दर्पण न्यूज़ सर्विस
नई दिल्ली, 27 सितंबरः राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान के बाद पार्टी ने भी कार्रवाई की है. पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार (27 सितंबर) को सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद कांग्रेस की अनुशासन समिति ने बगावत के सूत्रधार गहलोत के करीबियों को गंभीर अनुशासनहीनता के मामले में कारण बताओ नोटिस भेजा है. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. कांग्रेस ने गहलोत के करीबी संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र पाठक को नोटिस भेजकर दस दिनों में जवाब देने को कहा है. सोनिया गांधी को भेजी अपनी नौ पन्नों की रिपोर्ट में पर्यवेक्षकों ने विधायकों की प्रस्तावित बैठक की बजाय अलग से गोलबंदी करने को गंभीर अनुशासनहीनता माना है.
2. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो दिन में अशोक गहलोत दिल्ली जा सकते हैं. अशोक गहलोत का कार्यक्रम अभी तक तय नहीं है, लेकिन करीबी सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर कल शाम या परसों सुबह गहलोत दिल्ली जा सकते हैं. सचिन पायलट भी दिल्ली में ही हैं.
3. गौरतलब है कि रविवार को विधायक दल की बैठक से पहले शांति धारीवाल के घर पर गहलोत समर्थकों ने बैठक की थी. इस बैठक में इन विधायकों ने साल 2020 में अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट के विद्रोह का मुद्दा उठाया था.
4. विधायकों ने कहा था कि मुख्यमंत्री को उन लोगों में से चुना जाना चाहिए जिन्होंने उस समय (2020 में) सरकार का समर्थन किया था. उन्होंने सचिन पायलट को शीर्ष पद से दूर रखने के लिए विरोध स्वरुप स्पीकर सीपी जोशी को सामूहिक इस्तीफा सौंपा था.
5. गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत के बाद विधायक दल की बैठक रद्द हो गई थी. इस बैठक के लिए राजस्थान प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा गया था.
6. विधायकों की बगावत पर दोनों नेता वापस दिल्ली लौट गए थे. अजय माकन ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजस्थान घटनाक्रम को लेकर रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद पार्टी ने एक्शन लिया है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में अशोक गहलोत पर सीधे कोई आरोप नहीं हैं.
7. राजस्थान के कई विधायक और मंत्रियों ने मंगलवार को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अशोक गहलोत से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान मौजूदा सियासी हालातों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अशोक चांदना, अमीन कागजी, ख़ान मेवा राम, प्रीति शक्तावत, मीना कंवर, खुशवीर सिंह समेत कई नेता पहुंचे थे.
8. इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में अशोक गहलोत सबसे आगे चल रहे थे. हालांकि विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में अशोक गहलोत के नामांकन करने की संभावना भी कम है.
9. इसी बीच सांसद शशि थरूर की ओर से अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की घोषणा गई है. कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि शशि थरूर के एक प्रतिनिधि ने सूचित किया है कि थरूर 30 सितंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे.
तीन दिन से प्रदेश कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच कांग्रेस के कई विधायक और मंत्री असमंजस की स्थिति में है। कई नेता इस चिंता में पड़ गए हैं कि धारीवाल के कहने पर जो कदम उठाया, वह कहीं उल्टा को नहीं पड़ गया। इसी कशमकश को लेकर आधा दर्जन मंत्रियों और एक दर्जन विधायकों ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। हालांकि यहां किसी एजेंडे को लेकर कोई बैठक नहीं थी। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री आवास पर जाकर करीब एक घंटे तक चर्चा की गई।
गहलोत से मिले चिंतित विधायक और मंत्री, मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री बोले - डोंट वरी
प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान हालातों को लेकर गहलोत ने अपने मंत्रियों और विधायकों को चिंता नहीं करने की बात कही है। जैसे ही मुख्यमंत्री के सामने मंत्री और विधायकों ने ताजा हालातों का जिक्र छेड़ा को उन्होंने इतना ही कहा कि "डोंट वरी'। गहलोत के मुंह से डोंट वरी सुनकर मंत्रियों और विधायकों में आत्मविश्वास बढ गया। गहलोत ने कहा कि उन्हें किसी भी पद का मोह नहीं है। पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर वे काम कर चुके हैं। वे जनता के बीच रहकर लोगों की सेवा करते रहना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बारे में कोई जिक्र नहीं किया।
अलग से बैठक के लिए मैंने नहीं कहा था - गहलोत
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अधिकतर विधायकों और मंत्रियों ने मीडिया से दूरी बनाई। कुछ विधायकों का कहना था कि गहलोत ने स्पष्ट किया कि रविवार को विधायक दल की बैठक से पहले धारीवाल के बंगले पर हुई बैठक के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। उन्होंने ऐसी बैठक करने के लिए नहीं कहा था। हालांकि बैठक का समय होने के दौरान पता चला कि कई विधायक वहां चले गए हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों और मंत्रियों की भावनाएं है। जो उन्होंने अपने सीनियर नेता के समक्ष प्रकट की। गहलोत बोले कि वे कांग्रेस हाईकमान के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। जो भी आदेश आलाकमान से आएगा, वह हमें स्वीकार होगा।
तीन दिन पहले की बात दोहराई गहलोत ने
विधायकों और मंत्रियों से मुलाकात के दौरान अशोक गहलोत ने रविवार की बात को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पद का लालच नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी भावना से अगस्त में ही आलाकमान को बता दिया था। उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश के 102 विधायकों में से किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बनाओ। हमें कोई दिक्कत नहीं है। यही बयान गहलोत ने तनोट माता के मंदिर में दर्शन के दौरान मीडिया के सामने कही थी।
ये मंत्री और विधायक मिले मुख्यमंत्री से
मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर अशोक गहलोत से मुलाकात करने वाले मंत्रियों में सुखराम विश्नोई, राजेन्द्र यादव, भंवर सिंह भाटी, धर्मेन्द्र सिंह राठौड़, अशोक चांदना, सालेह मोहम्मद शामिल थे। विधायकों में रफीक खान, हाकिम अली, मदन प्रजापत, अमीन कागजी, खुशवीर सिंह जोजावर, मीना कुमारी, अमित चाचाण और जगदीश जांगिड़ शामिल थे। मंत्रियों की और विधायकों की यह मुलाकात सीएम हाउस के लॉन के पास खुले में हुई। सीएम ने खड़े खड़े ही हंसते हुए चर्चा की।
10. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने भी नामांकन पत्र लिया है. हालांकि पवन बंसल ने चुनाव लड़ने से इनकार किया है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि मैं अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने वाला. बता दें कि, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी. एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को परिणाम घोषित किया जाएगा.