"ऑपरेशन सिंदूर" के बाद बदले हालातों ने देश की नागरिक उड्डयन सेवाओं पर गहरा प्रभाव डाला है। बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के चलते गुरुवार को देशभर में 430 घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 10 मई तक 27 एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह संख्या देश में संचालित कुल उड़ानों का लगभग तीन प्रतिशत है।
उड़ानों पर नजर रखने वाले प्रमुख ग्लोबल ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म Flightradar24 के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के पश्चिमी हवाई गलियारे, विशेषकर जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक का एयरस्पेस, अब नागरिक विमानों के लिए लगभग खाली हो चुका है। एयरलाइंस कंपनियों ने इस क्षेत्र को संवेदनशील घोषित करते हुए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग शुरू कर दिया है।
विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान
सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। साथ ही, भारत और पड़ोसी देशों के बीच हवाई गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी दल भी गठित किया गया है।
विदेशी एयरलाइनों पर भी असर
इस स्थिति का असर सिर्फ घरेलू एयरलाइंस तक सीमित नहीं है। कई अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों ने भी पाकिस्तान के ऊपर से उड़ानें बंद कर दी हैं। जर्मनी की प्रमुख एयरलाइन लुफ्थांसा ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वर्तमान सुरक्षा हालातों को देखते हुए वह पाकिस्तान के एयरस्पेस का उपयोग नहीं कर रही है। लुफ्थांसा भारत के पांच शहरों के लिए सप्ताह में 64 उड़ानों का संचालन करती है, जो अब वैकल्पिक मार्गों के जरिये चलाई जाएंगी।
इसी तरह, ब्रिटेन की वर्जिन अटलांटिक ने भी अपने लंदन-दिल्ली मार्ग को परिवर्तित कर दिया है। कंपनी भारत के लिए हर सप्ताह लगभग 35 उड़ानों का संचालन करती है। नए मार्गों के चलते कुछ उड़ानों का समय भी बढ़ सकता है।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी
एयर इंडिया और Akasa Air जैसी कंपनियों ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति की पुष्टि अवश्य कर लें और कम से कम तीन घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचें।
ये एयरपोर्ट बंद हैं:
हिंडन, ग्वालियर, श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंटर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केसोड़ और भुज।
सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर फैसलों में बदलाव संभव है।