुड़ाव भी है.
लंदन में हुई शुरुआत
इस अलग तरह के बिजनेस की शुरुआत लंदन में रहने वाली तीन बच्चों की मां साफिया रियाद ने की. साफिया रियाद ने सबसे पहले अपने ही दूध से ज्वेलरी बनाई. इसके बाद सन् 2019 में साफिया रियाद और उनके पति एडम रियाद ने इसके बारे में और जानकारी लेकर इसकी शुरुआत की. दोनों पति पत्नी ने मिलकर मैजेंटा फ्लावर्स नाम से एक कंपनी की शुरुआत की.
आखिर क्यों खास है ये बिजनेस
आपको बता दें कि अब यह एक अवॉर्ड विनिंग कंपनी बन चुकी है और अब तक यह कंपनी ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी के 4000 से ज्यादा ऑर्डर पूरे कर चुकी है. दरअसल, ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी इसलिए भी पॉपुलर हो रही है क्योंकि यह कोई साधारण ज्वेलरी नहीं है बल्कि इससे एक महिला अपने मां बनने के एहसास को सहेजकर रकह सकती है. ये एक मां और बच्चे के बीच के अटूट बंधन को और प्रेम को संजोने में मदद करती है. 15 करोड़ रुपये का कारोबार
हमारे सहयोगी वेबसाईट डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनी 2023 तक 1.5 मिलियन पाउंड यानी 15 करोड़ रुपये का बिजनेस कर सकती है. यानी इस बिजनेस में मुनाफा भी छप्पर फाड़ कर मिल रहा है. 'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक इस कपल ने मां के दूध से बने आभूषण के बारे में कहीं पढ़ा था जिसके बाद दोनों ने इसका बिजनेस करने का फैसला किया. ब्रेस्ट मिल्क से गले के हार, झुमके और अंगूठियां बन सकती हैं. एक ज्वेलरी बनाने के लिए 30 मिलीलीटर दूध की जरूरत होती है.
- क्यूबा में केकड़ों का कहर:कोरोना लॉकडाउन में सड़कों पर केकड़ों का कब्जा हुआ, लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल
क्यूबा के दक्षिण समुद्री तट पर तेजी से माइग्रेटिंग क्रैब्स (केकड़ों) की आबादी बढ़ रही है, जिसके चलते स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये केकड़े पहले सड़कों पर ज्यादा नहीं दिखाई देते थे, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के दौरान खाली जगह मिलने से ये बाहर निकलने लगे हैं।
लोगों को हो रही सड़कों पर निकलने में परेशानी
क्यूबा की सड़कों पर खुलेआम घूमते केकड़े।
अब ये केकड़े क्यूबा की सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हैं। लोगों ने बताया कि बारिश शुरू होने के बाद लाखों लाल, पीले और काले रंग के केकड़े जमीन से निकल रहे हैं। ये सुबह-शाम सड़कों पर घूमते रहते हैं। अब लोगों के पास भी कोई रास्ता नहीं बचा। कुछ केकड़े कभी गाड़ियों से कुचल दिए जाते हैं, तो कभी पैरों तले दब जाते हैं।
अभी और बढ़ सकती है केकड़ों की संख्या
इन केकड़ो की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्यूबा के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि कोरोना काल के बाद केकड़ों की आबादी लगातार बढ़ी है। साथ ही, इनकी संख्या में अभी और इजाफा होने की उम्मीद है। हालांकि, दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
सड़कों पर बिछा केकड़ों का कालीन
सड़कों पर बिछी केकड़ों की चादर।
ये केकड़े किसी भी गाड़ी, बस, घर की दीवारों और समुद्र के आसपास चलते रहते हैं। सड़कों पर ये इस कदर फैले हुए हैं कि दूर से देखने पर ऐसा लगता है मानो सड़कों पर केकड़ों का कालीन बिछा हुआ हो।
लोगों ने बताया कि केकड़े अगर गाड़ी से कुचल भी जाते हैं तो उनका नुकीला शरीर अक्सर कार के टायरों को पंक्चर कर देता है। हाल ये है कि वे केकड़ों को डराने के लिए पोंछे (वाइपर) का इस्तेमाल करते हैं, ताकि उन्हें मारना न पड़े।
- पाक पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर 6 अरब रुपये की रिश्वत का आरोप, जानिए पूरा मामला
अविश्वास प्रस्ताव के साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दिन पर दिन मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने इमरान खान और उनकी पत्नी पर बड़ा आरोप लगाया है। शनिवार को मरियम नवाज ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी पर 6 अरब पीकेआर (पाकिस्तानी रुपया) की रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने इसे 'सभी घोटालों की जननी' करार दिया है।
तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी ने इस्लामाबाद के माडल टाउन में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये गंभीर आरोप लगाए। रैली के दौरान मरियम ने कहा कि मैं फराह (बुशरा बीबी की एक दोस्त) के नाम लेने की हिम्मत करती हूं, जो तबादलों और पोस्टिंग के जरिए लाखों रूपये प्राप्त करने में शामिल हैं और ये सीधे बनिगला (पीएम खान का निवास) से जुड़ी हैं। साथ ही उन्होंने कहा एक बार जब पीटीआइ सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से घर भेज दिया जाएगा, तो भ्रष्टाचार की और कई कहानियां सामने आएंगी।
