प्रदेश में 17 हजार मृतक डिफाल्टरों की तरफ मूलधन से ज्यादा हुआ ब्याज
मृतक डिफाल्टरों का होगा पूरा ब्याज माफ, अन्य को पचास प्रतिशत की छूट
दर्पण न्यूज़ सर्विस
चंडीगढ़, 5 अगस्तः हरियाणा सरकार ने सहकारी ऋण उपभोक्ताओं के ऋणी किसानों/सदस्यों के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना 2022 का ऐलान किया है। सहकारिता मंत्री बनवारी लाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला कृषि एवं भूमि विकास बैंक (लैंड मोर्टगेज बैंक) के ऋणी सदस्यों के लिए एकमुश्त निपटान योजना 2022 की घोषणा की है।
जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के ऋणी सदस्यों के लिए घोषित योजना में मुख्य रूप से मृत ऋणियों के ऋण खाते में 31 मार्च 2022 तक बकाया ब्याज में शत प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी। इसके लिए मृत ऋणी के उत्तराधिकारियों द्वारा ऋण खाते में पूरा मूलधन जमा करवाने पर बकाया ब्याज की शत प्रतिशत माफी प्रदान की जाएगी और जुर्माना ब्याज व अन्य खर्च भी माफ किया जाएगा।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि बैंक के कुल मृत ऋण धारकों की संख्या 17 हजार 863 है जिनकी तरफ 174.38 करोड़ रुपए मूलधन तथा 241.45 करोड़ रुपए ब्याज व 29.46 करोड़ पैनल ब्याज सहित कुल राशि 445.29 करोड़ रुपए बकाया है। इसके अतिरिक्त ओटीएस योजना-2022 के तहत अन्य सभी अतिदेय ऋणियों को भी 50 प्रतिशत ब्याज की छूट दी जाएगी और उनका जुर्माना ब्याज व अन्य खर्च भी माफ किया जाएगा।
यह योजना बैंक के सभी प्रकार के ऋण पर लागू रहेगी। राज्य में कार्यरत 19 जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कुल 73 हजार 638 अतिदेय ऋणियों की तरफ कुल 2069.78 करोड़ रुपये अतिदेय है जिसमे मूलधन 844.91 करोड़ रुपए व ब्याज 1111.80 करोड़ रुपए तथा 113.07 करोड़ रुपए जुर्माना ब्याज शामिल है। ऐसे डिफॉल्टरों के लिए अपना ऋण अदा करने हेतु सरकार द्वारा पुन: ओ.टी.एस योजना लागू की गई है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह योजना सीमित समय के लिए है इसलिए उपभोक्ता पहले आएं पहले पाएं की तर्ज पर ओटीएस योजना का लाभ उठाएं। योजना का लाभ उठाने व विस्तृत जानकारी के लिए जिला प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक व इनकी तहसील स्तर पर स्थापित 70 शाखाओं में संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी सरकार द्वारा वर्ष 2019 में ब्याज माफी योजना लागू की गई थी जिसके अंतर्गत बैंक द्वारा 605.22 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी और इस योजना के तहत 21 हजार 881 ऋणी सदस्यों की 181.88 करोड़ रुपए की राशि ब्याज के रूप में माफ की गई थी।