चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के बजट सत्र में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिससे कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी।
कृषि और संबंधित विभागों के बजट में भारी वृद्धि
✅ कृषि विभाग – 19.2% वृद्धि
✅ बागवानी विभाग – 95.5% वृद्धि
✅ पशुपालन विभाग – 50.9% वृद्धि
✅ मत्स्य पालन विभाग – 144.4% वृद्धि
अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का कुल बजट ₹4,229.29 करोड़ प्रस्तावित किया गया है।
कृषि को मजबूत करने के लिए सरकार की प्राथमिकताएँ
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियाँ रीढ़ की हड्डी की तरह महत्वपूर्ण हैं।
इसलिए, सरकार इन प्रमुख बिंदुओं पर विशेष ध्यान देगी:
✔ खेती की लागत कम करना
✔ फसलों की पैदावार बढ़ाना
✔ हर फसल की MSP पर खरीद की गारंटी देना
✔ मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना
✔ प्रति बूंद अधिक उपज (More Crop Per Drop) की नीति को बढ़ावा देना
✔ बेहतर बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराना
✔ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम करना
✔ प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहित करना
✔ किसानों की आय को निरंतर बढ़ाना
किसानों से मिले सुझावों को बजट में शामिल किया गया
✅ 9 जनवरी को हिसार कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित विचार-विमर्श सत्र में 161 सुझाव मिले थे।
✅ इनमें "मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल", ई-खरीद पोर्टल, "मेरा पानी मेरी विरासत", "भावान्तर भरपाई योजना" और प्राकृतिक खेती जैसी योजनाओं की सराहना की गई थी।
✅ इन सुझावों को बजट में शामिल करने का पूरा प्रयास किया गया है।
महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणाएँ
1️⃣ नकली बीज और कीटनाशक बेचने वालों पर कड़ा नियंत्रण
- इस सत्र में एक नया विधेयक लाया जाएगा, जिससे किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों से बचाया जाएगा।
2️⃣ नई बागवानी नीति की घोषणा
- इस नीति के तहत मूल्य संवर्धन, भंडारण, तकनीकी विकास और विपणन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्राकृतिक व जैविक बागवानी को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
3️⃣ एफपीओ (FPO) के लिए समान अवसर
- वर्तमान में कंपनी के रूप में पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठन (FPO) को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है, लेकिन सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत FPO को यह लाभ नहीं मिलता।
- नई बागवानी नीति से यह भेदभाव समाप्त कर दिया जाएगा, जिससे सभी एफपीओ को समान लाभ मिलेगा।
हरियाणा सरकार कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के बजट में ऐतिहासिक वृद्धि कर रही है, जिससे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। नई योजनाओं और बढ़े हुए वित्तीय प्रावधानों से राज्य के किसानों की आय और कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।