उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में परिवहन विभाग एवं उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कार्यां की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में ई-बसों की खरीद में ‘मेड इन यू0पी0’ को प्राथमिकता देने का निर्देश देते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा आगे से खरीदी जाने वाली बसें यथासम्भव उत्तर प्रदेश में ही निर्मित हों। यह कदम राज्य की औद्योगिक प्रगति को गति देगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि बस स्टेशनों के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। यात्रियों की सुविधा सर्वोपरि हो और सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को प्रोत्साहन देने और राजस्व वृद्धि के लिए हर सम्भव प्रयास करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने रक्षाबंधन के अवसर पर माताओं-बहनों और उनके एक सहयात्री को तीन दिन तक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तथा सिटी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा का लाभ 78 लाख से अधिक लोगों द्वारा लिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम 23 बस स्टेशनों को पी0पी0पी0 मॉडल पर विश्वस्तरीय टर्मिनल के रूप में विकसित कर रहा है। दूसरे चरण में 54 अतिरिक्त बस स्टेशनों का विकास प्रस्तावित है, जबकि 50 बस स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यू0पी0एस0आर0टी0सी0 08 शहरों में इलेक्ट्रिक डिपो भी स्थापित कर रहा है, जहाँ 240 किलोवाट क्षमता के 04 से 08 यूनिवर्सल चार्जर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री जी ने सुगम आवागमन के लिए नए रूट चिन्हित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
परिवहन विभाग की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 37.9 लाख नए वाहन पंजीकृत हुए, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में जून माह तक ही 11 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए कर एवं शुल्क में 942 करोड़ रुपये से अधिक की छूट दी गई है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ जैसी नीति लागू है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग तथा पुलिस के साथ समन्वय बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के कार्यां की समीक्षा की
जिला मुख्यालयों वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करने के निर्देश दिए
स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना का उद्देश्य जिला मुख्यालयों की नगरपालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केन्द्रित स्वरूप में विकसित करनाः मुख्यमंत्री
प्रत्येक नगर पालिका में परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर किया जाए
वित्तीय संसाधनों का आवंटन नगर निकायों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के अनुसार किया जाए
इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित करते हुए इसके लिए आवश्यक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर शीघ्र तैयार किया जाए
मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगमों में निवासियों के विविध कर बकाये में विसंगतियों के तत्काल समाधान के निर्देश दिए
नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति तथा नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं का तत्काल विस्तार किया जाए
लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज एवं बहुउद्देशीय खेल परिसर की स्थापना के निर्देश
लखनऊ, 22 अगस्त, 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में नगर विकास विभाग के कार्यां की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने सम्बन्धित अधिकारियों को जिला मुख्यालयों वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट और विकसित नगर पालिका के रूप में विकसित करने की योजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्मार्ट-विकसित नगर पालिका योजना का उद्देश्य जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर और नागरिक-केन्द्रित स्वरूप में विकसित करना है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि योजना के अन्तर्गत नगर पालिकाओं में गौरव पथ, पिंक टॉयलेट, शहरी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरूम व आंगनबाड़ी, थीम आधारित पार्क, ऐतिहासिक धरोहर संरक्षण, जलाशयों का पुनर्जीवन, ई0वी0 चार्जिंग स्टेशन, ग्रीन क्रेमेटोरियम और डिजिटल सेवाओं जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए उत्सव भवन, सामुदायिक केंद्र और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ आधारित ढाँचे भी स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर लागू किया जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, लखनऊ और गोरखपुर स्थित एकीकृत कमाण्ड एवं कण्ट्रोल सेंटर से समीपवर्ती जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को जोड़ा जा सकता है। इससे नगर पालिकाओं को सुरक्षा, निगरानी और शिकायत निवारण जैसी सेवाओं में आधुनिकता मिलेगी तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग सम्भव होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक नगर पालिका में परियोजनाओं का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर किया जाए और वित्तीय संसाधनों का आवंटन नगर निकायों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के अनुसार किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि नगर निकायों को 04 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराए जाने का प्रस्ताव है, जो उनकी जनसंख्या और कार्यदक्षता पर आधारित होगा। जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं को विकसित-स्मार्ट स्वरूप देने से न केवल आधारभूत संरचना सुदृढ़ होगी, बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी सेवाएं भी मिलेंगी।
बैठक में लखनऊ और कानपुर में 200 इलेक्ट्रिक बसों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट मोड पर संचालित करने तथा अन्य नगरों में 650 बसों की प्रत्यक्ष खरीद का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित करते हुए इसके लिए आवश्यक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर शीघ्र तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी नगर निगमों में निवासियों के विविध कर बकाये में विसंगतियों के तत्काल समाधान के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में अभियान चलाकर लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएं और समाधान शिविर लगाकर नागरिकों की समस्याओं का यथोचित व संतुष्टिपरक समाधान कराया जाए। सभी नगर निकायों के पास अपना भवन होना चाहिए।
बैठक में नगर निकायों की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि विगत लगभग 20 वर्षों से इन सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 74वें संविधान संशोधन की भावना के अनुरूप नगर निकायों को अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि नगर आयुक्त, महापौर, कार्यकारिणी समिति तथा नगर निगम बोर्ड की वित्तीय स्वीकृति सीमाओं का तत्काल विस्तार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने लखनऊ में शहीद चंद्रशेखर आज़ाद अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज एवं बहुउद्देशीय खेल परिसर की स्थापना के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को पी0पी0पी0 मोड पर प्राथमिकता के साथ प्रारम्भ किया जाए, जिससे प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिले और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित हों।
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