दर्पण न्यूज़ सर्विस
गुरुग्राम, 10 जनवरीः साइबर सिटी ही नहीं पूरे उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। 20 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों में 10 लाख से अधिक औद्योगिक कामगार कार्यरत हैं। इनमें सुबह के शिफ्ट में काम करने वालों के लिए फैक्टरियों तक आना बड़ी समस्या है।
सर्दी के साथ सुबह घने कोहरे में पैदल, साइकिल और मोटरसाइकिल से आने वालों को अपनी जान तक को जोखिम में डालना पड़ता है। कामगारों की सुविधा के लिए अधिकतर औद्योगिक इकाइयों में सुबह के शिफ्ट के समय में बदलाव किया गया है। सुबह आठ बजे से वाली शिफ्ट अब सुबह नौ या साढ़े नौ बजे तय की गई है।
जिन औद्योगिक इकाइयों में समय अभी नहीं बदला है वहां भी ऐसा ही करने को लेकर तैयारी चल रही है। यदि आने वाले दो-तीन दिन में सर्दी का असर इसी प्रकार से रहा तो वहां भी सुबह के शिफ्ट में बदलाव कर दिया जाएगा।
उद्योग विहार स्थित एक टेक्सटाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक विपुल विरमानी का कहना है कि शुरुआती तीन दिन की सर्दी को देखते हुए उन्होंने अपने यहां सुबह के शिफ्ट के समय में बदलाव कर दिया था। आइएमटी मानेसर स्थित एक फैक्टरी के प्रबंधक का कहना है कि उनके यहां मंगलवार से सुबह की शिफ्ट का समय उनके यहां बदल दिया गया है।
आइएमटी मानेसर, उद्योग विहार, सेक्टर-37 और बहरामपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयों में हजारों कर्मचारी साइकिल से आते हैं। इनके लिए सर्दी और कोहरा किसी आपदा से कम नहीं है। दिल्ली के कापसहेड़ा से उद्योग विहार स्थित अपनी फैक्टरी तक साइकिल से आने वाले विजय सागर बताते हैं कि ठंड से हाथ सुन्न हो जाता है और 10 फुट आगे का तक का भी ठीक से घने कोहरे के कारण कुछ दिखता नहीं। कारों और ट्रकों के बीच पैदल और साइकिल से आनाजाना हजारों कामगारों के लिए बड़ा भयावह होता है।
औद्योगिक कामगारों के हित को देखते हुए सुबह की शिफ्ट में अधिकतर औद्योगिक इकाइयों ने बदलाव कर दिया है। यह निर्णय कड़ाके की पड़ रही सर्दी को देखते हुए सभी लिया है।
- डा. एसपी अग्रवाल, महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री, गुरुग्राम
सर्दी को देखते हुए सुबह की शिफ्ट का समय बदल दिया गया है। इससे औद्योगिक कामगारों को काम पर आने में परेशानी नहीं होगी। उनकी सुविधा का ध्यान रखना आवश्यक है।
- दिनेश अग्रवाल, उद्यमी