चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने राज्य की कृषि और बागवानी को आधुनिक और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की।
ई-नाम के साथ सभी मंडियों का एकीकरण
✅ सभी मंडियों को डिजिटल रूप से "ई-नाम" पोर्टल के साथ पूरी तरह जोड़ा जाएगा।
✅ फसलों की बिक्री को सुव्यवस्थित करने के लिए गेट पास प्रणाली, जो खरीफ फसलों के लिए लागू थी, अब सभी फसलों पर लागू होगी।
उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण में सुधार
- यूरिया और डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद स्थानीय स्तर पर होने वाली कमी को दूर करने के लिए नई रणनीति अपनाई जाएगी।
- "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर पंजीकृत फसलों के अनुसार उर्वरकों का वितरण किया जाएगा।
- नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को बढ़ावा देकर किसानों को वैकल्पिक और उन्नत तकनीक से जोड़ा जाएगा।
गन्ने की मशीन से कटाई को बढ़ावा
✅ गन्ने के घटते रकबे और श्रमिकों की कमी को ध्यान में रखते हुए, गन्ना हार्वेस्टर मशीनों पर सब्सिडी दी जाएगी।
✅ इससे किसानों को आधुनिक मशीनों से कटाई करने में सहायता मिलेगी और उत्पादन लागत कम होगी।
बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं का विस्तार
✅ वर्तमान में हरियाणा में केवल 4 बीज परीक्षण प्रयोगशालाएँ (करनाल, पंचकूला, सिरसा, और रोहतक) हैं।
✅ वित्त वर्ष 2025-26 में शेष 18 जिलों में भी नई बीज परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
बागवानी उत्कृष्टता केंद्रों की संख्या में वृद्धि
- वर्तमान में हरियाणा में 11 बागवानी उत्कृष्टता केंद्र संचालित हो रहे हैं और 3 नए केंद्र निर्माणाधीन हैं।
- अगले वित्तीय वर्ष में अंबाला, यमुनानगर और हिसार में क्रमशः लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर के लिए 3 नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय इन सभी 14 उत्कृष्टता केंद्रों को बागवानी विज्ञान केंद्रों में परिवर्तित करेगा।
बागवानी अनुसंधान केंद्र का विस्तार
✅ बागवानी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अंबाला के चांदसोली में अनुसंधान केंद्र की स्थापना हो चुकी है।
✅ वित्त वर्ष 2025-26 में पलवल जिले में भी एक नया अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा।
हरियाणा में बागवानी मिशन का विस्तार
- वर्तमान में यह मिशन 19 जिलों में चल रहा है।
- वित्त वर्ष 2025-26 में इसे फरीदाबाद, रेवाड़ी और कैथल में भी लागू किया जाएगा।
- जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में ₹2738 करोड़ की लागत से एक नया सतत (Sustainable) बागवानी प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
- वर्ष 2025-26 के लिए इस परियोजना के लिए ₹138 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
नवाचार और बिजली दरों में राहत
✅ मशरूम कंपोस्ट और स्पॉन, हाईटेक हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए नई पहल।
✅ एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) द्वारा संचालित 20 किलोवाट से अधिक क्षमता के कोल्ड स्टोरेज को बिजली की दरों में राहत मिलेगी।
✅ वर्तमान में 7.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलने वाली बिजली अब 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी।
इंटरक्रॉपिंग सुविधा का विस्तार
- "मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल" में अब तक कुछ फसलों के लिए ही इंटरक्रॉपिंग की सुविधा थी।
- अब इसे सभी फसलों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसान अधिक लाभदायक और बहु-फसल खेती कर सकेंगे।
हरियाणा सरकार डिजिटल तकनीक, नवाचार, बागवानी अनुसंधान, आधुनिक खेती और उर्वरकों के स्मार्ट वितरण जैसी पहलों के माध्यम से किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। नई योजनाएँ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि को और अधिक उन्नत करने में सहायक होंगी।