दर्पण न्यूज़ सर्विस
नई दिल्ली, 21 जनवरीः केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की सभी गतिविधियों को तब तक के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया है जब तक कि ओवरसाइट कमेटी औपचारिक रूप से नियुक्त नहीं होती. सरकार की ओर से शनिवार (21 जनवरी) को कहा गया कि इसमें चल रही रैंकिंग प्रतियोगिता का निलंबन और चल रही गतिविधियों के लिए प्रतिभागियों से लिए गए प्रवेश शुल्क की वापसी शामिल है.
यह घोषणा 20 जनवरी को सरकार की ओर से एक निरीक्षण समिति नियुक्त करने के निर्णय के बाद की गई है जो WFI की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को संभालेगी. साथ ही WFI के अतिरिक्त सचिव विनोद तोमर को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
सात सदस्यीय समिति की थी गठित
इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को सात सदस्यीय समिति गठित की थी जिसमें एमसी मैरीकॉम और योगेश्वर दत्त जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं. विरोध कर रहे पहलवानों ने आईओए से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति के गठन की मांग की थी.
पहलवानों ने खत्म किया था प्रदर्शन
आईओए अध्यक्ष उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई की ओर से (कोष में) वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के अलावा दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर में कोच और खेल विज्ञान स्टाफ बिल्कुल अक्षम हैं. बीते दिन पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मुलाकात के बाद अपना धरना समाप्त करने का फैसला किया था.
डब्ल्यूएफआई ने क्या कहा?
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह से जुड़े मामले पर निगरानी समिति चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी. साथ ही कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह निगरानी समिति की ओर से मामले की जांच किए जाने तक पद की जिम्मेदारियों से हट जाएंगे. वहीं डब्ल्यूएफआई (WFI) ने अपने जवाब में खेल मंत्रालय से कहा था कि अध्यक्ष सहित किसी के भी व्यक्तिगत रूप के डब्ल्यूएफआई में मनमानी करने या कुप्रबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है.