चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज हरियाणा विधानसभा में बजट 2025-26 पेश करते हुए प्रदेश में श्रमिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में न्यूनतम मजदूरी दरों को हर वर्ष महंगाई भत्ते के आधार पर बढ़ाया जाता है। वर्ष 2015 में अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 7,600 रुपये थी, जो अब बढ़कर 11,001.76 रुपये हो गई है। आगामी वित्त वर्ष में सरकार न्यूनतम मजदूरी की मूल दरों का पुनरीक्षण और संशोधन करेगी।
औद्योगिक विवादों के त्वरित निपटान के लिए नए श्रम न्यायालय
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 9 श्रम न्यायालय कार्यरत हैं, जिनमें अंबाला, पानीपत, हिसार और रोहतक में एक-एक, गुरुग्राम में दो और फरीदाबाद में तीन शामिल हैं। औद्योगिक विवादों के त्वरित समाधान के लिए सरकार इस वित्त वर्ष में श्रम न्यायालयों की संख्या बढ़ाकर 14 करेगी।
ईएसआई अस्पतालों और डिस्पेंसरियों का विस्तार
वित्त मंत्री ने कहा कि बावल और बहादुरगढ़ में 100 बिस्तरों वाले ईएसआई अस्पतालों का निर्माण और पंचकूला में ईएसआई डिस्पेंसरी भवन का निर्माण वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, एचएसआईआईडीसी द्वारा साहा, सोहना, खरखौदा, बहादुरगढ़, करनाल, फर्रुखनगर, चरखी दादरी, छछरौली, कोसली, घरौंडा, कैथल, कुरुक्षेत्र, पटौदी और गोहाना में ईएसआईसी नई दिल्ली को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
गिग वर्कर्स के लिए नई योजना
गिग अर्थव्यवस्था में कार्यरत श्रमिकों को सशक्त बनाने और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार एक नई योजना शुरू करेगी। इसके तहत:
- राज्य में कार्यरत सभी गिग वर्कर्स के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा, जहां वे स्वयं को पंजीकृत कर सकेंगे।
- यह पोर्टल गिग वर्कर्स को सरकारी योजनाओं और अन्य अवसरों से जोड़ने का कार्य करेगा।
- पंजीकृत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य, दुर्घटना और जीवन बीमा सुरक्षा दी जाएगी।
- इस पहल का उद्देश्य गिग वर्कर्स को वित्तीय स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, जिससे वे आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर बन सकें।
उद्योगों के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सरलीकरण
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 5 एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना नक्शे और लाइसेंस आवेदनों पर निर्णय लेने की शक्तियां जिला स्तर पर अतिरिक्त उपायुक्त को दी जाएंगी। इसके अलावा, 10 एकड़ तक के उद्योगों के कारखाना लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया को भी जिला स्तर पर ही निपटाया जाएगा।
श्रम विभाग के बजट में 29.80% की वृद्धि
सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए श्रम विभाग को 96.81 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 29.80% अधिक है।
यह बजट प्रदेश के श्रमिकों, गिग वर्कर्स और उद्योगों को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।