चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बजट प्रस्तुत करते हुए घोषणा की कि राज्य में 9 अत्याधुनिक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार करना है। वर्तमान में पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल, सिरसा, कैथल, महेंद्रगढ़ और मेडिकल कॉलेज नूंह में इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
स्वास्थ्य बजट में वृद्धि
✅ वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमानों की तुलना में स्वास्थ्य बजट में 8.17% की वृद्धि की गई है।
✅ पिछले वर्ष का स्वास्थ्य बजट 9,391.87 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 10,159.54 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: आंकड़ों में सफलता
- संस्थागत प्रसव दर 85.7% से बढ़कर 97.9% हो गई है।
- टीकाकरण कवरेज 85.7% से बढ़कर 92% हो गया है।
- मातृ मृत्यु दर 127 से घटकर 110 हो गई है।
- नवजात मृत्यु दर 26 से घटकर 19 हो गई है।
- शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 28 हो गई है।
- पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 45 से घटकर 33 हो गई है।
✅ ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत जन्म के समय लिंगानुपात 2014 में 868 था, जो अब बढ़कर 910 हो गया है।
सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ: हर नागरिक को बेहतर इलाज
✅ आयुष्मान-चिरायु योजना और मुफ्त डायलिसिस जैसी योजनाओं से हरियाणा के नागरिकों को राहत मिली है।
✅ हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की नीति से मेडिकल शिक्षा के इच्छुक युवाओं के लिए नए अवसर बढ़े हैं।
मेडिकल शिक्षा में विस्तार
- हरियाणा में वर्तमान में 15 मेडिकल कॉलेज, 10 डेंटल कॉलेज, 19 फिजियोथेरेपी कॉलेज, 111 नर्सिंग कॉलेज और 182 नर्सिंग स्कूल कार्यरत हैं।
- पिछले 10 वर्षों में एमबीबीएस की 1,485 सीटें, पीजी डिग्री और डिप्लोमा की 754 सीटें तथा डीएम/एमसीएच की 30 सीटें बढ़ाई गई हैं।
- वर्तमान में एमबीबीएस की कुल 2,185 सीटें हैं, जिन्हें इस वर्ष बढ़ाकर 2,485 करने का प्रस्ताव है।
आयुष और पारंपरिक चिकित्सा को प्रोत्साहन
✅ पिछले 10 वर्षों में योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
✅ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना पर भारत सरकार का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य के पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र को और मजबूती देगी।
राजकीय अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार
- 2014-15 में हरियाणा में 200 बिस्तरों वाले केवल 4 और 300 बिस्तरों वाले 2 राजकीय अस्पताल थे।
- अब यह संख्या बढ़कर क्रमशः 18 और 3 हो गई है।
- पलवल, रोहतक और चरखी दादरी के जिला अस्पतालों को 100 से 200 बिस्तरों में अपग्रेड किया जाएगा।
- नूंह के अल-आफिया जिला अस्पताल, हिसार और पानीपत के जिला अस्पतालों को 200 से 300 बिस्तरों में अपग्रेड किया जाएगा।
- झज्जर के जिला अस्पताल को 100 से 200 बिस्तरों में अपग्रेड करने की योजना है।
सभी जिला अस्पतालों को सर्वोत्तम बनाने का लक्ष्य
✅ अगले दो वर्षों में हर जिला अस्पताल को शहर का सबसे बेहतरीन अस्पताल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
✅ 2025-26 में सभी जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक सेवाएँ और उपकरण जैसे – सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड, ब्लड एनालाइजर और डिजिटल एक्स-रे उपलब्ध कराए जाएंगे।
✅ सभी जिला अस्पतालों में मरीजों के लिए निजी कमरों की व्यवस्था की जाएगी और उनके सहयोगियों के लिए आश्रय गृह की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
क्रिटिकल केयर सेवाओं में सुधार
- हर जिला अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज में 50 बिस्तरों वाला ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ स्थापित किया जाएगा।
- ब्लड बैंक सुविधाओं को आधुनिक बनाया जाएगा।
हरियाणा सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, मातृ एवं शिशु देखभाल, मेडिकल शिक्षा के विस्तार और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दे रही है। यह बजट प्रदेश के हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस बुनियाद तैयार करने का कार्य करेगा।