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चंडीगढ़

Latest update March 31, 2022

March 31, 2022 06:04 AM

Russia Ukaine War: आसरे की तलाश में यूक्रेन से भागी थीं महिलाए, दूसरे देशों में भी हो रहा बलात्कार

रूस-यूक्रेन के बीच जंग को 34 दिन हो गए, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला. जिसकी सजा यूक्रेन के आम नागरिक को भुगतनी पड़ रही है. दरअसल, युद्ध से बचने का प्रयास अपने आप में खतरनाक होता है. मीडिया ने खबर दी है कि यूक्रेन की शरणार्थी महिलाओं और लड़कियों के साथ उन जगहों पर बलात्कार किया जा रहा है जहां वह सुरक्षा की उम्मीद में पहुंची थीं. नागरिकों को निशाने पर लेकर किए जा रहे रूसी हमलों से बचने के लिए, ये महिलाएं और बच्चे मुख्य रूप से पोलैंड और अन्य यूरोपीय देशों कर रूख कर रहे हैं, जहां वीजा बंदिशों में नरमी है. वहीं, दुनियाभर में लोग अपने घरों में इन लोगों को रहने की जगह दे रहे हैं.

यूक्रेन में रहना आवश्यक

24 फरवरी, 2022 को रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन छोड़ने वाले 36 लाख यूक्रेनी लोगों में लगभग सभी महिलाएं और बच्चे हैं. 18 से 60 साल की आयु के पुरुषों और लड़कों को रूसी सेना के खिलाफ देश की रक्षा के लिए यूक्रेन में रहना आवश्यक है.

जर्मनी में एक न्यूरोसाइंटिस्ट ने 24 मार्च, 2022 को ट्विटर पर लिखा, एक सुबह उसे एक फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने उसे याद दिलाया कि उसने स्वेच्छा से शरणार्थियों की मेजबानी की पेशकश की है. अब, दो बच्चों वाली एक मां और एक बिल्ली को मदद की ज़रूरत थी. फोन करने वाले का सवाल था क्या आप उन्हें अपने घर में रख सकती हैं? न्यूरोसाइंटिस्ट ने कहा, ठीक है, कब?… जवाब आया अभी. और 15 मिनट बाद, वे एक स्वयंसेवक के साथ उनके दरवाजे पर थे.

इन सब प्रयास के बीच, चाहे कितने भी अच्छे क्यों न हों, यूक्रेनी महिलाओं और लड़कियों के लिए यौन हिंसा और तस्करी के नए जोखिम लेकर आते हैं. हालांकि मदद की पेशकश करने वाले अधिकत्तर सामान्य लोग नेक इरादे वाले होते हैं, लेकिन मौके का फायदा उठाकर किसी को किसी तरह का नुकसान पहुंचाने का एक मामला भी अपने आप में बहुत है.

यौन हिंसा को रोकना और उसका जवाब देना और भी चुनौतीपूर्ण है जब यह उन लोगों द्वारा किया जाता है जो किसी सहायता प्रदान करने वाली एजेंसी या शरणार्थियों की मदद करने वाली गैर-लाभकारी संस्था के लिए काम नहीं करते हैं.

जोखिम को समझना

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन से भागने वाले बच्चों, विशेष रूप से परिवार से अलग हुए बच्चों को यौन शोषण या काम कराने के लिए तस्करी के उच्च जोखिम का सामना करना पड़ रहा है. अब तक, कम से कम 500 यूक्रेनी बच्चे 24 फरवरी से 14 मार्च के बीच अपने आप यूक्रेन से सीमा पार करके रोमानिया पहुंच चुके हैं. अभी और के आने की संभावना है.

यूक्रेनी किशोर लड़कियां आसरे के लिए जिन देशों में पहुंच रही हैं, उन देशों में निवासियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की भी खबरें हैं. पोलैंड में, एक व्यक्ति को मार्च के मध्य में एक 19 साल की यूक्रेनी शरणार्थी के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

पोलिश पुलिस ने एक बयान में कहा, वह युद्धग्रस्त यूक्रेन से भागकर आई थी और पोलिश भाषा नहीं बोल पा रही थी. उसने एक ऐसे व्यक्ति पर भरोसा किया जिसने उसकी मदद करने और उसे आश्रय देने का वादा किया था. दुर्भाग्य से यह सब उसकी कपटी चाल थी. मार्च के मध्य में जर्मनी में, दो लोगों ने एक यूक्रेनी किशोरी के साथ मारपीट की, जो शरणार्थियों के लिए एक होटल की बोट में रह रही थी.

