सिटी दर्पण
ग्रीनलैंड, 10 जनवरीः
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ग्रीनलैंड पर कब्जे वाली बात पर वहां के नागरिकों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिल रही है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बी. एगेडे ने शांति और एकता की अपील करते हुए कहा कि उनका देश अमेरिका का हिस्सा बनने की इच्छा नहीं रखता है।
डोनाल्ड ट्रंप जूनियर का ग्रीनलैंड दौरा
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह ग्रीनलैंड पर कब्जा करने के लिए टैरिफ या सैन्य बल का इस्तेमाल कर सकते हैं और ये बात ज्यादा प्रकाश में तब आ गई जब ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ग्रीनलैंड पहुंचे और वहां के लोगों से मिले। साथ ही उन्होंने वहां 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' लिखी हुई कैप्स भी बांटीं और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस बात पर ग्रीनलैंड के लोगों ने नाराजगी जताते हुए इसे रिश्वत देने जैसा बताया।
ग्रीनलैंडवासियों की नाराजगी
ट्रंप के देश कब्जाने वाली बात को लेकर ग्रीनलैंड के लोगों में लोगों में बड़ी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहां एक तरह ग्रीनलैंड एक छात्र ने गार्जियन को बताया कि हमारे देश को अमेरिकी नेतृत्व की जरूरत नहीं है। जब ग्रीनलैंड सरकार ने मजबूती के साथ कहा कि ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है तब मुझे थोड़ी राहत मिली। छात्र ने कहा कि मैं हमारे ग्रीनलैंड की स्वतंत्रता का पूरी तरीके से समर्थन करता हूं। साथ ही सिसिमियट नामक एक नागरिक गार्जियन से कहा कि मैं कभी भी ट्रंप का समर्थन नहीं करूंगा। और औपनिवेशिक काल में अमेरिकी लोगों ने मूल अमेरिकियों के साथ जो किया मैं उसका भी कभी समर्थन नहीं करूंगा।
ग्रीनलैंड के पीएम का जवाब
ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप के नजरिए पर शुक्रवार को ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूटे बी. एगेडे ने कहा कि उनका देश अमेरिका का हिस्सा बनने की इच्छा नहीं रखता, लेकिन वे इस बात को समझते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड में रुचि होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड वाशिंगटन के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है, लेकिन ग्रीनलैंड के लोग अपनी स्वतंत्रता चाहते हैं और डेनमार्क या अमेरिका का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
यूरोप और डेनमार्क में बढ़ी चिंता
डोनाल्ड ट्रंप के लगातार ग्रीनलैंड को लेकर दिए जा रहे बयान से डेनमार्क और यूरोप में चिंता पैदा कर दी है। हालांकि, डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि अमेरिका का ग्रीनलैंड में रुचि दिखाना एक सकारात्मक पहलू है और दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत बनाए रखने के लिए वे पूरी कोशिश करेंगे।
ग्रीनलैंड पर कब्जा, ट्रंप का पुराना सपना
देखा जाए तो ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाना डोनाल्ड ट्रंप का आज का सपना नहीं है। ये बात 2019 से चली आ रही है जब उन्होंने इसे एक रियल स्टेट सौदा बताया था। गौरतलब है कि ग्रीनलैंड अभी डेनमार्क के तहत एक स्वतंत्र राज्य है और इसकी रणनीतिक स्थिति के कारण इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय ध्यान है। बता दें कि 1945 में अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ग्रीनलैंड पर कब्जा कर लिया था लेकिन बाद में इसे डेनमार्क को वापस कर दिया। हालांकि आज भी ग्रीनलैंड के उत्तर-पश्चिम में एक अमेरिकी सैन्य अड्डा स्थित है।