भुपेंद्र शर्मा
चण्डीगढ़, 2 अक्टूबरः गांधी स्मारक निधि की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 153वीं जयन्ती तथा भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 118वीं जयन्ती स्थानीय सैक्टर 16 स्थित गांधी स्मारक भवन में बड़ी श्रृृद्धा एवं उल्लास से मनाई गयी। पंजाब के राज्यपाल एवं प्रशासक चंडीगढ़ श्री बनवारी लाल पुरोहित ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर दोनों महान हस्तिओं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमाओं पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस सुअवसर पर राज्यपाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अमल में लाते हुए समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका अदा करने वाले महानुभावों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्डों से भी नवाजा।
राज्यपाल ने समाज सेवी रचना सिंह,पूर्व डी.जी.पी.हरियाणा वी.के कपूर, समाज सेवी एवं धन्वंतरी धाम के संस्थापक सुभाष गोयल, खादी बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी देवेंद्र सिंह, जे.के.एम.वेल्फेयर फाउंडेशन के डायरेक्टर एवं सिटी दर्पण दैनिक हिंदी समाचार पत्र के मुख्य संपादक डॉ. भूपेन्द्र शर्मा, जाने माने समाज सेवक ईश्वर अग्रवाल और योगेश बहल,योगाचार्य नरेश शर्मा और समाज सेवी पुष्पा गुप्ता और जे.एल. गोगना को उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका अदा करने के चलते उन्हें लाइफ इफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि आज गांधी जी को याद करने के पीछे उनके सत्य और अहिंसा के सिद्धांत है। सत्य और अहिंसा के माध्यम से विरोधियों का हृदय परिवर्तन करना उनका मुख्य लक्ष्य था। गांधी जी ने बताया था कि देश तथा दुनिया को सात पापों से बचना चाहिए जैसे कि सिद्धांत विहीन राजनीति, श्रमहीन सम्पत्ति, विवेकहीन सुख, चरित्रहीन ज्ञान, नीतिहीन व्यापार, दयाहीन विज्ञान तथा त्यागहीन पूजा। हमें अपने जीवन को सादा बनाना चाहिए उन्होंने कहा कि गांधी जी कहते थे कि पृथ्वी मनुष्य की आवश्कता पूरी करने के लिए तो काफी देती है परंतु मनुष्य के लोभ को तृप्त करने के लिए नहीं देती। उन्होंने कहा कि मुझे हवाई यात्रा करते हुए बिजनेस क्लास की सुविधा है परंतु मैं इकोनाॅमिक क्लास में जाना पसंद करता हुं क्योंकि बिजनेस क्लास में ज्यादा पैसे लगते हैं हमें मितव्ययी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि देश से भ्रष्टाचार खत्म हो जाए तो हमारा देश उंचाईयों पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा काम पारदर्शी होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एडिशनल साॅलिसिटर सत्यपाल जैन ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश में कई आन्दोलन चलायें लेकिन उन सभी की विषेशता यह रही कि वे सभी शान्ति पूर्वक एवं अहिंसक रहे। उन्होंने आगे कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी की ईमानदारी की मिसाल आज के नेताओं में कहीं नहीं मिलती। नेताओं को अपनी कथनी और करनी एक रखनी चाहिये।
देवराज त्यागी, निदेशक ने अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी के द्वारा दिखाये सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए। गांधी जी का युवाओं के लिए संदेश है कि यदि चरित्र निर्माण, कर्तव्यों के प्रति जागरूकता सकारात्मक दृष्टिकोण, अपनी क्षमताओं का निरन्तर विकास, कार्यों का व्यवस्थित करना, लक्ष्य बनाओ तथा हासिल करो, स्वस्थ व सफाई के प्रति सजाता, आध्यात्मिक चेतना का विकास तथा गलतियों की स्वीकारोक्ति के गुण अपना ले तो हम सच्चे भारतीय बन सकते हैं।
गौरतलब है कि इस मौके पर गांधी चित्रकथा (पंजाबी )पुस्तक का भी विमोचन किया गया। राज्यपाल ने इस पुस्तक का पंजाबी में अनुवाद करने में खास योगदान देने वाले संजीव शर्मा, डा. मोनिका शर्मा तथा पुस्तक के प्रकाशक प्रणव देसाई जी जो खास तौर से मुम्बई से आये थे को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में सामूहिक स्वच्छता अभियान, सामूहिक चर्खा कताई को हुई साथ में गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णवजन से ब्लू बर्ड पब्लिक स्कूल पंचकूला की अध्यापिका श्रीमती हंसा बोहरा एवं स्कूली छात्र-छात्रओं ने श्रोताओं को ओत-प्रोत कर दिया। आठ स्कूल के बच्चों का चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता का कार्यक्रम भी रखा गया था। जिसमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय आए बच्चों को सम्मानित किया गया।
गांधी संग्रहालय का राज्यपाल महोदय ने अवलोकन करते हुए कहा कि ट्राईसिटी के लोगों को गांधी जी के जीवन को जानने के लिए गांधी स्मारक भवन सैक्टर 16 में स्थित गांधी संग्रहालय को अवश्य देखना चाहिए। उन्होंने गांधी जी का बिरला सदन में दिनांक 11/06/1947 को दिये भाषण की रिकार्ड की हुई आवाज को भी टेलीफोन पर सुना।
इस कार्यक्रम के आयोजन में सांस्कृतिक विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन , सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, वरधान आर्युवेदिक हर्बल मेडिसन प्र.लि. का खासा योगदान रहा।
इस मौके पर उपस्थित अन्य गन्य मान्य व्यक्तियों में अरूण जौहर,सुनील रैना, अक्षा रैना, दिवीत त्यागी, पुनीता बावा, प्रेम विज, संगीता शर्मा कुंद्रा, एशना भटनागर, सुमन बेरी, अशोक बेरी, अशोक मायर, कमलजीत सिंह पंछी, डा. एम.पी डोगरा, आनन्द कुमार शरण पट्टीकल्याणा, अमनदीप सिंह, एस.पी. गर्ग, आर. के चन्ना, एन.डी शर्मा, बी. डी. शर्मा, पुष्पा, बलराम, फूलमती, पापिया चक्रवर्ती, आनन्द राव, गुरप्रीत, अमित, विक्की, महेन्द्र सिंह, देवीदास भारद्वाज शामिल रहे।