17 माह, 12 दिन की मेहनत से सिरे चढ़ी नेवा परियोजना
दर्पण न्यूज़ सर्विस
चंडीगढ़, 5 अगस्तःहरियाणा विधानसभा को पेपरलेस करने का काम पूरा हो चुका है। सदन में सभी डिवाइसेज इंस्टॉल हो चुके हैं। नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन हरियाणा के डाटा के साथ अपडेट कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता अपनी टीम के साथ दिन-रात एक कर इस परियोजना के क्रियान्वयन में जुटे हैं। गत वर्ष 25 फरवरी से शुरू हुआ यह प्रयास 17 माह 12 दिन में सिरे चढ़ रहा है।
इसका उद्घाटन सत्र 8 अगस्त को अभ्यास सत्र से ठीक पहले सुबह 11:00 बजे होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल टैब पर टैप कर ई-विधानसभा का श्रीगणेश करेंगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के वीडियो संदेश समारोह की गरिमा बढ़ाएंगे। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सभी मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को निमंत्रण भेजा है।
विधानसभा को पेपरलेस करने के लिए विस अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पिछले एक साल से अथक प्रयास कर रहे हैं। गत 9 फरवरी को उन्होंने रिबन काटकर नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया था। नेशनल इन्फॉरमेशन सेंटर (एनआईसी) और नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सी) के अधिकारियों ने भी नए सॉफ्टवेयर की बारीकियां सीखी हैं।
हरियाणा विधानसभा के डिजिटलाइजेशन के लिए 8.53 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर हुई है। हरियाणा विधानसभा ने 25 फरवरी 2021 को त्रिपक्षीय एमओयू साइन किया था। 23 दिसंबर को 2021 को हरियाणा विधानसभा की डीपीआर को मंजूरी मिली। 25 जनवरी 2022 को इस परियोजना के लिए पहली किस्त प्राप्त हुई थी। दो फरवरी को नेवा सेवा केंद्र का शुभारंभ किया। 9 और 10 फरवरी को इस नेवा सेवा केंद्र में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो मार्च को इस परियोजना की दूसरी किस्त प्राप्त हुई।
हरियाणा विधानसभा को डिजिटलाइजेशन करने की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 21 और 22 जुलाई को पंचकूला में नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन के दो दिवसीय ऑरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन यहां विधायकों तथा दूसरे दिन हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस परियोजना से हरियाणा विधानसभा को सालाना करीब 5.60 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह परियोजना मील का पत्थर साबित रहेगी।
डिजिटलाइजेशन के बाद विधानसभा सचिवालय सदन की कार्यवाही जिसमें कार्यसूची, नोटिस, बुलेटिन, विधेयक, तारांकित और अतारांकित प्रश्न तथा उनके जवाब, पटल पर रखे जाने वाले दस्तावेज, विभिन्न कमेटियों की रिपोर्ट इत्यादि सभी कार्य बिना कागज का प्रयोग किए प्रभावी ढंग से किए जा सकेंगे।
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के अनुसार डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना से जनता का जनप्रतिनिधियों से संपर्क सुगम और सहज हो सकेगा। इसी प्रकार जनप्रतिनिधियों की विधायी कामकाम में भूमिका प्रभावी बन सकेगी। आम नागरिक भी अपने काम की जानकारी सिंगल क्लिक से प्राप्त कर सकेंगे।