सिटी दर्पण ब्युरो, इस्लामाबाद /नई दिल्ली, 30 मार्चः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा कि विदेश में तैनात एक पाकिस्तानी दूत ने वह 'धमकी भरा पत्र' लिखा था जिसका जिक्र उन्होंने 27 मार्च को इस्लामाबाद की रैली में किया था। सूत्रों ने जियो न्यूज को इसकी जानकारी दी है। खबर के मुताबिक पत्रकारों से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि विदेश के एक अधिकारी से मिलने के बाद दूत ने पाकिस्तान को यह पत्र भेजा था। सूत्रों ने जियो न्यूज को बताया कि इमरान खान ने कहा कि पत्र को सैन्य नेतृत्व के साथ साझा किया गया था और उसकी भाषा 'धमकाने वाली' थी।
रिपोर्ट के अनुसार इमरान खान ने कहा कि यह पत्र संसद के सत्र के दौरान सांसदों के साथ साझा किया जाएगा। लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के चलते हम उस देश का नाम उजागर नहीं करेंगे जिसने पाकिस्तान को 'धमकी' दी है। इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने पत्रकारों को बताया कि पत्र में लिखा था, 'अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो पाकिस्तान के लिए सब कुछ माफ कर दिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इसमें लिखा था, 'अगर यह असफल हुआ तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
'इमरान के मंत्री ने लगाए नवाज शरीफ पर आरोप
गत 27 मार्च को इस्लामाबाद में पीटीआई की रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश में 'विदेशी तत्वों' का हाथ है। उन्होंने कहा था कि इसके लिए हमारे कुछ अपने लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंगलवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में असद उमर ने कहा था कि नवाज शरीफ ने विदेशी ताकतों के साथ हाथ मिलाए हैं और वह इमरान खान के खिलाफ 'साजिश' में शामिल हैं।
'पीडीएम का नेतृत्व धमकी भरे पत्र से अनजान नहीं'
उमर ने कहा कि नवाज शरीफ इस वक्त लंदन में हैं। उन्होंने दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ मुलाकात की है। मंत्री ने दावा किया कि पीडीएम का नेतृत्व इस पत्र से 'अनजान' नहीं है। इमरान खान बुधवार को देश को संबोधित करने वाले थे लेकिन आर्मी चीफ जनरल बाजवा और आईएसआई डीजी नदीम अंजुम से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना संबोधन रद्द कर दिया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही इमरान खान इस्तीफा दे सकते हैं या आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।