आने वाले दिनों में आएंगे चौंकाने वाले सबूत
उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार के सभी घोटालों की जननी तबादलों और पोस्टिंग की 6 अरब रुपये की राशि है और यह सीधे बनिगला से संबंधित है। मरियम ने कहा कि आने वाले दिनों में चौंकाने वाले सबूत सामने आएंगे। इमरान खान को इस बात का गहरा डर है कि एक बार जब वह सत्ता से बाहर हो जाएंगे, तो उनकी 'चोरी' पकड़ी जाएगी। इस दौरान मरियम नवाज ने प्रधानमंत्री से कुछ आत्म-सम्मान दिखाने के लिए कहा और उनसे सत्ता पर बने रहने के लिए समय मांगने के बजाय इस्तीफा देने का आग्रह किया।
इमरान के पास नहीं है कोई ट्रंप कार्ड
उन्होंने कहा कि आज इमरान खान जनता से नहीं बल्कि किसी और (प्रतिष्ठान) से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि कोई भी अब उनके बचाव में नहीं आएगा। मरियम ने कहा कि इमरान के पास कोई ट्रंप कार्ड नहीं बचा है, बल्कि उनकी सरकार के दिन गिने जा रहे हैं। वह संसद में अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतगणना में देरी कर अपने शासन को कुछ और दिनों के लिए खींच रहे हैं। बिना किसी अधिकार के सत्ता से चिपके रहकर वह कितना अपमान सहना चाहते हैं।
सरकार को बचाने के लिए इमरान के घर में चल रहा जादू टोना
खान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी, जिन्हें बुशरा रियाज के नाम से भी जाना जाता है। बुशरा पर कटाक्ष करते हुए मरियम ने कहा कि हम जानते हैं कि इमरान की सरकार को बचाने के लिए बनिगला में जादू टोना चल रहा है, लेकिन इससे भी कोई मदद नहीं मिलने वाली है।
- क्या NATO को रूस चला रहा है? पश्चिमी देशों पर भड़के यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की, मांगी टैंक और मिसाइलें
कीव: पिछले एक महीने से रूस के हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन की हिम्मत अब टूटती नजर आ रही है। रूस जैसी महाशक्ति के खिलाफ युद्ध के दौरान यूक्रेन की लगभग पूरी सैन्य ताकत खत्म हो चुकी है। अब वह पश्चिमी देशों से मिलने वाले हथियारों और आर्थिक मदद पर पूरी तरह से निर्भर है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने सैन्य मदद में देरी को लेकर नाटो के सदस्य देशों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को यूक्रेनी सैनिकों के साहस का एक फीसदी भी हिम्मत दिखानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि नाटो देश रूस की धमकियों से डर गए हैं। इसके बावजूद उन्होंने इन देशों से और अधिक मात्रा में टैंक, लड़ाकू विमान और मिसाइलों की मांग की।
जेलेंस्की ने नाटो देशों से मांगे हथियार
जेलेंस्की ने खुलेआम नाराजगी जताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को यूक्रेन को जल्द से जल्द हथियार सौंपने चाहिए जो उनके भंडार में पड़े-पड़े धूल से गंदे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को नाटो के केवल एक प्रतिशत विमान और उसके एक प्रतिशत टैंक की आवश्यकता है। नाटो देशों ने अब तक यूक्रेन को एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों के साथ-साथ छोटे हथियार और सुरक्षात्मक उपकरण दिए हैं। हालांकि, इन देशों ने यूक्रेन को कोई भारी हथियार या विमानों की पेशकश नहीं की है।
नाटो देशों पर हथियार न देने का लगाया आरोप
उन्होंने कहा पश्चिमी देश यूक्रेन को विमान और अन्य रक्षा उपकरण प्रदान करने के मामले में टालमटोल कर रहे हैं, दूसरी ओर रूसी मिसाइल हमलों में आम नागरिक फंसे हुए हैं और मारे जा रहे हैं। जेलेंस्की ने यूक्रेन के मारियुपोल शहर की घेराबंदी की ओर इशारा करते हुए शनिवार तड़के एक वीडियो संबोधन में कहा कि मैंने आज मारियुपोल के रक्षकों के बात की। मैं निरंतर उनके संपर्क में हूं। उनका संकल्प, वीरता और दृढ़ता अचंभित करने वाली है। जो चंद विमान और टैंक प्रदान करने के बारे में 31 दिन से सोच रहे हैं, उनमें उनका केवल एक प्रतिशत साहस है।
32 दिनों से जारी है रूस-यूक्रेन युद्ध
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को 32 दिन हो गए हैं। कई क्षेत्रों में रूस ने हमले रोक दिये हैं। रूसी सेना का लक्ष्य जल्द से जल्द राजधानी कीव को घेरना है। हालांकि इस दौरान उसे यूक्रेन की तरफ से जबरदस्त प्रतिरोध का सामना कर पड़ रहा है। यूक्रेन की सेना भी अमेरिका और पश्चिमी देशों की सहायता से रूसी सेना का मजबूती से सामना कर रही है। हालांकि पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद में लड़ाकू विमान शामिल नहीं है। अमेरिका के जरिये यूक्रेन को पोलैंड के विमान भेजने के प्रस्ताव को नाटो की चिंताओं के चलते खारिज कर दिया गया है।