Saturday, September 21, 2024
BREAKING
Weather: गुजरात में बाढ़ से हाहाकार, अब तक 30 लोगों की मौत; दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की चेतावनी जारी दैनिक राशिफल 13 अगस्त, 2024 Hindenburg Research Report: विनोद अदाणी की तरह सेबी चीफ माधबी और उनके पति धवल बुच ने विदेशी फंड में पैसा लगाया Hindus in Bangladesh: मर जाएंगे, बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे... ढाका में हजारों हिंदुओं ने किया प्रदर्शन, हमलों के खिलाफ उठाई आवाज, रखी चार मांग Russia v/s Ukraine: पहली बार रूसी क्षेत्र में घुसी यूक्रेनी सेना!, क्रेमलिन में हाहाकार; दोनों पक्षों में हो रहा भीषण युद्ध Bangladesh Government Crisis:बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट, सेना की कार्रवाई में 56 की मौत; पूरे देश में अराजकता का माहौल, शेख हसीना के लिए NSA डोभाल ने बनाया एग्जिट प्लान, बौखलाया पाकिस्तान! तीज त्यौहार हमारी सांस्कृतिक विरासत, इन्हें रखें सहेज कर- मुख्यमंत्री Himachal Weather: श्रीखंड में फटा बादल, यात्रा पर गए 300 लोग फंसे, प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट Shimla Flood: एक ही परिवार के 16 सदस्य लापता,Kedarnath Dham: दो शव मिले, 700 से अधिक यात्री केदारनाथ में फंसे Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

चंडीगढ़

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी की सब-कैटेगरी में आरक्षण को दी मंज़ूरी

August 02, 2024 08:22 AM

सिटी दर्पण

नई दिल्ली, 01 अगस्तः

सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की पीठ ने गुरुवार को एक अहम फ़ैसला सुनाया है.

पीठ के छह जजों के कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सब-कैटेगरी को भी आरक्षण दिया जा सकता है.

सिर्फ़ जज जस्टिस बेला त्रिवेदी इस राय से असहमत थीं.

इस फ़ैसले के बाद राज्य अनुसूचित जाति और जनजातियों के आरक्षण में आंकड़ों के आधार पर सब-क्लासिफिकेशन यानी वर्गीकरण कर सकते हैं.

इसका मतलब ये है कि अगर किसी राज्य में 15% आरक्षण अनुसूचित जातियों के लिए है तो उस 15% के अंतर्गत वो कुछ अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण तय कर सकते हैं.

कोर्ट ने कहा कि सारी अनुसूचित जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं. कुछ दूसरों से ज़्यादा पिछड़ी हो सकती हैं. इसलिए उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार सब-क्लासिफिकेशन कर के अलग से आरक्षण रख सकती है.

सात जजों ने छह अलग-अलग राय लिखी. विशेषज्ञों का मानना है कि आरक्षण के हिस्से में ये एक बहुत बड़ा फ़ैसला है जिसके कई राजनीतिक प्रभाव दिखेंगे.

1975 में पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति की नौकरी और कॉलेज के आरक्षण में 25% वाल्मीकि और मज़हबी सिख जातियों के लिए निर्धारित किया था. इसे हाई कोर्ट ने 2006 में ख़ारिज कर दिया.

ख़ारिज करने का आधार 2004 का एक सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला था, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जाति की सब-कैटेगरी नहीं बनाई जी सकती.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्यों के पास ये करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अनुसूचित जाति की सूची राष्ट्रपति की ओर से बनाई जाती है.

पढ़ाई और नौकरी दोनों पर लागू

 

आंध्र प्रदेश ने भी पंजाब जैसा एक कानून बनाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया.

इस कारण, पंजाब सरकार ने एक नया क़ानून बनाया, जिसमें यह कहा गया कि अनुसूचित जाति के आरक्षण के आधे हिस्से में इन दो जातियों को प्राथमिकता दी जाएगी. ये क़ानून भी हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.

यह मामला सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ के पास पहुंचा.

