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सिटी दर्पण
रियाद, 19 जून: हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। हज 2024 के दौरान दुनिया भर से लाखों मुस्लिम सऊदी अरब पहुंचे। लेकिन भीषण गर्मी के कारण यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 900 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि लोग अपने प्रियजनों के शवों को लेने की कोशिश कर रहे हैं। सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। हालांकि, मक्का के निकट अल-मुआइसम में आपातकालीन परिसर में सैकड़ों लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश में कतार में खड़े रहे।
ऑनलाइन प्रसारित एक सूची से पता चलता है कि पांच दिवसीय हज के दौरान कम से कम 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। दुनिया भर से 18 लाख मुस्लिमों ने इस तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया था। इस दौरान भीषण गर्मी देखी गई। सोमवार को इस्लाम के सबसे पवित्र शहर मक्का में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अरब राजनयिक ने कहा कि अकेले मिस्र के ही कम से कम 600 लोगों की मौत हो गई। एक दिन पहले यह संख्या 300 थी। अलग-अलग देशों की ओर से जारी आंकड़ों को देखते हुए एएफपी ने कहा कि अब तक 992 लोगों की मौत हो गई।
भारतीयों की भी गई जान
सऊदी अरब में एक राजनयिक ने बताया कि हज यात्रा के दौरान 68 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि कुछ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है। कई बुजुर्ग तीर्थयात्री थे। हमारा अनुमान है कि मौसम के कारण ऐसा हुआ है। नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर एसोसिएटेड प्रेस से बात करने वाले एक चिकित्सक ने कहा कि सूची वास्तविक प्रतीत होती है। मिस्र के अतिरिक्त जॉर्डन, इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और इराक के स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र की ओर से भी मौतों की पुष्टि हुई है, हालांकि कई मामलों में अधिकारियों ने कारण स्पष्ट नहीं किया है।
सऊदी में लगातार बढ़ रहा तापमान
फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क पर लापता लोगों के तस्वीर की बाढ़ आ गई है। लोगों से किसी भी तरह की जानकारी होने पर सूचना देने की बात कही जा रही है। हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और सभी मुस्लिमों के लिए जरूरी है। इस्लामी कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से अलग होता है और हर साल बदलता रहता है। पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी अध्ययन के मुताबिक क्षेत्र का तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी में पहले भी हज के दौरान भगदड़ जैसी घटनाओं में हजारों लोग मारे जा चुके हैं।