बिहार चुनाव परिणाम 2025 को लेकर उत्सुकता चरम पर है और पूरे राज्य की निगाहें अब आने वाले रुझानों पर टिक गई हैं। कुछ ही देर में शुरुआती आंकड़े सामने आने लगेंगे, जो यह संकेत देंगे कि इस बार सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी—एनडीए या महागठबंधन। कई सीटों पर कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि कुछ क्षेत्रों में मतदाताओं का रुझान चुनाव प्रचार के दौरान ही स्पष्ट हो गया था। फिर भी, अंतिम नतीजे किस करवट बैठेंगे, यह तय होना अभी बाकी है।
चुनाव आयोग ने सुबह से ही मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और मतगणना केंद्रों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस बार वोटों की गिनती डिजिटल और मैनुअल दोनों स्तरों पर सतर्कता के साथ की जाएगी ताकि किसी भी तरह की गलती या विवाद की गुंजाइश न रहे। ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर विभिन्न टेबलों पर व्यवस्थित रखा गया है और प्रत्येक राउंड के बाद परिणाम अपडेट किए जाएंगे।
राजनीतिक दलों के दफ्तरों और नेताओं के घरों के बाहर गतिविधियां तेज़ हो चुकी हैं। समर्थक अपनी-अपनी पार्टियों की जीत को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। एनडीए का दावा है कि जनता ने विकास, स्थिरता और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उन्हें फिर से मौका दिया है। वहीं, महागठबंधन का कहना है कि बेरोजगारी, महंगाई और क्षेत्रीय असमानताओं जैसे मुद्दों पर जनता ने बदलाव के लिए वोट डाला है। दोनों पक्षों के नेताओं ने रुझान आने से पहले ही रणनीतिक बैठकें शुरू कर दी हैं।
इस चुनाव में युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं की भूमिका खास रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस वर्ग का रुझान परिणामों पर बड़ा असर डाल सकता है। ग्रामीण और शहरी वोटिंग पैटर्न में भी इस बार दिलचस्प बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे कई सीटों पर अप्रत्याशित नतीजे आने की संभावना है।
टेलीविजन चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर भी बिहार की राजनीति को लेकर चर्चा तेज़ है। हर कोई इस बात पर नजर गड़ाए हुए है कि क्या सत्ता परिवर्तन होगा या मौजूदा गठबंधन फिर से जनादेश हासिल करेगा। शुरुआती रुझान आने के साथ ही राजनीतिक माहौल और गर्म होगा, और जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ेगी, तस्वीर साफ होती जाएगी।
अब सबकी नज़र इस पर टिकी है कि 2025 में बिहार की जनता किसे अपना नेता चुनती है और किस गठबंधन के सिर जीत का ताज सजता है। थोड़ी ही देर में चुनावी तस्वीर बदलने वाली है।