एक अगस्त के फ़ैसले ने 2004 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने और जस्टिस मनोज मिश्रा के फ़ैसले में कहा कि अनुसूचित जाति एक समान वर्ग नहीं है.

उन्होंने लिखा कि कुछ जातियां, जैसे जो सीवर की सफ़ाई करते हैं, वो बाक़ियों से ज़्यादा पिछड़ी रहती हैं, जैसे जो बुनकर का काम करते हैं जबकि दोनों ही अनुसूचित जाति में आते हैं और छुआ-छूत से जूझती हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सब-क्लासिफिकेशन का निर्णय आंकड़ों के आधार पर होगा ना कि राजनीतिक लाभ के लिए. सरकारों को ये दिखाना होगा कि क्या पिछड़ेपन के कारण किसी जाति का सरकार के कार्य में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है. सब-क्लासिफिकेशन पर जुडिशियल रिव्यू भी लगाया जा सकता है.

कोर्ट का फ़ैसला नौकरी और पढ़ाई पर लागू होगी.

क्या होगा असर?

चार और जजों ने चीफ जस्टिस की राय से सहमति जतायी. पर अपने-अपने फ़ैसले लिखे.

जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि सरकार ये नहीं कर सकती कि किसी एक जनजाति को पूरा आरक्षण दे दे.

पंजाब सरकार ने कोर्ट के सामने ये तर्क रखा कि अनुसूचित जाति में सभी जातियां समान नहीं है. केंद्र सरकार ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सब-क्लासिफिकेशन की अनुमति मिलनी चाहिए.

फ़िलहाल, अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण में सब-क्लासिफिकेशन होता है. अब ऐसा ही सब-क्लासिफिकेशन अनुसूचित जाति और जनजाति में भी देखा जा सकता है.

हालांकि, इसके लिए राज्यों को पर्याप्त आंकड़ा पेश करना होगा.

ऐसा कई बार हुआ है कि कोर्ट ने सरकार के ठीक से आंकड़ा इकट्ठा नहीं करने की बात कहते हुए आरक्षण को ख़ारिज कर दिया है.

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे दलित वोट पर भी असर पड़ेगा.

जादवपुर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर और पॉलिटिकल साइंटिस्ट सुभाजीत नस्कर का कहना है, “सब-क्लासीफिकेशन मतलब एससी-एसटी वोट बँट जाएं. ऐसे एक समुदाय के अंदर राजनीतिक बँटवारा पैदा होगा. बीजेपी ने भी कोर्ट में सब-क्लासिफिकेशन का समर्थन किया है. हो सकता है कि इनसे उनको सियासी फ़ायदा मिले. राज्य स्तर की राजनीतिक पार्टियां भी अपने फ़ायदे के मुताबिक़ सब-क्लासिफिकेशन लाएंगी.”

हालांकि, उन्होंने इस फ़ैसले से असहमति जताई और कहा, “अनुसूचित जाति का आरक्षण छुआछूत के आधार पर दिया जाता है. इसका सब-क्लासिफिकेशन नहीं कर सकते. इस फ़ैसले का आने वाले दिनों में ज़ोर-शोर से विरोध होगा.”

क्रीमी लेयर

वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने भी एक्स पर इस फ़ैसले का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला समानता के मौलिक अधिकार के ख़िलाफ़ जाता है. उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि पिछड़ापन का निर्णय किस आधार पर किया जाएगा.

कोर्ट के चार जजों ने अनुसूचित जाति और जनजाति में क्रीमी लेयर पर भी अपने विचार रखे.

क्रीमी लेयर का मतलब ये है कि वो वर्ग वित्त और सामाजिक रूप से विकसित हैं और वो आरक्षण का उपयोग नहीं कर सकते.

जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि अन्य पिछड़े वर्ग आरक्षण जैसे अनुसूचित जाति और जनजाति में भी क्रीमी लेयर आना चाहिए. पर उन्होंने ये नहीं कहा कि क्रीमी लेयर कैसे निर्धारित किया जाएगा.

