दर्पण न्यूज़ सर्विस
चंडीगढ़, 30 सितंबरः पंजाब में इस बार मानसून सीजन में बारिश सामान्य से कम रही है लेकिन यह पहला मौका नहीं है। पंजाब में पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से सामान्य से कम बारिश हो रही है। इस दौरान केवल चार साल ऐसे हुआ कि सामान्य से अधिक बारिश हुई। विशेषज्ञ पंजाब जैसे खेतीबाड़ी प्रधान राज्य के लिए इस स्थिति को काफी चिंताजनक बताते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग व बढ़ते प्रदूषण के कारण व्यापक स्तर पर साल दर साल जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसी का नतीजा है कि मानसून सीजन में बारिश सामान्य से कम रह रही है या फिर ज्यादा हो रही है। इस कारण या तो बाढ़ से फसलें तबाह हो जाती हैं या फिर सिंचाई के लिए किसानों की ओर से भूजल का ज्यादा दोहन किया जाता है। यह चलन पंजाब के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है।
आंकड़ों में समझे
आंकड़ों के मुताबिक साल 2001 से लेकर 2010 तक केवल 2001 व 2008 को छोड़कर बाकी हर वर्ष सामान्य से कम बारिश हुई। 2002 में 499.4 एमएम की सामान्य बारिश के मुकाबले 363.8 एमएम बरसात हुई जो सामान्य से 27.2 प्रतिशत कम थी। इसी तरह से 2003 में 507.1 एमएम सामान्य बारिश के मुकाबले 487.3 एमएम बारिश हुई और यह सामान्य बारिश से 3.9 प्रतिशत कम थी।