राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को 1 नवंबर 2025 से ईंधन नहीं मिलेगा। हालांकि वाहन मालिकों को कुछ राहत देते हुए 31 अक्टूबर 2025 तक का समय दिया गया है ताकि वे वैकल्पिक उपाय कर सकें।
फैसला क्यों लिया गया?
दिल्ली-NCR लंबे समय से वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। हर सर्दी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) "गंभीर" श्रेणी में पहुंच जाता है। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के तहत पहले ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक है। मगर अब इस आदेश को ज़मीनी स्तर पर सख्ती से लागू किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।
कैसे लागू होगा नया नियम?
1 नवंबर से NCR के सभी पेट्रोल पंपों पर विशेष स्कैनिंग प्रणाली लागू होगी। वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को स्कैन कर यह जांचा जाएगा कि वह नियमों के दायरे में आता है या नहीं। यदि वाहन तय आयु सीमा से अधिक पुराना पाया गया, तो उसे पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा।
प्रभावित होंगे लाखों वाहन
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-NCR में ऐसे लाखों वाहन हैं जो तय उम्र सीमा पार कर चुके हैं। इससे निजी वाहन मालिकों के साथ-साथ वाणिज्यिक वाहन धारकों पर भी असर पड़ेगा। विशेषकर टैक्सी, ऑटो, ट्रक और बस ऑपरेटरों को वैकल्पिक ईंधन या नई गाड़ियों का इंतज़ाम करना होगा।
सरकार की सलाह
सरकार ने वाहन मालिकों को सुझाव दिया है कि वे या तो अपनी पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत हटाएं या इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करें। कई राज्य सरकारें इस दिशा में सब्सिडी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट जैसी योजनाएं चला रही हैं।