ऐसा अनुमान है कि 5 में से 1 शरणार्थी महिला और लड़कियां घर से अपनी यात्रा के दौरान, साथ ही शरणार्थी शिविरों और आश्रयों जैसे स्थानों में यौन हिंसा का सामना करती हैं. वे मानव तस्करी के लिए भी उच्च जोखिम में होती हैं. मेक्सिको और लीबिया जैसे स्थानों पर आपराधिक नेटवर्क से जुड़े लोग भी प्रवासी मार्गों पर महिलाओं और लड़कियों की तलाश में रहते हैं.

समस्या बनी हुई है

पिछले 20 सालों में ऐसा भी देखा गया है कि सहायता कर्मियों ने उन्हीं लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिनकी उन्हें सहायता करनी थी. 2002 में, पश्चिम अफ्रीका में सहायता कर्मियों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों द्वारा नागरिकों को गाली देने के आरोप सामने आए. सहायताकर्मियों द्वारा यौन हिंसा की घटनाएं दुनिया भर में संघर्षों और शरणार्थी संकटों में एक सतत समस्या बनी हुई है.

इस बीच, इस बारे में जानकारी बहुत कम है कि उन स्थितियों से कैसे निपटा जाए जिनमें स्थानीय लोग महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं जैसे कि यूक्रेन के किशोर जिनका जर्मनी और पोलैंड में बलात्कार किया गया.

सहायता करने वालों की जांच

वर्तमान में, शरणार्थियों को स्वतंत्र रूप से सहायता की पेशकश करने वाले लोगों की जांच करने के लिए कोई केंद्रीकृत प्रणाली या तरीका नहीं है. सहायता की पेशकश करने वालों के साथ आश्रय चाहने वालों को जोड़ने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे तकनीक-आधारित समाधानों को सोशल मीडिया मंचों पर बनाया और प्रचारित किया गया है, हालांकि दुर्व्यवहार के जोखिम को कम करने के लिए ऐसे लोगों की जांच का कोई बंदोबस्त नहीं है जो शरणार्थियों को अपने घरों में रखने की पेशकश कर रहे हैं.

आगे क्या करना होगा

दुनिया भर में अन्य संकटों के बीच यौन हिंसा पर दशकों से किए जा रहे काम से मिले सबक यूक्रेनी शरणार्थियों के प्रति दुर्व्यवहार के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं. अनुसंधान से पता चलता है कि यौन हिंसा का सामना करने वालों की सहायता करने के लिए जिन महिला दुभाषियों को प्रशिक्षित किया गया है, वे शरणार्थियों को सेवाओं तक पहुँचने और अपने नए देशों में मदद लेने में सहायता कर सकती हैं.

शरणार्थी महिलाएं स्वयं भी यौन हिंसा को रोकने और उसका जवाब देने का काम कर सकती हैं, लेकिन उन्हें जोखिमों और हमले की सूचना देने के तरीके के बारे में बता देना ही काफी नहीं है. उदाहरण के लिए उन्हें आवास की समस्याओं को हल करने में मदद के लिए धन की जरूरत होगी, अन्यथा वह असुरक्षित माहौल में फंस सकती हैं.

 

- 40 मर्डर करने वाली रूस की खूंखार स्नाइपर गिरफ्तार:नन से बनी थी शूटर, जंग में जख्मी हुई तो साथियों ने छोड़ा; यूक्रेनी सेना ने पकड़ा

रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है। युद्ध क्षेत्र में बंदूकें लगातार मौत उगल रही हैं। फाइटर प्लेन्स आशियानों को तबाह कर रहे हैं। यूक्रेन के शहरों में जिंदगी की जगह मौत का शोर है। दोनों देशों के बीच बातचीत की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं।

इस बीच, यूक्रेन की सेना ने युद्धग्रस्त डोनबास से एक ऐसी महिला को पकड़ा है जिसकी उसे लंबे समय से तलाश थी। यह कोई आम महिला नहीं बल्कि रूसी सेना की सबसे खूंखार स्नाइपर इरीना स्टारिकोवा है। इरीना की बंदूक अब तक 40 से ज्यादा यूक्रेनियों की जान ले चुकी है। इनमें यूक्रेनी सेनिकों समेत महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रूस की इस महिला शार्प शूटर को पकड़ना यूक्रेनी सेना की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

