श्री जे.पी. नड्डा ने टीबी उन्मूलन में तेजी लाने के लिए गुजरात के संसदीय नेतृत्व को एकजुट किया
"भारत टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रणी है"; गुजरात के सांसदों ने निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर त्वरित कार्रवाई का संकल्प लिया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी-मुक्त भविष्य के लिए गुजरात का रोडमैप तैयार किया
नि-क्षय मित्र नेटवर्क का विस्तार होगा, क्योंकि गुजरात के सांसद टीबी आउटरीच को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं
10 DEC 2025 -केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज गुजरात के संसद सदस्यों के साथ 'टीबी-मुक्त भारत' के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के लिए एक गहन रणनीति संवाद आयोजित किया। यह संवाद "संसद सदस्य, टीबी-मुक्त भारत के समर्थक" पहल के अंतर्गत हुआ और संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गर्वी गुजरात भवन में आयोजित किया गया।

आज के सत्र में उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्रीमती निमूबेन बाम्भणिया ने भाग लिया, इसके साथ ही संवाद कार्यक्रम में गुजरात का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों सदनों के सांसद भी उपस्थित थे। सांसदों को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में क्षय रोग (टीबी) के खिलाफ भारत की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि 2015 और 2024 के बीच देश में टीबी से ग्रस्त होने की घटनाओं में लगभग 21% की कमी आई है, साथ ही लगभग 90% की उपचार सफलता दर भी हासिल की गई है, जो हाल ही में डब्लूएचओ के आकलनों में दर्शाए गए वैश्विक औसत से अधिक है।

केंद्रीय मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि गुजरात—अपने मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली, नवाचारों को तेजी से अपनाने और ठोस कार्यक्रम स्वामित्व के कारण—अगली पीढ़ी की टीबी उन्मूलन रणनीतियों को लागू करने में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरने की क्षमता रखता है।
सांसदों से निर्वाचन क्षेत्र स्तर के हस्तक्षेपों को सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए, श्री नड्डा ने विशेष संसदीय नेतृत्व कार्यों का एक सेट प्रस्तुत किया। इनमें शामिल हैं:
- टीबी संकेतकों से जुड़े निर्वाचन क्षेत्र स्कोरकार्ड की नियमित समीक्षा
- क्रियान्वयन को मजबूत करने के लिए राज्य-विभागों के साथ समन्वय
- जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) बैठकों के माध्यम से टीबी समीक्षा की संस्थागत प्रक्रिया
- क्रियान्वयन संबंधी स्थानीय बाधाओं का समयबद्ध समाधान

श्री नड्डा ने सांसदों से आग्रह किया कि वे टीबी जागरूकता को जन संपर्क पहलों, स्थानीय मीडिया आउटरीच और सार्वजनिक आयोजनों के साथ एकीकृत करें, ताकि इस बीमारी से जुड़े कलंक को कम किया जा सके और लोगों को समय पर परीक्षण और उपचार कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। मंत्री ने आगे निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर नि-क्षय शिविरों के आयोजन और नि-क्षय मित्र नेटवर्क का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि टीबी का उपचार करवा रहे व्यक्तियों के लिए पोषण, परामर्श और कल्याण से जुड़े समर्थन समेत सतत सामुदायिक समर्थन सुनिश्चित किया जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने सांसदों को नई नीति दिशाओं के बारे में जानकारी दी, जैसे समुदाय-केंद्रित जांच, उन्नत तकनीकी-सक्षम निगरानी और पोषण समर्थन का महत्व आदि। अपर सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती अराधना पटनायक ने टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रगति-अद्यतन प्रस्तुत किए और टीबी मुक्त भारत में राज्य के योगदान को तेज करने में संसदीय सहभागिता की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

गुजरात के सांसदों ने संसदीय क्षेत्र स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन प्रयासों को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और टीबी-मुक्त भारत हासिल करने के लिए समन्वित, परिणाम-केंद्रित और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण के प्रति अपना समर्थन दोहराया।