जम्मू-कश्मीर में निर्माण अनुमति प्रणाली ऑनलाइन हुई, 21 दिनों की निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी की जाएगी
शहरों के परिदृश्य को बदलने के लिए मास्टर प्लान में प्रभावी ड्रेनेज, सीवरेज सिस्टम को एकीकृत किया जाएगा
हम कई तकनीकी नवाचारों के माध्यम से शहरी जीवन को बदलने के मिशन के साथ काम कर रहे हैं
जम्मू-कश्मीर शहर कायाकल्प योजना अधिकारियों, फाइलों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बदलाव जमीनी स्तर पर दिखना चाहिए: एलजी
उपराज्यपाल ने श्रीनगर में 34 करोड़ रुपये के ड्रेनेज और डीवाटरिंग कार्यों का उद्घाटन किया, नींव रखी
नरवाल फल/सब्जी मंडी का 9.86 करोड़ रुपये में आधुनिकीकरण किया जाएगा, 9.23 करोड़ रुपये की लागत से डोगरा चैक से केसी चैक जम्मू सड़क का होगा सुधार
सिटी दर्पण ब्युरो,श्रीनगर 20 जुलाई: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां सिविल सचिवालय में आवास एवं शहरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा ‘‘यूटी सरकार तकनीकी नवाचारों के माध्यम से शहरी जीवन को बदलने और भविष्य के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में बदलाव को कारगर बनाने के लिए एक मिशन के साथ काम कर रही है।‘‘
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर का परिवर्तन जमीनी स्तर पर दिखाई देना चाहिए और योजना केवल अधिकारियोें और फाइल तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए।‘‘
उपराज्यपाल ने कहा कि सरकारी मशीनरी को बिना किसी देरी के आवश्यक परियोजनाओं को पूरा करने और जम्मू और श्रीनगर को स्मार्ट सिटी बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
शहरी क्षेत्र में प्रमुख योजनाओं और प्रमुख पहलों की समीक्षा करते हुए, उपराज्यपाल ने जम्मू और श्रीनगर दोनों में परिवर्तनकारी परियोजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया।
शहरी क्षेत्रों के विकास की योजना प्रक्रिया के दौरान ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम को शामिल करने के महत्व को रेखांकित करते हुए, उपराज्यपाल ने अधिकारियों को शहरों के परिदृश्य को बदलने के लिए मास्टर प्लान में इसे एकीकृत करने का निर्देश दिया।
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ पेशेवर विशेषज्ञों को शामिल करने और उन्हें शहरी विकास योजना प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के लिए कहा।
उपराज्यपाल ने विभाग के वितरण ढांचे को और अधिक कुशल और मजबूत बनाने के लिए एचएंड यूडीडी विभाग को आईआईटी जम्मू, आईआईएम जम्मू, एनआईटी श्रीनगर, और प्रासंगिक कार्य अनुभव वाले अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के स्नातकों की पहचान करने और उन्हें शामिल करने की सलाह दी।
उन्होंने विकास प्रक्रिया में शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और जनता की सक्रिय भागीदारी के अलावा पारिस्थितिकी कारक को ध्यान में रखने पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एक अन्य प्रमुख घटक है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। अपशिष्ट प्रबंधन का अधिक टिकाऊ मॉडल विकसित करने के लिए एक तुलनात्मक अध्ययन किया जाना चाहिए। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को बताया कि स्वच्छ शहरी क्षेत्रों के लिए प्राकृतिक जल निकासी में कोई रुकावट नहीं होने के अलावा प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने लंबे समय तक स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए निर्माण के मानकों को बनाए रखते हुए परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए सख्त निर्देश भी पारित किए तथा कहा कि निविदा प्रक्रिया निश्चित समय सीमा के भीतर पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षमता निर्माण और जनशक्ति के ऑडिट के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित होगा।
सामुदायिक शौचालयों के उचित उपयोग और रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए उनके ऑडिट के निर्देश भी दिए गए।
उपराज्यपाल ने आगे संबंधित अधिकारियों को जेएमसी/यूएलबी को अधिक वित्तीय शक्तियों के हस्तांतरण पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। जेएमसी द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ पार्कों के विकास को एक अच्छी पहल बताते हुए, उपराज्यपाल ने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए अन्य एजेंसियों के साथ-साथ अन्य शहरों में भी अच्छे अभ्यास को दोहराया जाना चाहिए।
शासन ढांचे को मजबूत करने और इसे और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए हस्तक्षेप के एक हिस्से के रूप में, उपराज्यपाल ने आवास और शहरी विकास की कई परियोजनाओं के लिए ई-उद्घाटन और ई-नींव रखी।
उपराज्यपाल ने लोगों की सुविधा के लिए 21 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर भवन अनुमति प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन निर्माण अनुमति प्रणाली शुरू की। इस प्रणाली के ऑनलाइन होने के साथ, अब आवेदक आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकता है, एनओसी प्राप्त कर सकता है, ऑनलाइन मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान कर सकता है और रीयल-टाइम अलर्ट प्राप्त कर सकता है।
इस अवसर पर शिकायत समाधान प्रक्रिया में उपयोग में आसानी, दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए जेके एलईडी स्ट्रीट लाइट शिकायत ऐप के अलावा, प्रवर्तन निरीक्षकों द्वारा अनधिकृत निर्माण और उनकी स्थिति के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जेएमसी द्वारा प्रवर्तन ऐप का शुभारंभ भी किया गया।
जिन अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए आज ई-नींव रखी गई उनमें 9.86 करोड़ रुपये की नरवाल फल/सब्जी मंडी का आधुनिकीकरण और 9.23 करोड़ रुपये की लागत से डोगरा चैक से केसी चैक जम्मू तक सड़क सुधार परियोजना शामिल है।
इस बीच, उपराज्यपाल ने विभिन्न कार्यों और योजनाओं का ई-उद्घाटन किया जिनमें श्रीनगर के लाल चैक में 9.96 करोड़ रुपये में ड्रेनेज योजना और डीवाटरिंग स्टेशन, मलबाग श्रीनगर में 6.15 करोड़ रुपये की लागत से तूफानी जल निकासी नेटवर्क, नुंद रेशी कॉलोनी बेमिना श्रीनगर में 3.23 करोड़ रुपये का डीवाटरिंग स्टेशन, 11.57 करोड़ रुपये की लागत से अमृत के तहत खुमैनी चैक बेमिना में ड्रेनेज योजना के लिए ई-नींव और इकबाल कॉलोनी, ़एचएमटी, श्रीनगर में अमृत के तहत 3.03 करोड रुपये की लागत से ड्रेनेज योजना षामिल हैं।
प्रमुख सचिव एचएंड यूडीडी धीरज गुप्ता ने विभाग की पहल और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अध्यक्ष को अमृत सहित विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत हुई प्रगति के बारे में भी बताया।
आयुक्त जेएमसी अवनी लवासा और आयुक्त एसएमसी अतहर आमिर-उल-शफी खान ने अपने-अपने नगर निगमों के कामकाज का विवरण दिया।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, संभागीय आयुक्त कश्मीर पांडुरंग के पोल, संभागीय आयुक्त जम्मू डॉ. राघव लंगर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
मेयर जेएमसी चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर एसएमसी जुनैद अजीम मट्टू और डिप्टी मेयर जेएमसी पूर्णिमा शर्मा वर्चुअल मोड के माध्यम से शामिल हुए।