इस पर दो और जजों ने सहमति जताई. वहीं जस्टिस पंकज मिथल ने कहा कि अगर एक पीढ़ी आरक्षण लेकर समाज में आगे बढ़ गई है, तो आगे वाली पीढ़ियों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए.

हालांकि, ये बस जजों की टिप्पणी थी और भविष्य के मुक़दमों पर बाध्य नहीं होगा.

क्रीमी लेयर का सवाल कोर्ट के सामने नहीं था.

फ़िलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर क्रीमी लेयर लागू है और अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए नौकरी में वृद्धि में भी क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू है.

Have something to say? Post your comment

और चंडीगढ़ समाचार

Hezbollah Chief : 'यह जंग का ऐलान',आग बबूला बोला हिज्बुल्लाह चीफ, कतर एयरवेज ने जारी की एडवाइजरी-लेबनान हवाई अड्डे से विमान में पेजर और वॉकी-टॉकी पर रोक

Hezbollah Chief : 'यह जंग का ऐलान',आग बबूला बोला हिज्बुल्लाह चीफ, कतर एयरवेज ने जारी की एडवाइजरी-लेबनान हवाई अड्डे से विमान में पेजर और वॉकी-टॉकी पर रोक

TDP ने तिरुपति भेजे गए घी की लैब रिपोर्ट दिखाई:इसमें पशु चर्बी-फिश ऑयल की पुष्टि; पूर्व जगन सरकार पर पवित्रता खंडित करने का आरोप

TDP ने तिरुपति भेजे गए घी की लैब रिपोर्ट दिखाई:इसमें पशु चर्बी-फिश ऑयल की पुष्टि; पूर्व जगन सरकार पर पवित्रता खंडित करने का आरोप

कोलकाता: जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का किया ऐलान, 41 दिन बाद काम पर लौटेंगे

कोलकाता: जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का किया ऐलान, 41 दिन बाद काम पर लौटेंगे

Weather Alert: दिल्ली में ठंड की सुगबुगाहट शुरू, सुबह-शाम लग रही सर्दी; तापमान ने तोड़ा 15 साल का रिकॉर्ड

Weather Alert: दिल्ली में ठंड की सुगबुगाहट शुरू, सुबह-शाम लग रही सर्दी; तापमान ने तोड़ा 15 साल का रिकॉर्ड

गोरखपुर के ‘मरीन ड्राइव’ पर मिलेगा उत्तर भारत के फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुत्फ

गोरखपुर के ‘मरीन ड्राइव’ पर मिलेगा उत्तर भारत के फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का लुत्फ

एनएचपीसी लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ ने

एनएचपीसी लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय चंडीगढ़ ने "स्वच्छता ही सेवा" विषय पर आयोजित की पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता

Bangladesh: बांग्लादेश में लागू होगा सैन्य शासन? सेना को मिली मजिस्ट्रेट की पावर, गिरफ्तारी से लेकर गोली मारने का अधिकार

Bangladesh: बांग्लादेश में लागू होगा सैन्य शासन? सेना को मिली मजिस्ट्रेट की पावर, गिरफ्तारी से लेकर गोली मारने का अधिकार

Trump: ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ़ की लेकिन भारत पर साधा निशाना

Trump: ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ़ की लेकिन भारत पर साधा निशाना

Congress: हरियाणा में कांग्रेस देगी फ्री बिजली, ऐलान करते हुए खरगे बोले- डबल नहीं हम एक्सप्रेस इंजन लगाएंगे

Congress: हरियाणा में कांग्रेस देगी फ्री बिजली, ऐलान करते हुए खरगे बोले- डबल नहीं हम एक्सप्रेस इंजन लगाएंगे

One Nation One Election: जनणगना की चर्चा के बीच 'एक देश, एक चुनाव' वाली रिपोर्ट को मोदी सरकार की हरी झंडी

One Nation One Election: जनणगना की चर्चा के बीच 'एक देश, एक चुनाव' वाली रिपोर्ट को मोदी सरकार की हरी झंडी