देश के कई हिस्सों में मानसून की गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले तीन से चार दिनों में उत्तर भारत और पूर्वोत्तर राज्यों समेत कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान बाढ़ जैसी स्थिति बनने और बादल फटने की घटनाओं की आशंका जताई गई है।
किन राज्यों में बढ़ा खतरा?
मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र, बिहार, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना है। उत्तराखंड और हिमाचल में तो कई नदियां पहले ही उफान पर हैं और जलस्तर खतरनाक निशान को छू रहा है।
गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वहीं अरुणाचल प्रदेश और असम के कई जिलों में बादल फटने जैसी घटनाएं दर्ज की गई हैं।
बाढ़ की आशंका, स्कूल बंद और राहत दल अलर्ट
उत्तराखंड, असम और बिहार जैसे राज्यों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है, जबकि एनडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात की जा चुकी हैं। उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में कई ग्रामीण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे आवाजाही बाधित हुई है।
क्या करें और क्या न करें?
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग नदी किनारे, ढलानों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें। मौसम की जानकारी लगातार प्राप्त करते रहें और प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें।
मानसून की यह तीव्रता देश के कई राज्यों में आपदा जैसी स्थिति पैदा कर सकती है। जरूरत है सतर्कता और तैयारियों की, ताकि जान-माल की हानि को टाला जा सके। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ मुस्तैद हैं, लेकिन नागरिकों की जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है।