चंडीगढ़, 13 अप्रैल - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज गुरुग्राम में आयोजित अखिल भारतीय शल्य-चिकित्सक संघ के 12वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और नवाचारों का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन केवल सर्जरी के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हरियाणा की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भी सशक्त करने में सहायक साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टरों को "धरती का भगवान" माना जाता है, और यह उपाधि उनके निरंतर समर्पण और कठिनाईपूर्ण परिस्थितियों में किए गए कार्यों को पूरी तरह से उचित ठहराती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर न केवल शारीरिक उपचार करते हैं, बल्कि अक्सर मानसिक और भावनात्मक संबल भी प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने भारतीय चिकित्सा परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि धन्वंतरि, चरक और सुश्रुत जैसे महान चिकित्सक भारतीय चिकित्सा पद्धति के पथप्रदर्शक थे, और आज के सर्जन उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि आधुनिक तकनीक जैसे रोबोटिक सर्जरी, लैप्रोस्कोपिक तकनीक, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार इन नई तकनीकों को अपनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और उनका लक्ष्य है कि ये सुविधाएं केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित न रहें, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों तक भी पहुंचें।
साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत और चरक योजना का उल्लेख किया, जिनसे लाखों नागरिकों को लाभ मिला है। मुख्यमंत्री ने सभी सर्जनों और विशेषज्ञों को उनके योगदान के लिए सराहा और इस सम्मेलन के सफल आयोजन पर आयोजन समिति को बधाई दी।