चंडीगढ़, 17 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरस्वती नदी और राखीगढ़ी सभ्यता हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं। इनको पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार "हरियाणा सप्त सिंधु सरस्वती साहित्य, कला और संस्कृति" नाम से एक सार्वजनिक ट्रस्ट स्थापित करेगी। इस पहल के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में ₹25 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
सूचना, जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति के लिए बजट प्रावधान
✅ वित्त वर्ष 2025-26 में सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के लिए ₹262.31 करोड़ का आवंटन।
✅ अंबाला में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रहे ₹538 करोड़ की लागत वाले "आजादी की पहली लड़ाई के शहीदी स्मारक" का निर्माण पूरा किया जाएगा।
✅ मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत माता वैष्णो देवी और शिरडी साईं मंदिर की यात्रा शुरू होगी।
गुरु रविदास स्मारक ट्रस्ट की स्थापना
✅ गुरु रविदास जी के जीवन और शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पीपली में स्मारक निर्माण।
✅ स्मारक के प्रशासन और पर्यवेक्षण के लिए एक अलग ट्रस्ट बनाया जाएगा।
✅ इस ट्रस्ट को प्रारंभिक निधि के रूप में ₹5 करोड़ का बजट प्रावधान।
बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक को बढ़ावा
✅ खालसा राज के संस्थापक और मुगलों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर के लोहगढ़ ट्रस्ट को आर्थिक सहायता।
✅ स्मारक के निर्माण और प्रशासन के लिए ₹10 करोड़ का प्रावधान।
मीडियाकर्मियों को कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट
✅ सरकारी कर्मचारियों की तरह मीडियाकर्मियों को भी ‘कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट’ सुविधा दी जाएगी।
परंपरागत त्योहारों और मेलों को बढ़ावा
✅ राज्य में तीज, त्योहार, मेले और उत्सव के लिए जनभागीदारी कार्यक्रमों का आयोजन।
✅ इन आयोजनों के लिए ₹100 करोड़ का बजट आवंटन।
सिख संग्रहालय का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होगा
✅ पिपली में सिख धर्म के गौरवशाली इतिहास और उसके योगदान को प्रदर्शित करने के लिए सिख संग्रहालय बनाया जाएगा।
✅ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा इस संग्रहालय का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
हरियाणा सरकार का यह बजट राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, ऐतिहासिक स्मारकों के विकास, धार्मिक पर्यटन और जनसंपर्क के विस्तार पर केंद्रित है। सरस्वती नदी और राखीगढ़ी सभ्यता के पुनरुद्धार से लेकर, सिख और संत परंपरा के संरक्षण तक, यह पहलें हरियाणा की समृद्ध विरासत को नई पहचान देने में मदद करेंगी।