चंडीगढ़/अमृतसर, 6 मई
पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में जारी मुहिम के तहत, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने एक अहम कार्रवाई की। इस दौरान, एसएसओसी अमृतसर और केंद्रीय एजेंसियों ने एक गुप्त ऑपरेशन के तहत एसबीएस नगर के टिब्बा नंगल-कुलार रोड के पास स्थित एक सुनसान जंगली इलाके से आतंकवादी हार्डवेयर का बड़ा जखीरा बरामद किया। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी दी।
बरामद किए गए हथियारों में दो रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG), दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), पांच पी-86 हैड ग्रेनेड और एक वायरलेस सेट सहित सहायक उपकरण शामिल हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन हथियारों को आतंकवादी समूहों द्वारा जानबूझकर राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था में दहशत फैलाने के लिए छिपाया गया था। जांच में यह भी संकेत मिला है कि पाकिस्तान की आईएसआई और उसके सहयोगी आतंकवादी संगठन राज्य में स्लीपर सैल को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बरामदगी पंजाब पुलिस द्वारा पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी मॉड्यूल्स के खिलाफ चल रही कार्रवाई का हिस्सा है। डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब पुलिस राज्य की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए अपनी सभी ताकत से काम कर रही है और इन खतरों को बेअसर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
यह ऑपरेशन एसएसओसी अमृतसर द्वारा अजनाला सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक इलाके से IED, हैड ग्रेनेड, आधुनिक हथियार और गोला-बारूद की खेप बरामद किए जाने के कुछ दिन बाद हुआ है। तीन हफ्ते पहले, काउंटर इंटेलिजेंस जालंधर ने भी एक अन्य आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए, RPG, दो IEDs, 2 किलो RDX, एक रिमोट कंट्रोल, डिटोनेटर वाले दो हैड ग्रेनेड, तीन पिस्टल और 34 कारतूस के साथ चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
इस संबंध में एआईजी एसएसओसी अमृतसर सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि संबंधित धाराओं के तहत अमृतसर के एसएसओसी थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हार्डवेयर को छिपाने वाले आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।
एफआईआर 05 मई 2025 को केस नंबर 28 के तहत दर्ज की गई है, जिसमें हथियार एक्ट की धारा 25, विस्फोटक पदार्थ एक्ट की धारा 3, 4 और 5 और बीएनएस एक्ट की धारा 111 और 61(2) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।