तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। यूक्रेनी सेना ने पहली बार रूस की सीमा के भीतर प्रवेश कर एक रणनीतिक परमाणु मिसाइल ठिकाने को निशाना बनाकर तबाह कर दिया है। इस हमले के बाद रूस ने इसे “प्रत्यक्ष युद्ध उकसावा” बताते हुए सैन्य कार्रवाई तेज कर दी है।
रूस के भीतर यूक्रेनी कार्रवाई
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेनी ड्रोन और मिसाइल यूनिट्स ने रूस के बेलगोरोद और कुर्स्क क्षेत्रों में स्थित एक मिसाइल नियंत्रण केंद्र को निशाना बनाया। माना जा रहा है कि यह वही क्षेत्र है, जहां से रूस ने कई बार यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले किए थे। इस ऑपरेशन में रूस की एक परमाणु मिसाइल लॉजिस्टिक यूनिट को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन का दावा है कि यह हमला उसकी “रक्षा नीति” का हिस्सा था और इसका उद्देश्य रूस की आक्रामक क्षमता को कम करना था।
पुतिन की सेना की जवाबी कार्रवाई
हमले के कुछ घंटों बाद ही रूस ने कीव, लविव और खार्किव समेत कई यूक्रेनी शहरों पर भारी हवाई हमले किए। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह “यूक्रेन की आतंकी कार्रवाई” का जवाब है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने 40 से अधिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई को यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया।
कनाडाई हथियारों का खुलासा
इस पूरे घटनाक्रम में एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। रूसी सेना ने दावा किया है कि उसे हमले की जगह से कनाडा निर्मित हथियार मिले हैं। इनमें आधुनिक ड्रोन, एंटी-टैंक मिसाइल और नाइट विज़न उपकरण शामिल हैं। रूस ने इसे पश्चिमी देशों की “प्रत्यक्ष भागीदारी” बताते हुए कहा है कि नाटो सदस्य देश यूक्रेन को सिर्फ समर्थन ही नहीं दे रहे, बल्कि अब हथियारों के ज़रिए युद्ध को और भड़का रहे हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने फिलहाल इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के भीतर की गई यह कार्रवाई युद्ध की नई दिशा तय कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है और चेतावनी दी है कि परमाणु ठिकानों पर हमले से “वैश्विक अस्थिरता” बढ़ सकती है।
बढ़ता तनाव और आने वाले खतरे
विश्लेषकों का मानना है कि यदि रूस इस हमले के जवाब में और आक्रामक रुख अपनाता है, तो यह युद्ध पूर्वी यूरोप से आगे भी फैल सकता है। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि “हम अपनी जमीन और लोगों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”
रूस-यूक्रेन संघर्ष अब सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन का केंद्र बन चुका है — जहां हर कार्रवाई दुनिया को एक बड़े सैन्य संकट की ओर धकेल सकती है।