चंडीगढ़, 8 अप्रैल — हरियाणा सरकार ने आगामी मॉनसून सीजन में गुरुग्राम को जलभराव की समस्या से मुक्त करने के लिए व्यापक रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सोमवार को हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में जलभराव की स्थिति पर चर्चा करते हुए नगर निगम गुरुग्राम (MCG) और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाएं।
अधिकारियों को समयबद्ध कार्य योजना सुनिश्चित करने के निर्देश
बैठक में नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग, अतिरिक्त आयुक्त वाई. एस. गुप्ता समेत जीएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने कहा कि शहर में बरसात के दौरान जलभराव को रोकने के लिए ड्रेनेज सिस्टम और सीवरेज की सफाई मानसून से पहले पूरी की जानी चाहिए, खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर बने नालों की सफाई को प्राथमिकता दी जाए।
जल निकासी के लिए स्थायी समाधान की ओर कदम
राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले तीन वर्षों में गुरुग्राम में पंप आधारित जल निकासी प्रणाली से हटकर एक स्थायी समाधान की ओर कदम बढ़ाया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्रों में जलभराव से निपटने के लिए चिन्हित स्थलों पर ईंटों से भरे गड्ढे बनाए जाएं, जिससे कम लागत में जल स्तर बढ़ाने और जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदूषण पर सख्त रुख और एसटीपी की जांच के आदेश
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि दिल्ली में यमुना नदी को स्वच्छ बनाया जाए, ऐसे में यह ज़रूरी है कि गुरुग्राम की फैक्ट्रियों का रासायनिक अपशिष्ट ड्रेनेज सिस्टम में न जाने पाए। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कड़े कदम उठाने होंगे।
राव नरबीर सिंह ने यह भी जानकारी दी कि वे जल्द ही नजफगढ़ ड्रेन की डिसिल्टिंग के विषय में दिल्ली सरकार से बात करेंगे। साथ ही, उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि सड़क मरम्मत कार्यों के दौरान बगल के नालों की सफाई नहीं हो रही, जिससे मॉनसून में ओवरफ्लो की स्थिति बन सकती है।
रिहायशी इलाकों की समस्याओं पर भी हुई चर्चा
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क स्तर से ऊंचे नाले रिहायशी इलाकों में जलभराव की बड़ी वजह बनते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नालों की डिज़ाइन और ऊंचाई की जांच की जाए और स्थानीय ड्रेनेज कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाए।
साथ ही उन्होंने एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की जांच का भी आदेश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी रिहायशी सोसाइटियों में लगे एसटीपी सही तरीके से कार्य कर रहे हैं या नहीं।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी लिए गए निर्णय
बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें शामिल थे:
-
नगर निगम द्वारा जल शुल्क भुगतान की प्रक्रिया
-
एमसीजी द्वारा अंडरपास की सफाई व्यवस्था
-
बूस्टिंग स्टेशन तक पाइपलाइन में अवैध कनेक्शन पर रोक
-
अनधिकृत कॉलोनियों में जल आपूर्ति नियंत्रण
-
सड़क की नालियों में स्ट्रीट स्वीपिंग वेस्ट का निस्तारण
-
सेक्टरों के मुख्य व आंतरिक नालों की प्रभावी कनेक्टिविटी
मंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि कार्य की गुणवत्ता, समयबद्धता और साफ-सफाई की निरंतर निगरानी की जाए ताकि आगामी बरसात में गुरुग्राम के नागरिकों को जलभराव से निजात मिल सके।
गुरुग्राम जैसे तेज़ी से विकसित होते शहरी क्षेत्र में मॉनसून की चुनौतियों से निपटने के लिए हरियाणा सरकार की यह सक्रियता सराहनीय है। राव नरबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक से साफ है कि अब जलभराव जैसी समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।