यूक्रेनी सेना ने सोशल मीडिया के माध्यम से खतरनाक रूसी महिला स्नाइपर के पकड़े जाने की जानकारी दी है।

यूक्रेन के लिए काल थी, इलाज के दौरान पहचान हुई
इरीना स्टारिकोवा 2014 से यूक्रेन के खिलाफ लड़ रही हैं। दोनों देशों के बीच सीधी लड़ाई शुरू होने से पहले वो अलगाववादियों के साथ मिलकर यूक्रेनी सेना को निशाना बना रही थीं। काल बन चुकी इस खतरनाक महिला सैनिक की तलाश यूक्रेन को लंबे वक्त से थी।

युद्ध के मैदान में पकड़ने के बाद शुरुआत में यूक्रेनी सैनिक उन्हें पहचान नहीं पाए थे। उन्होंने इरीना स्टारिकोवा को एक आम महिला सैनिक समझ अस्पताल में भर्ती करा दिया, लेकिन जब उनसे पूछताछ की गई तो सारी कहानी सामने आई।

शुरुआत में यूक्रेनी सैनिका स्टारिकोवा को पहचान नहीं पाए, लेकिन अस्पताल में पूछताछ और उसके सामान की तलाशी के बाद सारी कहानी सामने आई।

घायल होने पर मरने के लिए छोड़ गए रूसी सैनिक
यूक्रेन के अंदरूनी इलाके में जंग के मैदान में इरीना घायल हो गई थीं, जिसके बाद रूसी सैनिकों ने उन्हें साथ रखना मुनासिब नहीं समझा। रूसी सैनिक घायल इरीना को छोड़कर आगे बढ़ गए, लेकिन वक्त रहते वो यूक्रेनी सैनिकों की नजर में आ गईं। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

नन रह चुकी है दो बेटियों की मां, पति से हुआ तलाक
यूक्रेन की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मूल रूप से सार्बिया की रहने वालीं इरीना रूसी सेना में आने के पहले एक नन थीं। उनकी दो बेटियां भी हैं। उनका पति के साथ तलाक हो चुका है। इरीना के पकड़ में आने के बाद यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस बात की पुष्टि की है।

दो बेटियों की मां स्टारिकोवा रूसी सेना के लिए स्नाइपर बनने से पहले एक नन थीं।

रूस में शुरू से महिला स्नाइपरों का जलवा रहा है
जंग के मैदान में ‘नारी शक्ति’ से काम लेना रूस के लिए नया नहीं है। बात अगर स्नाइपर्स और शार्प शूटर्स की भी हो तो रूस की महिलाएं बाकी दुनिया से काफी आगे नजर आती हैं। दूसरे विश्व युद्ध के समय ‘लेडी डेथ’ के नाम से मशहूर सोवियत महिला सैनिक ल्यूडमिला पावलिचेंको ने दुश्मन सेना के 309 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद उन्हें ‘लेडी डेथ’ की उपाधि दी गई थी।

इसी तरह 1941 में सोवियत संघ पर हिटलर के हमले के बाद मात्र 17 साल की शार्प शूटर येलिजावेटा मिरोनोव ने 100 से अधिक नाजियों को मौत के घाट उतार दिया था। सोवियत संघ (वर्तमान रूस) में महिला स्नाइपर्स को तैयार करने के लिए मॉस्को के पास बाकायदा ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया था।

- ऑस्ट्रेलिया में समंदर किनारे मरा दिखा 'एलियन' जैसा जीव, क्या आप बता सकते हो ये क्या है?

 

दुनिया में लाखों-करोड़ों तरह के जीव रहते हैं। कई ऐसे जीव होते हैं कि जिनके बारे में हमें पता तक नहीं होता। जिन्हें हमने ना आज तक देखा है, ना ही हमें उनके बारे में कुछ और पता है। ऑस्ट्रेलिया (Australia) में एक शख्स को ऐसा ही एक अजीबोगरीब जीव (Weird Creature) समंदर के किनारे पर मिला। जब शख्स ने उस जीव को समंदर किनारे देखा तो वो भी उसे देखकर दंग रहा गया था क्योंकि इस जीव की बनावट किसी एलियन जैसी ही लग रही थी। लिहाजा, शख्स ने भी इसे एलियन करार दे दिया। उसने इससे पहले उसने ऐसा कोई जीव नहीं देखा था।

