चंडीगढ़, 13 अप्रैल - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज वैसाखी के अवसर पर गुरुग्राम के साउथ सिटी-1 स्थित गुरुद्वारा में साध संगत को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने गुरुद्वारे में मत्था टेका और सभी को वैसाखी की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 1699 में खालसा पंथ की स्थापना को याद करते हुए कहा कि गुरु जी ने लोगों में साहस और बलिदान की भावना पैदा की और वीरता को आध्यात्मिक सोच से जोड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसाखी न केवल किसानो के लिए फसल की खुशहाली का प्रतीक है, बल्कि यह दिन उन संघर्षों और बलिदानों को भी दर्शाता है, जिनसे खालसा पंथ की स्थापना हुई। उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगलों के अत्याचारों का विरोध करते हुए खालसा पंथ की नींव रखी, जिससे समाज में भेदभाव समाप्त हुआ और सभी को समान अधिकार मिले।
श्री सैनी ने यह भी कहा कि गुरू गोबिंद सिंह जी के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य भी मानवता की रक्षा के लिए शहीद हुए, जिनका बलिदान बहुत कम उदाहरणों में मिलता है। इसके अलावा, उन्होंने 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हुई हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने स्वतंत्रता संग्राम को और अधिक प्रोत्साहन दिया।
मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में सिख संग्रहालय बनाने की घोषणा की, ताकि सिख समुदाय अपनी विरासत से जुड़ा रह सके। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लंबित मांगों को पूरा किया है, जिनमें सिरसा में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब के पास जमीन का हस्तांतरण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में और भी बड़े प्रोजेक्ट्स की शुरुआत होगी।