दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने फिर से गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। लगातार बढ़ते AQI स्तर के चलते केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बुधवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का आदेश दिया है। राजधानी की हवा “गंभीर” श्रेणी में पहुंच चुकी है, जिससे प्रशासन और शिक्षा विभाग अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
स्कूलों के लिए नया निर्देश: हाइब्रिड क्लासेस शुरू
प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने स्कूलों को हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों) में पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों से कहा है कि बच्चे अपनी सुविधा और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार कक्षाओं में भाग लें। जहां वायु गुणवत्ता और बिगड़ती है, वहां ऑनलाइन क्लासेस को प्राथमिकता दी जाएगी। कई स्कूलों ने पहले ही खेलकूद और आउटडोर गतिविधियां रद्द कर दी हैं।
GRAP-3 के तहत लागू पाबंदियां
GRAP-3 लागू होने के साथ ही राजधानी में कई सख्त उपाय शुरू कर दिए गए हैं। सभी गैर-जरूरी निर्माण कार्यों, स्टोन क्रशर और मिट्टी से उड़ने वाली धूल पैदा करने वाली गतिविधियों पर तत्काल रोक लगा दी गई है। डीजल जेनरेटर सेट्स पर प्रतिबंध रहेगा और ट्रक संचालन पर भी नियंत्रण रहेगा। सड़कों पर सफाई और पानी का छिड़काव बढ़ाया गया है ताकि धूल को नियंत्रित किया जा सके।
स्वास्थ्य पर असर और प्रशासन की चिंता
डॉक्टरों का कहना है कि जहरीली हवा में लंबे समय तक रहने से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी रोगियों को गंभीर खतरा हो सकता है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग बिना जरूरी कारण घर से बाहर न निकलें और एन-95 मास्क का उपयोग करें।
दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रदूषण का स्तर और बढ़ता है तो GRAP-4 लागू किया जा सकता है, जिसके तहत स्कूल-कॉलेज पूरी तरह बंद किए जा सकते हैं और वाहनों की आवाजाही पर कठोर रोक लगाई जाएगी। इस बीच, प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहनों का प्रयोग कम से कम करें ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।