अब 03 अक्तूबर को होगी विश्वास मत पर वोटिंग
कांग्रेस व भाजपा की गैरहाजिरी में आया विश्वास मत
दर्पण न्यूज़ सर्विस
चंडीगढ़, 27 सितंबर: पंजाब के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के बीच चली कई दिनों की खींचतान के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश कर दिया। इस प्रस्ताव पर अब 03 अक्तूबर को वोटिंग होगी।
पंजाब सरकार पिछले एक माह से भाजपा पर ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाकर उसे घेर रही है। इस मामले में आम आदमी पार्टी ने भाजपा के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया है।
आप सरकार 23 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाकर विश्वास मत प्रस्ताव पेश करना चाहती थी लेकिन राज्यपाल ने संविधान व कानून का हवाला देकर सरकार को विश्वास मत के मुद्दे पर विधानसभा का सत्र आयोजित करने की मंजूरी नहीं दी। हंगामे के बाद सरकार ने राज्यपाल की स्वीकृति से मंगलवार को विधानसभा सत्र का आयोजन किया। अंतिम समय तक सरकार ने सत्र के बिजनेस को लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की।
बिजनेस सलाहकार कमेटी की बैठक भी सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद की गई। जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस विधायकों को नेम कर दिया गया और भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में विश्वास मत पेश किया। कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा और अमन अरोड़ा ने इसका समर्थन किया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारे विधायक मंडी में नहीं हैं जिन्हें खरीद लिया जाए। मान ने कहा कि पंजाब में भाजपा व कांग्रेस आपस में मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वास जीतना आसान है लेकिन उसे कायम रखना मुश्किल है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की जनता का विश्वास जीता भी है और उसे कायम भी रखा जाएगा।
बीएसी में शामिल नहीं हुई भाजपा
पंजाब विधानसभा का सत्र शुरू होने के बाद बुलाई गई बिजनेस सलाहकार समिति की बैठक को लेकर उस समय हंगामा हो गया जब भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक अश्वनी शर्मा ने अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि आप व कांग्रेस ने मिलीभगत करके भाजपा को इस बैठक में शामिल नहीं किया। शर्मा ने कहा कि भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी है। विधानसभा में भाजपा द्वारा जनहित के मुद्दे उठाए जाते हैं। इसके बावजूद बीएसी की बैठक में जानबूझ कर शामिल नहीं किया गया।
भाजपा ने पार्टी मुख्यालय के बाहर चलाया समानांतर सत्र
आप का तंज, सत्र चलाने को तीन विधायक चाहिए भाजपा के पास दो
पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन मंगलवार को दिन भर हंगामा चलता रहा। सदन के भीतर और बाहर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में जुटे रहे।
भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब सरकार द्वारा सदन के भीतर पेश किए जा रहे विश्वास मत प्रस्ताव का विरोध करते हुए पार्टी मुख्यालय के बाहर समानांतर सदन चलाया। जिसमें बाकायदा स्पीकर, सत्ता पक्ष और विपक्ष को दिखाया गया। भाजपा नेताओं की तरफ से आम आदमी पार्टी सरकार नीतियों का विरोध किया गया। उनका कहना है कि इस सरकार ने किसानों की कोई मदद नहीं की। पंजाब में अमन-कानून की स्थिति बदतर हो चुकी है। सरकार की नाकामी छुपाने के लिए ऑपरेशन लोटस जैसे बहाने बनाए जा रहे हैं। राज्य को कर्ज से उबारने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है।