सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 30 सितंबरः
हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंके हुए हैं। हालांकि बागी नेता जरूर कांग्रेस और भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
आलम ये है कि जिन सीटों पर पहले मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच था, वहां पर बागी निर्दलीय उम्मीदवार परेशानी खड़ी कर रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक सीटों पर कांटे का मुकाबला अब त्रिकोणीय हो रहा है, जिससे दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के पसीने छूट रहे हैं।
अंबाला कैंट में चित्रा सरवारा कांग्रेस के लिए ही मुसीबत
अंबाला कैंट से कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद चित्रा सरवारा निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ रही हैं। कांग्रेस ने यहां परमिंद्र परी को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन चित्रा के निर्दलीय मैदान में उतरने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरवारा को कांग्रेस मनाने की कोशिश इसलिए भी नहीं कर रही है, क्योंकि पार्टी पहले ही उनको छह साल के लिए निष्कासित कर चुकी है। चित्रा मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही हैं और मुकाबला त्रिकोणीय बना रही हैं, जिससे पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को फायदा होता दिख रहा है।