इंस्टा पर इसका वीडियो भी किया है उन्होंने शेयर

जिस शख्स ने इस जीव को पहली बार देखा उनका नाम एलेक्स टैन (Alex Tan) है, उन्होंने इसका वीडियो अपने इंस्टा पर शेयर किया है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में मौजूद ऑस्ट्रेलियन सनशाइन कोस्ट (Australia’s Sunshine Coast) पर ये अजीबोगरीब जीव मिला। एलेक्स खुद उसे देखकर शॉक्ड रह गए थे। यहां तक कि उन्होंने लोगों से इस जीव को पहचानने में भी मदद मांगी है।

ऐसा दिखता है यह जीव

इस जीव के 4 पैर हैं और उसका शरीर फूला हुआ है। चूहे जैसी उसकी पूंछ है। सिर से लगभग सारा मांस निकल चुका है, बस खोपड़ी ही बची दिख रही है। यहां तक कि उसके शरीर पर कोई बाल भी नहीं है। वो लिखते हैं, ‘मुझे एक बेहद अजीबोगरीब चीज मिली। ये लगभग उन चीजों में से है, जिसे अब तक लोग एलियन कह चुके हैं।’ ये एक मरे हुए जीव का शव है, जो कुछ दिनों पहले मरा होगा क्योंकि शव पूरी तरह से फूला हुआ है।

फॉलोअर्स ने बताया कि ये हो सकता है

हालांकि जब उनके फॉलोअर्स ने इस वीडियो को देखा तो उन्होंने इसपर कमेंट किया। उन्होंने इस संभवत: कोई डूबा हुआ कंगारू या फिर वॉलाबी बताया। बता दें कि कई बार समुद्र किनारे जानवरों का शव कई दिनों तक पड़े रहने के बाद पूरी तरह से बदल जाता है। लहरों और नमकीन पानी के कारण वो अलग से दिखने लगते हैं। इसके कारण उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। आपको क्या लगता है कि यह कौन सा जीव है?

- रूसी गैस आपूर्ति रुकने से जर्मनी में आपातकाल लगने के संकेत, सरकार का नागरिकों से इस्तेमाल में कमी लाने का अनुरोध

बर्लिन, रायटर: रूस की प्राकृतिक गैस के सबसे बड़े ग्राहक जर्मनी की आपूर्ति में आने वाले दिनों में रुकावट होने के संकेत हैं। इसका कारण रूस का गैस मूल्य अपनी मुद्रा रूबल में मांगना है। जबकि जर्मनी रूबल में भुगतान से इन्कार कर चुका है और पूर्व की भांति यूरो में भुगतान करना चाहता है। ऐसे रूस गैस आपूर्ति रोकता है तो जर्मनी में अफरातफरी मचनी तय है।

गैस को लेकर आपातस्थिति लागू होने के संकेत

जर्मनी के वित्त मंत्री राबर्ट हेबक ने रूस से गैस की आपूर्ति रुकने पर आपातस्थिति लागू होने के संकेत दिए हैं। वित्त मंत्री ने उपभोक्ताओं से उपयोग में कमी लाने का अनुरोध किया है। कहा कि जर्मनी के लोग यूक्रेन में चल रहे युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की बचत करें। वे गैस और तेल का उपयोग कम करें। जर्मन सरकार ने रूसी गैस पर निर्भरता कम करने का संकेत दिया है। यूक्रेन युद्ध के चलते लागू प्रतिबंधों के पालन में पोलैंड इस साल के अंत तक रूस से तेल का आयात बंद कर देगा।

रूसी ईंधन पर निर्भरता कम करने का आह्वान

प्रधानमंत्री मैटियस मोराविस्की ने कहा कि पोलैंड ने रूस से कोयले का आयात बंद कर दिया है। मई से गैस आयात में कटौती की जाएगी जबकि तेल का आयात 2022 के अंत तक बंद कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने यूरोपीय यूनियन के देशों से रूसी ईंधन पर निर्भरता कम करने का आह्वान भी किया है।

ब्रिटेन ने रूसी विमानों-जहाजों पर भी लगाया प्रतिबंध

ब्रिटेन ने रूसी विमानों और पानी के जहाजों पर तकनीक संबंधी सहायता देने पर भी रोक लगाने की घोषणा की है। यह सहायता यात्रा मार्ग में देने का देशों के बीच समझौता होता है। कभी रूस के मित्र रहे स्लोवाकिया ने भी उसके दूतावास के 35 कर्मियों को देश से निष्कासित कर दिया है। इससे पहले बेल्जियम और पोलैंड भी रूसी दूतावास कर्मियों को निष्कासित कर चुके हैं।

 

 

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